अब दाँत का दर्द मिटायें चुटकियों मे(आसान असरकारक घरेलू उपचार) | Simple Remedies for Toothache Relief

Last Updated on March 25, 2017 by admin

दाँत की सफाई तथा मजबूतीः

पहला प्रयोगः नींबू के छिलकों पर थोड़ा-सा सरसों का तेल डालकर दाँत एवं मसूढ़ों को घिसने से दाँत सफेद एवं चमकदार होते हैं, मसूढ़े मजबूत होते हैं, हर प्रकार के जीवाणुओं का नाश होता है तथा पायरिया आदि रोगों से बचाव होता है।

मशीनों से दाँत की सफाई इतनी हितकारी नहीं है।

दूसरा प्रयोगः बड़ और करंज की दातौन करने से दाँत मजबूत होते हैं।

तीसरा प्रयोगः जामफल के पत्तों को अच्छी तरह चबाकर उसका रस मुँह में फैलाकर, थोड़ी देर तक रखकर थूक देने से अथवा जामफल की छाल को पानी में उबालकर उसके कुल्ले करने से दाँत के दर्द, मसूढ़ों में से खून आना, दाँत की दुर्गन्ध आदि में लाभ होता है।

दाढ़ का दर्दः

पहला प्रयोगः  कपूर की गोली अथवा लौंग या सरसों के तेल या बड़ के दूध में भिगोया हुआ रूई का फाहा अथवा घी में तली हुई हींग का टुकड़ा दाढ़ के नीचे रखने से दर्द में आराम मिलता है।

मसूढ़ों की सूजनः

पहला प्रयोगः   जामुन के वृक्ष की छाल के काढ़े के कुल्ले करने से दाँतों के मसूढ़ों की सूजन मिटती है व हिलते दाँत मजबूत होते हैं।

दाँत खटा जाने परः

पहला प्रयोगः   तिल के तेल में पीसा हुआ नमक मिलाकर उँगली से दाँतों को रोज घिसने से दाँत खटा जाने की पीड़ा दूर हो जायगी।

दाँत क्षत-विक्षत अवस्था में-

पहला प्रयोगः   तिल के तेल से हाथ की उँगली से दिन में तीन बार दाँतों एवं मसूढ़ों की मालिश करें। 7 दिन बाद बड़ की दातौन को चबाकर मुलायम बनने पर घिसें। तिल के तेल का कुल्ला मुँह में भरकर जितनी देर रख सके उतनी देर रखें। मुँह आँतों का आयना है अतः पेट की सफाई के लिए छोटी हरड़ चबाकर खायें।

रक्तस्राव बंद करने हेतुः

पहला प्रयोगः   नमक के पानी के कुल्ले करने तथा कत्थे अथवा हल्दी का चूर्ण लगाने से गिरे हुए दाँत का रक्तस्राव बंद होता है।

पायरियाः

पहला प्रयोगः नीम के पत्तों की राख में कोयले का चूरा तथा कपूर मिलाकर रोज रात को लगाकर सोने से पायरिया में लाभ होता है।

दूसरा प्रयोगः सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर दाँतों पर लगाने से दाँतों से निकलती दुर्गन्ध एवं रक्त बंद होकर दाँत मजबूत होते हैं तथा पायरिया जड़मूल से निकल जाता है। साथ में त्रिफला गुग्गल की 1 से 3 गोली दिन में तीन बार लें व रात्रि में 1 से 3 ग्राम त्रिफला का सेवन करें।

दाँत-दाढ़ के दर्द पर मंत्र प्रयोगः

ॐ नमो आदेश गुरु का… बन में ब्याई अंजनी…जिन जाया हनुमंत…. कीड़ा मकड़ा माकड़ा…. ये तीनों भस्मंत…. गुरु की भक्ति…. मेरी भक्ति…. फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

एक नीम की टहनी लेकर दर्द के स्थान पर छुआते हुए सात बार इस मंत्र को श्रद्धा से जपें। ऐसा करने से दाँत या दाढ़ का दर्द समाप्त हो जायगा और पीड़ित व्यक्ति आराम का अनुभव करेगा।

दाँतों की सुरक्षा हेतुः

पहला प्रयोगः   भोजन के पश्चात् अथवा अन्य किसी भी पदार्थ को खाने के बाद गिनकर 11 बार कुल्ला जरूर करना चाहिए। गर्म वस्तु के सेवन के तुरंत पश्चात् ठण्डी वस्तु का सेवन न करें।

मसूढ़े के रोगी को प्याज, खटाई, लाल मिर्च एवं मीठे पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए।

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