उच्च रक्तचाप से बचाव के असरकारक सरल उपाय | high blood pressure

Last Updated on August 13, 2020 by admin

उच्च रक्तचाप की शिकयत वले बुद्धिजीवी वर्ग वालो को प्रतिदिन २-३ घंटे ससंकल्प मौन व्रत के साथ ही साथ सप्ताह में एक बार ६ घंटे से लेकर १८ घंटे तक मौन व्रत अवश्य करना चहिये. मौन साधना की अवधि में अनुष्ठानो के अतिरिक्त ऐसी प्रवित्तियो से बचना चाहिए, जिनसे किसी प्रकार की उत्तेजना पैदा होने की जरा भी सम्भावना हो.
यदि अच्छी तरह १५ मिनट श्वास का ध्यान किय जाये तो मानसिक तनाव दूर होगा, शांति मिलेगा, बढ़ा हुआ रक्तचाप दूर होगा.

उच्च रक्तचाप की घरेलू चिकित्सा : high blood pressure ka gharelu ilaj in hindi

(1) बड़ी इलायची 200 ग्राम लेकर तवे पर इतनी देर तक सेकें कि जल कर राख हो जाये। इस राख को पीस-छान कर साफ शीशी में भर लें। एक छोटी चम्मच इलायची की राख और 2 चम्मच शहद-इन दोनों को मिलाकर सुबह-शाम खायें। इसके बाद 20-25 मिनट तक चाय या पानी का सेवन न करें। 15 दिन तक लगातार प्रयोग करने से उच्च रक्तचाप सामान्य हो जायेगा।

(2) प्याज का रस खून में cholesterol की मात्रा को कम करके दिल के दौरे को रोकता है। प्याज नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाता है। खून साफ करता है। प्याज का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर, नित्य दो चम्मच की मात्रा में दिन में एक बार लेना रक्तचाप में लाभप्रद है।

(3) किसी भी प्रकार से नीम्बू के रस का प्रयोग करने से रक्त वाहिनियाँ कोमल व लचकदार हो जाती हैं! हृदयाघात (हार्ट अटैक) होने का भय नहीं रहता व रक्तचाप सामान्य बना रहता है!

(4) नीम्बू का रस, शहद व अदरक का रस तीनों एक-एक चम्मच गुनगुने पानी में मिलाकर सप्ताह में २-३ दिन पियें! यह पेट के रोग, उच्च रक्तचाप, हृदयरोग के लिए एक उत्तम टॉनिक है।

(5) रात को तांबे के बर्तन में पाँव किलो पानी रखें और उसमें असली* रुद्राक्ष के आठ दाने डालकर रख दें । रोजाना सवेरे उषापान के रूप में वह पानी पी जाएँ ।इसके नित्य प्रयोग से तीन माह में हि रक्तचाप कम हो जाएगा । आप उन्ही दानों को तीन माह तक प्रयोग कर सकते हैं हाँ रुद्राक्ष को दो तीन सप्ताह बाद ब्रुश से साफ़ करके धुप में सुखा लें !
* शुद्ध रुद्राक्ष की पहचान यह है कि शुद्ध रुद्राक्ष पानी में डूब जाता है ।

(6) दौ सौ पचास ग्राम ताज़ी हरी लौकी छिलके सहित पांच सौ ग्राम पानी में प्रेशर कुकर में डालकर आग पर रख दें और एक सीटी बजने पर आग पर से उतार लें । मसलकर छान कर ( बिना इसमें कुछ मिलाएं ) इसे सूप कि तरह गर्म गर्म पी लें । आवश्यकतानुसार प्रात: खाली पेट लगातार तीन चार दिन तक रौजाना एक खुराक लें ।

(7) एक तांबे की कटोरी में १०-१५ ग्राम मैथी दाना रात को पानी में भिगो दें । सुबह मैथी दाना निकालकर वह पानी पी लें । रक्तचाप कि अवस्था में आवश्यक परहेज के साथ यह प्रयोग करने से चाहे रक्तचाप बढ़ा हुआ हो या कम हो सामान्य होने लगेगा । साथ हि इस प्रयोग से मधुमेह तथा मोटापा में भी लाभ होता है ।

(8) उच्च रक्तचाप में रात्री में सोने से पहले बादाम के तेल की पांच पांच बूंदों का नस्य लेने से भी ना केवल रक्तचाप बल्कि सिर के अनेक रोगों में भी लाभ होता है ।

उच्च रक्तचाप के अन्य उपाय :

(1) सूक्ष्म चूर्ण अचरॊल (सर्पगंधा) का, दो माशे भर खाय।
जल संग लेवे दो समय, रक्तचाप घटि जाय।।
विशेष – चाप संतुलित हो रहे, कर दे औषध बन्द।
अन्य रोगहर योग का, करे विशेष प्रबन्ध।।

(2) तीन मील घूमा करे, प्रात: नंगे पैर।
रक्त चाप होवे नहीं, हृदय रोग से खैर (बचाव)।।

(3) बासी रोटी गेहूं की, भीगो दूध में खाय।
उच्च रक्त के चाप में, शीघ्र लाभ दरसाय।।

(4) माशा चूरण बालछड़ (बड़ी इलायची), ताजा जल से खाय।
रक्त चाप हो उच्च तो, जल्द ठिकाने आय।।

(5) तोला ब्राह्मी पत्र (पत्ता) रस, पीवे सांस-सकार (समय)।
उच्च रक्त के चाप में, जल्दी होय सुधार।।

Leave a Comment

Share to...