ऊर्ध्व हस्तोतानासन की विधि व इसके 9 जबरदस्त फायदे | Urdhva hastasana Steps and Health Benefit

Last Updated on July 22, 2019 by admin

ऊर्ध्व हस्तोतानासन : Urdhva hastasana

इस आसन में दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसाकर ऊपर की ओर खींचा जाता है इसलिए इसका नाम ऊर्ध्व हस्तोतानासन रखा गया है।

ऊर्ध्व हस्तोतानासन के फायदे / लाभ : Urdhva hastasana ke fayde /Benefits

1)  ऊर्ध्व हस्तोतानासन के अभ्यास से कब्ज मिटती है, पसली का दर्द दूर होता है। ( और पढ़ेंकब्‍ज दूर करने के घरेलू उपचार  )
2)  जिन लोगों को कब्ज की शिकायत अधिक रहती हो उन्हे सुबह 2 गिलास पानी पीने के बाद ताड़ासन करना चाहिए। फिर इसके बाद ऊर्ध्व हस्तपदासन का अभ्यास दोनों ओर से 4-4 बार करें और अंत में कटिचक्रासन का अभ्यास करके इस आसन को पूरा करें। इस आसन को करने से आंतों की पूर्ण सफाई हो जाती है इसलिए जिसे आंतों की पूर्ण सफाई करनी हो उसे सुबह एक गिलास हल्का गर्म पानी पीकर ´ताड़ासन ´ करने के बाद ´उर्ध्वहस्तोत्तानासन´ का अभ्यास करना चाहिए।
3)  ऊर्ध्व हस्तोतानासन के अभ्यास से शरीर की लंबाई बढ़ती है और शरीर के सभी अंगो का विकास होता है। ( और पढ़ेंलम्बाई बड़ाने के उपाय )
4)  यह शंख प्रक्षालन के 4 आसनों में से एक आसन है तथा इस आसन के बिना शंख प्रक्षालन क्रिया को पूरा करना सम्भव नहीं है।
5)  यह आसन छाती को चौड़ा करता है, कमर को पतली बनाता है तथा नितम्ब पर बनी अधिक चर्बी को खत्म करता है।
6)  इसके द्वारा शरीर आकर्षक व सुन्दर बनता है। इससे आंतों की मसाज अच्छी तरह से हो जाती है।
7)  यह आसन शंख प्रक्षालन की शोधन क्रिया में किया जाता है जिसे वारिसार भी कहते हैं।
8)  इस आसन को करने से साईटिका का दर्द तथा कमर व जांघों का भारीपन समाप्त होता है।( और पढ़ें – साइटिका निवृती का उपाय )
9)  इस आसन को गर्भवती स्त्रियां भी कर सकती है।

ऊर्ध्व हस्तोतानासन की विधि : Urdhva hastasana ki Vidhi

★ आसन के लिए पहले सीधे सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएं।
★ अब दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसाकर ऊपर की ओर खींचे।
★ फिर सांस खींचते हुए पहले दाईं तरफ और फिर बाईं तरफ झुकें।

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