आँवला रस के इन 16 फायदों को जान आप भी रह जायेंगे हैरान | Amla juice peene ke fayde in hindi

Last Updated on November 9, 2021 by admin

आँवला जूस पीने के फायदे : Amla Juice Benefits

आँवला रस/जूस वार्धक्य निवृति व यौवन-सुरक्षा करनेवाला तथा पित्त व वायु द्वारा होने वाली 112 बिमारियों को मार भागने वाली सर्वश्रेष्ठ रसायन है । इसके रस से शरीर में शीघ्र ही शक्ति, स्फूर्ति, शीतलता व ताजगी का संचार होता है । यह अस्थियों, दाँत व बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है | आँवला रस रक्त व शुक्रधातु की वृद्धि करता है । इसके नियमित सेवन से नेत्रज्योति बढती है तथा मस्तिष्क व ह्रदय को ताजगी, ठंडक व शक्ति मिलती है । यह वृद्धावस्था को दूर रख चिरयौवन व दीर्घायुष्य प्रदान करता है । आँवला रस आँखों व पेशाब की जलन, अम्लपित्त, श्वेतप्रदर, बवासीर आदि पित्तजन्य अनेक विकारों को दूर करता है ।

अन्य विशेष प्रयोग :

1. शरीरपुष्टि : आँवले के रस (Amla Juice)में २ ग्राम अश्वगंधा चूर्ण व मिश्री मिला के लेने से शरीरपुष्टि, वीर्यवृद्धि एवं वंध्यत्त्व में लाभ होता है | स्त्री-पुरुषों के शरीर में शुक्रधातु की कमी का रोग निकल जाता है और संतानप्राप्ति की ऊर्जा बढ़ती है |

2. मधुमेह : 2-4 ग्राम हल्दी मिला के लेने से स्वप्नदोष, मधुमेह व पेशाब में धातु जाना आदि में लाभ होता है |

3. श्वेतप्रदर : मिश्री के साथ लेने से स्त्रियों के अधिक मासिक व श्वेतप्रदर रोगों में लाभ होता है |

4. बलवृद्धि : 10-15 मि.ली. रस में उतना ही पानी मिला के मिश्री, शहद अथवा शक्कर का मिश्रण करके भोजन के बीच में लेने वाला व्यक्ति कुछ ही सप्ताह में निरोगी काय व बलवृद्धि का एहसास करता है, ऐसा कइयों का अनुभव है (वैध्य सम्मत)|

Amla-juice

5. पेशाब की जलन :

  • आधा कप आंवले के रस (Amla Juice)में 2 चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
  • हरे आंवले का रस 50 मिलीलीटर, शक्कर या शहद 25 ग्राम थोड़ा पानी मिलाकर सुबह-शाम पीएं। यह एक खुराक का तोल है। इससे पेशाब खुलकर आयेगा जलन और कब्ज ठीक होगी। इससे शीघ्रपतन दूर भी होता है।

6. खून के बहाव (रक्तस्राव) : स्राव वाले स्थान पर आंवले का ताजा रस लगाएं, स्राव बंद हो जाएगा।

7. धातुवर्द्धक (वीर्यवृद्धि) : एक चम्मच घी में दो चम्मच आंवले का रस मिलाकर दिन में 3 बार कम-से-कम 7 दिनों तक ले सकते हैं।

8. आंखों (नेत्र) के रोग में :

  • आंवले के रस को आंखों में डालने अथवा सहजन के पत्तों का रस 4 ग्राम तथा सेंधानमक लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग इन्हें एक साथ मिलाकर आंखों में लगाने से शुरुआती मोतियाबिंद (नूतन अभिष्यन्द) नष्ट होता है।
  • आंवले का रस पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। आंवले के साथ हरा धनिया पीसकर खाने से भी आंखों के रोग में लाभ होता है।

9. हिक्का (हिचकी) :

  • आंवले के 10-20 मिलीलीटर रस और 2-3 ग्राम पीपल का चूर्ण, 2 चम्मच शहद के साथ दिन में सुबह और शाम सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।
  • 10 मिलीलीटरआंवले के रस में 3 ग्राम पिप्पली चूर्ण और 5 ग्राम शहद मिलाकर चाटने से हिचकियों से राहत मिलती है।

10. वमन (उल्टी) :

  • आंवले के 20 मिलीलीटर रस में एक चम्मच मधु और 10 ग्राम सफेद चंदन का चूर्ण मिलाकर पिलाने से वमन (उल्टी) बंद होती है।
  • आंवले के रस में पिप्पली का बारीक चूर्ण और थोड़ा सा शहद मिलाकर चाटने से उल्टी आने के रोग में लाभ होता है।

11. मूत्रकृच्छ (पेशाब में कष्ट या जलन होने पर) :

  • आंवले की ताजी छाल के 10-20 मिलीलीटर रस में दो ग्राम हल्दी और दस ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम पिलाने से मूत्रकृच्छ मिटता है।
  • आंवले के 20 मिलीलीटर रस(Amla Juice)में इलायची का चूर्ण डालकर दिन में 2-3 बार पीने से मूत्रकृच्छ मिटता है।

12. खूनी अतिसार (रक्तातिसार) : यदि दस्त के साथ अधिक खून निकलता हो तो आंवले के 10-20 मिलीलीटर रस में 10 ग्राम शहद और 5 ग्राम घी मिलाकर रोगी को पिलायें और ऊपर से बकरी का दूध 100 मिलीलीटर तक दिन में 3 बार पिलाएं।

13. रक्तगुल्म (खून की गांठे) : आंवले के रस में कालीमिर्च डालकर पीने से रक्तगुल्म खत्म हो जाता है।

14. मूत्रातिसार (सोमरोग) : एक पका हुआ केला, आंवले का रस 10 मिलीलीटर, शहद 5 ग्राम, दूध 250 मिलीलीटर, इन्हें एकत्र करके सेवन करने से सोमरोग नष्ट होता है।

15. तेज अतिसार (तेज दस्त) : 5-6 आंवलों को जल में पीसकर रोगी की नाभि के आसपास उनकी थाल बचाकर लेप कर दें और थाल में अदरक का रस भर दें। इस प्रयोग से अत्यंत भयंकर नदी के वेग के समान दुर्जय, अतिसार का भी नाश होता है।

16. योनि की जलन, सूजन और खुजली :

  • आंवले का रस 20 मिलीलीटर, 10 ग्राम शहद और 5 ग्राम मिश्री को मिलाकर मिश्रण बना लें, फिर इसी को पीने से योनि की जलन समाप्त हो जाती है।
  • आंवले के रस (Amla Juice) में चीनी को डालकर 1 दिन में सुबह और शाम प्रयोग करने से योनि की जलन मिट जाती है।

सेवन विधि : 15-20 मि.ली. रस (आगे-पीछे २ घंटे तक दूध न लें | रविवार व शुक्रवार को न लें |)

17. अन्य प्रयोग :

  • सप्तमी, नवमी, अमावस्या, रविवार, सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण तथा संक्राति – इन तिथियों को छोडकर बाकी के दिन आँवले का रस शरीर पर लगाकर स्नान करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है | (स्कंद पुराण, वैष्णव खंड)
  • मृत व्यक्ति की हड्डियाँ आँवले के रस से धोकर किसी भी नदी में प्रवाहित करने से उसकी सद्गति होती है | (स्कंद पुराण, वैष्णव खंड)

(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

2 thoughts on “आँवला रस के इन 16 फायदों को जान आप भी रह जायेंगे हैरान | Amla juice peene ke fayde in hindi”

  1. नमस्कार Somesh joshi जी

    आमला रस बनाने के बाद बचे हुए आमले के कुचे को फेके नहीं उस आमले से आप अचार ,चटनी या जैम बना सकते है |

    – हरिओम

  2. प्रभु आमला रस बनाने के बाद बचे हुए आमले का कुछ उपयोग कर सकते है क्या ???

Leave a Comment

error: Alert: Content selection is disabled!!
Share to...