कंपवात के 19 आयुर्वेदिक घरेलू उपचार | Herbal remedies for Chorea

Last Updated on June 17, 2022 by admin

कंपवात के लक्षण :

शरीर के किसी अंग का या पूरे शरीर के नियंत्रण खो जाने से कम्पन होता रहता है। यह एक तरह का वात ही है। इसलिए इसे कम्पवात कहते हैं।

कंपवात में भोजन तथा परहेज :

गेहूं की रोटी, घी और शक्कर (चीनी) डाला हुआ हलुवा, साठी चावल-पुनर्नवा के पत्तों का साग, अनार, आम, अंगूर, अरण्डी का तेल और अग्निमान्द्य (पाचनक्रिया का मन्द होना) न हो तो उड़द की दाल ले सकते हैं।

वातरोग में चना, मटर, सोयाबीन, आलू, मूंग, तोरई, कटहल, ज्यादा मेहनत, रात में जागना, व्रत करना, ठंड़े पानी से नहाना जैसे कार्य नहीं करने चाहिए। रोगी को उड़द की दाल, दही, मूली आदि चीजें नहीं खानी चाहिए क्योंकि यह सब चीजें कब्ज पैदा करती है।
आइये जाने कंपवात को दूर करने के घरेलू उपाय Home Remedies for Chorea in Hindi

कंपवात का घरेलू इलाज :

1. तगर : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम तगर का चूर्ण यशद भस्म के साथ सुबह-शाम सेवन करने से कम्पन(Kampvaat) के रोगी को लाभ मिलता है।

2. जटामांसी : हाथ-पैर कांपने पर या किसी दूसरे अंग के अपने आप हिलने पर जटामांसी का काढ़ा 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित सेवन करना चाहिए।

3. लहसुन :

  • शरीर का कम्पन दूर करने के लिए बायविडंग एवं लहसुन के रस को पकाकर सेवन करने से रोगी को लाभ मिलता है।
  • लहसुन के रस से शरीर पर मालिश करने से रोगी का कंपन दूर होता है।
  • 4 जावा (कली) लहसुन छिलका हटाकर पीस लें। इसे गाय के दूध में मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से कम्पन के रोगी का रोग ठीक हो जाता है।

4. घी : 10 ग्राम गाय का घी एवं 40 मिलीलीटर दूध को 4 भाग (10-10 मिलीलीटर की मात्रा) लेकर हल्की आंच पर पका लें। इस चारों भागों में 3 से 6 ग्राम की मात्रा में असगंध नागौरी का चूर्ण मिला लें। यह मिश्रण रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से कम्पन के रोगी का रोग जल्द ठीक हो जाता है।

5. कुचला :

  • आधा-आधा चम्मच अजवायन और सौंठ का चूर्ण तथा कुचला बीज मज्जा (बीच के हिस्से) का 100 ग्राम चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम खायें। इससे शरीर का कांपना (Kampvaat) ठीक होता है।
  • लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग शुद्ध कुचला का चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने से कम्पवात में लाभ मिलता है।

6. निर्गुण्डी :

निर्गुण्डी की ताजी जड़ एवं हरे पत्तों का रस निकाल कर उसमें पाव भाग तिल का तेल मिलाकर गर्म करके सुबह-शाम 1-1 चम्मच पीने से तथा मालिश करते रहने से कंपवात, संधियों का दर्द एवं वायु का दर्द मिटता है। स्वर्णमालती की 1 गोली अथवा 1 ग्राम कौंच का पाउडर दूध के साथ लेने से लाभ होता है।

7. लहसुन : लहसुन के रस में वायविडंग को पकाकर खाने से एवं लहसुन से प्राप्त तेल की मालिश करने से अंगुलियों का कम्पन ठीक हो जाता है।

8. महानींबू : लगभग 10 से 20 मिलीलीटर महानींबू (चकोतरा) के पत्तों का रस सुबह-शाम सेवन करते रहने से अंगुलियों का कांपना ठीक हो जाता हैं।

9. सोंठ : महारास्नादि में सोंठ का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीने और प्रतिदिन रात को 2 चम्मच एरण्ड तेल को दूध में मिलाकर सोने से पहले सेवन करने से अंगुलियों का कांपना की शिकायत दूर हो जाती है।

10. दूध : चार कली लहसुन को दूध में अच्छी तरह से उबाल लें, फिर इसमें 2 चम्मच एरण्ड का तेल मिलाकर प्रतिदिन सोने से पहले सेवन करने से अंगुलियों का कम्पन कम हो जाता है।

11. गाय का घी : गाय का घी और गाय का चार गुना दूध लेकर उबाले फिर उसमें मिश्री मिलाकर 3 से 6 ग्राम असगन्ध नागौरी के चूर्ण के साथ सुबह-शाम पीने से अंगुलियों का कांपना दूर हो जाता है।

12. जटामांसी : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम जटामांसी को फेंटकर प्रतिदिन दो से तीन बार सेवन करने से लाभ मिलता है।

13. कुचला : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग शुद्ध कुचले का चूर्ण सुबह-शाम सेवन करने से शरीर का कांपना(Kampvaat) दूर हो जाता है। रोगी को काफी राहत महसूस होती है।

14. असगंधनागौरी : लगभग 3 से 6 ग्राम असगंध नागौरी को गाय के घी और उसका चार गुना दूध में उबालकर मिश्री मिलाकर प्रतिदिन पीने से अंगुलियों का कांपना दूर हो जाता हैं। इससे रोगी को काफी लाभ मिलता है।

15. तिल : तिल के तेल में अफीम और आक के पत्ते मिलाकर गरम करके लेप करने से हाथ-पैरों की अंगुलियों की कम्पन दूर हो जाती है।

16. आशाकन्द : लगभग 2 ग्राम आशाकन्द का चूर्ण दूध के साथ लेने से हाथ-पैरों की अंगुलियों का कम्पन ठीक हो जाता है।

17. गोरखमुण्डी : हाथ-पैरों की अंगुलियों का कांपना दूर करने के लिए गोरखमुण्डी और लौंग का चूर्ण खाने से रोगी को फायदा मिलता है।

18. भांगरा : लगभग 20 ग्राम भांगरे के बीजों के चूर्ण में 3 ग्राम घी मिलाकर मीठे दूध के साथ खाने से हाथ-पैरों का कांपना दूर हो जाता है।

19. बड़ी हरड़ : हाथ-पैरों की अंगुलियों का कम्पन दूर करने के लिए बड़ी हरड़ का चूर्ण खाने से रोगी का रोग ठीक हो जाता है।


(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

4 thoughts on “कंपवात के 19 आयुर्वेदिक घरेलू उपचार | Herbal remedies for Chorea”

  1. justdial वेबसाइट की सहायता से आप निकटवर्ती सेंटर की जानकारी प्राप्त कर सकते है

  2. whether any panchkarma chikitsa and natural treatment centre are located in karol bagh, new delhi?
    If any centre which are empannelled wiith CGHS. please tell me

  3. पंचकर्म चिकित्सा के साथ प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर आप रोग से निजात पा सकते है ~ हरिओम

  4. my name is lal chand, 58yrs is suffering from parkinsion last 5 yrs. I have taken many treatment i.e. Allopathy, homeopathy, aurvedic, unani physiotherapy and many but result is zero. if you have any medicine or treatment pl. tell me. I shall be grateful to you.

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