उड़द दाल के 29 लाजवाब फायदे | Black Gram Health Benefits

Last Updated on June 3, 2023 by admin

उड़द दाल (Black Gram in Hindi)

भारतवर्ष के लगभग सभी स्थानों पर कम या अधिक मात्रा में उड़द का उत्पादन होता है। उड़द के छिलके का रंग काला होता है, किन्तु उड़द की दाल का रंग सफेद होता है। उड़द की दाल और बाजरे की रोटी परिश्रमी किसानों का प्रिय आहार है। उड़द पौष्टिक और शीतल है। ये पक्षाघात में पथ्य है। यह आध्यमान, अफरा करने वाला और दीर्घपाकी है। पाचनोपरान्त उड़द मधुर रस उत्पन्न करता है। उड़द के बड़े, बड़ियाँ, पापड़, लड्डू, पाक आदि बनते हैं । उड़द पाक अपने पौष्टिक गुणों के कारण अत्यन्त ही प्रसिद्ध है। उड़द की दाल वायुकारक न हो, इस हेतु उसमें लहसुन, हींग आदि पर्याप्त मात्रा में डालने चाहिए।

उड़द दाल के गुण (Urad Dal ke Gun)

  • उड़द पौष्टिक दलहन है। यह भारी, पाक में मधुर, स्निग्ध, रुचिकारक, वायुनाशक, मल को ढीलाकर नीचे उतारने वाला, तृप्तिदायक, बल प्रदायक, वीर्यवर्धक, अत्यन्त पुष्टिदायक, मल-मूत्र को मुक्त करने वाला, दुग्धपान कराने वाली माता का दूध बढ़ाने वाला और मेदकर्ता है।
  • उड़द पित्त और कफ को बढ़ाते हैं।
  • ये अर्श, वात, श्वास और शूल को नष्ट करते हैं । बबासीर, गठिया, लकवा और दमा में भी इसकी दाल खाना लाभदायक है।
  • उड़द के बड़े और बड़ियाँ बलप्रद, पुष्टिकारक, वीर्यवर्धक, वायु रोग नाशक, रुचि उत्पादक तथा विशेषकर अर्दित (वायु रोग का एक प्रकार जिसमें रोगी का मुँह टेढ़ा हो जाता है ।) नाशक हैं।
  • उड़द की दाल के पापड़-रुचि उत्पादक, अग्नि प्रदीपक, पाचक, रुक्ष और कुछ भारी है।
  • ठण्ड की ऋतु में तथा वायु प्रकृति वालों के लिए उड़द हितकारक है परन्तु पाचन होने पर ये गर्म और मधुर रस उत्पन्न करते हैं । अतः पित्त तथा कफ प्रकृति वालों के लिए इसका सेवन हानिकारक है।

उड़द दाल के फायदे (Urad Dal ke Fayde)

1. शक्तिदायक:

  • उड़द में शक्ति को बढ़ाने (शक्तिवर्द्धक) का गुण है। उड़द का प्रयोग किसी भी तरह से करने पर शक्ति बढ़ती है। रात्रि को 30 ग्राम उड़द की दाल पानी में भिगो दें और सुबह इसे पीसकर दूध व मिश्री के साथ मिलाकर पीने से मस्तिष्क व वीर्य के लिए बहुत ही लाभकारी है। ध्यान रहें : इसे अच्छी पाचन शक्ति वाले ही इस्तेमाल करें। छिलके सहित उड़द खाने से मांस बढ़ता है। उड़द दाल में हींग का छौंका देने से इसके गुणों में अधिक वृद्धि हो जाती है। भीगी हुई उड़द दाल को पीसकर एक चम्मच देशी घी व आधा चम्मच शहद में मिलाकर चाटने के बाद मिश्री मिला हुआ दूध पीना लाभदायक है। इसका प्रयोग लगातार करते रहने से पुरुष घोड़े की तरह ताकतवर हो जाता है।
  • उड़द दाल को पानी में भिगोकर और उसे पीसकर उसमें नमक, कालीमिर्च, हींग, जीरा, लहसुन और अदरक मिलाकर उसके `बड़े´ (एक पकवान) बनायें। ये बड़े घी या तेल में डालकर खाने से वायु, दुर्बलता, बेस्वाद (अरुचि), टी.बी. व दर्द दूर हो जाता है। उड़द दाल को पीसकर दही में मिलाकर व तलकर सेवन से पुरुषों के बल और धातु में बढ़ोत्तरी होती है।
  • उड़द दाल का आटा 500 ग्राम, गेहूं का आटा 500 ग्राम व पीपर का चूर्ण 500 ग्राम लें और उसमें 100 ग्राम घी मिलाकर चूल्हे पर पकाकर 40-40 ग्राम वजन का लड्डू बना लें। रात को सोने के समय एक लड्डू सेवन करके ऊपर से 250 मिलीलीटर दूध पी लें। इसके प्रयोग में खट्टे, खारे व तेल वाले चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए जिससे शरीर क्षीण नहीं होता और शारीरिक ताकत बढ़ती है। ( और पढ़े – शरीर को मजबूत बनाने वाले चमत्कारी प्रयोग )

2. सफेद दाग:

  • उड़द के आटे को भिगोकर व पीसकर सफेद दाग पर नित्य चार महीने तक लगाने से सफेद दाग खत्म हो जाते हैं।
  • काले उड़द को पीसकर सफेद दागों पर दिन में 3-4 बार दागों में लगाने से सफेद दागों का रंग वापस शरीर के बाकी रंग की तरह होने लगता है। (और पढ़े – सफेद दाग के 40 घरेलु इलाज )

3. गंजापन : उड़द दाल को उबालकर पीस लें। रात को सोने के समय सिर पर लेप करें। इससे गंजापन धीरे-धीरे दूर होकर नये बाल आने शुरू हो जाते हैं। ( और पढ़े – गंजापन दूर करने के 47 घरेलु नुस्खे )

4. मर्दाना शक्ति: उड़द का एक लड्डू रोजाना खाकर उसके बाद दूध पीने से वीर्य बढ़कर धातु पुष्ट होता है और रति शक्ति (संभोग) बढ़ती है।

5. अर्धांगवात: उड़द व सौंठ को चाय की तरह उबालकर इसका पानी पिलाने से लाभ होता है।

6. हिचकी:

  • साबूत उड़द जले हुए कोयले पर डालें और इसका धुंआ सूंघे। इससे हिचकी खत्म हो जाती है।
  • उड़द और हींग का चूर्ण मिलाकर अग्नि में जलाकर इसका धूम्रपान करने से हिचकी में फायदा होता है। ( और पढ़े –तुरंत हिचकी रोकेंगे ये 10 असरकारक रामबाण उपाय )

7. नकसीर, सिरदर्द: उड़द दाल को भिगोकर व पीसकर ललाट पर लेप करने से नकसीर व गर्मी से हुआ सिरदर्द ठीक हो जाता है।

8. फोडे़: फोड़े से गाढ़ी पीव निकले तो उड़द की पट्टी बांधने से लाभ होता है।

9. नासा रोग: उड़द का आटा, कपूर व लाल रेशमी कपड़े की राख को पानी में मिलाकर सिर पर लेप करने से नासा रोग में लाभ होता है।

10. पेशाब के साथ वीर्य का जाना : उड़द दाल का आटा 10 से 15 ग्राम लेकर उसे गाय के दूध में उबालें, फिर उसमें घी डालकर थोड़ा गर्म-गर्म 7 दिनों तक लगातार पीने से मूत्र के साथ धातु का निकलना बन्द हो जाता है।

11. पेशाब का बार-बार आना:

  • आंवले का रस, शहद से या अडूसे का रस जवाक्षार डालकर पीने से पेशाब का बार बार आना बन्द होता है।
  • अगर एक चम्मच आंवले के रस में, आधा चम्मच हल्दी और 1 चम्मच शहद मिलाकर खाये तो पूरा लाभ होता है।

12. नपुंसकता:

  • उड़द की दाल 40 ग्राम को पीसकर शहद और घी में मिलाकर खाने से पुरुष कुछ ही दिनों में मैथुन करने के लायक बन जाता है।
  • उड़द की दाल के थोड़े-से लड्डू बना लें। उसमें से दो-दो लड्डू खायें और ऊपर से दूध पी लें। इससे नुपंसकता दूर हो जाती है।

13. बालों के रोग:

  • 200 ग्राम उड़द की दाल, 100 ग्राम आंवला, 50 ग्राम शिकाकाई, 25 ग्राम मेथी को कूटकर छान लें। इस मिश्रण में से 25 ग्राम दवा 200 मिलीलीटर पानी के साथ एक घंटा भिगोकर रख दें और इसके बाद इसको मथ-छानकर बालों को धो लें, इससे बालों के रोगों में लाभ होता है।
  • उड़द की दाल उबालकर पीस लें और इसको रात को सोते समय सिर के गंजेपन की जगह पर लगायें। इससे बाल उग आते हैं।

14. स्तनों में दूध की वृद्धि: उड़द की दाल में घी मिलाकर खाने से स्त्रियों के स्तनों में पर्याप्त मात्रा में दूध की वृद्धि होती है।

15. अतिझुधा भस्मक रोग (अधिक भूख का लगना): उड़द, जौ, कुल्थी, डाब की जड़ का चूर्ण दूध और घी के साथ पीने से एक महीने तक भूख नहीं लगती है।

16. कमजोरी: उड़द की दाल का लड्डू रोजाना सुबह खाकर ऊपर से दूध पीने से कमजोरी कम होती है।

17. पक्षाघात-लकवा-फालिस फेसियल, परालिसिस: उड़द और सौंठ को उबालकर उसका पानी रोगी को पिलाने से लकवा ठीक हो जाता है।

18. मोटापा बढ़ाना: उड़द की दाल छिलके सहित खाने से शरीर मोटा होता है।

19. रक्तपित्त: वनउड़द 2 से 4 ग्राम सुबह-शाम खाने से रक्तपित्त ठीक होता है।

20. सभी प्रकार के दर्द: उड़द की दाल की बड़ियां (पकौड़ी) को तेल में पकाकर बना लें, फिर इन बड़ियों को शहद और देशी घी में डालकर खाने से `अन्नद्रव शूल´ यानी अनाज के कारण होने वाले दर्द में लाभ देता हैं।

21. धातुवर्द्धक: उड़द की दाल को पीसकर नमक, कालीमिर्च, जीरा, हींग, लहसुन और अदरक आदि को डालकर घी में तलकर दही में मिलाकर खाने से वीर्य बढ़ता है। ( और पढ़े – वीर्य को गाढ़ा व पुष्ट करने के आयुर्वेदिक उपाय)

22. नकसीर: उड़द की दाल को भिगोकर पीस लें। इस पिसी हुई दाल को माथे पर लगाने से नकसीर (नाक से खून बहना) बन्द हो जाती है।

23. गठिया (जोड़ों का दर्द): उड़द की दाल को अरण्ड की छाल के साथ उबालकर उबले उड़द के दाने चबाने से गठिया में हड्डी के अन्दर होने वाली कमजोरी दूर हो जाती है।

24. हृदय की दुर्बलता: रात को 50 ग्राम उड़द की दाल भिगो दें। सुबह इसे पीसकर आधा गिलास दूध में स्वादानुसार मिश्री मिलाकर पीयें। यह हृदय को शक्ति देता है।

25. मुंहासे: उड़द और मसूर की बिना छिलके की दाल को सुबह दूध में भिगो दें। शाम को बारीक से बारीक पीसकर उसमें नींबू के रस की थोड़ी बूंदे और शहद की थोड़ी बूंदे डालकर अच्छी तरह मिला लें और लेप बना लें। फिर इस लेप को चेहरे पर लगा लें। सुबह इसे गर्म पानी से धो लें। ऐसा लगातार कुछ दिनों तक करने से चेहरे के मुंहासे और दाग दूर हो जाते है और चेहरे में नयी चमक पैदा हो जाती है।

26. लिंग वृद्धि:

  • लिंग को मोटा करने के लिए चिरचिटा, जौ, उड़द एवं पीपल सभी को जल के साथ पीसकर लेप करने से लिंग बढ़ जाता है और लिंग का पतलापन दूर होता है।
  • लिंग में वृद्धि करने के लिए चिमटी, जौ, उड़द और पीपल को जल के साथ पीसकर लिंग पर लेप करने से लिंग में वृद्धि होती है।

27. सिर का दर्द: उड़द की दाल को पानी में भिगोकर फुला लें और इसको पीसकर सिर पर लेप की तरह से लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।

28. याददास्त कमजोर होना: रात को सोते समय लगभग 60 ग्राम उड़द की दाल को पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इस दाल को पीसकर दूध और मिश्री मिलाकर पीने से याददास्त मजबूत होती है और दिमाग की कमजोरी खत्म हो जाती है।

29. शरीर में सूजन: काले उड़द, यव (जौ) और गोधूम को बराबर मात्रा में लेकर पानी में पीस लें और इसको लेप की तरह बदन पर लगाने से शरीर की सूजन खत्म हो जाती है।

उड़द दाल के नुकसान (Urad Dal ke Nuksan)

  • उड़द भारी है। अतः अपनी पाचनशक्ति को ध्यान में रखते हुए ही इसका उपयोग करना चाहिए। मन्दाग्नि वाले इसका सेवन न करें।
  • उड़द अफरा करने वाला एवं दीर्घपाकी है । इसका शमन अदरक, काली मिर्च और हींग से होता है।

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