दांतों की बीमारियां : कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज

Last Updated on March 16, 2024 by admin

       दांतों की सफाई न करने से दांतों के बीच फसे अन्न का कण सड़ने लगता है जिससे दांतों में कीड़े लग जाते हैं और दांत में गड्ढ़े बन जाते हैं। मंजन न करने या जल्दबाजी में मंजन करने से दांत ठीक से साफ नहीं हो पाते जिससे दांतों में कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं। कभी-कभी दांतों पर चोट लगने से भी दांतों व मसूढ़ों की बीमारी हो जाती है।

दांतों में होने वाली बीमारियों के कारण :

       प्रतिदिन मंजन न करने से दांत कमजोर हो जाते हैं जिससे दांतों की बीमारियां होती है। दांतों पर चोट लगने से या दांतों में किसी कारण से सड़न पैदा होने से भी दांतों की बीमारयां उत्पन्न होती है।

दांतों में होने वाली बीमारियों के लक्षण :

  • दांतों में ठंड़ लगना,
  • दर्द होना, 
  • दांतों का हिलना, 
  • दांतों का गिरना, 
  • जबड़ों में जलन होना, 
  • मसूढ़ों से खून निकलना आदि दांतों के रोग के लक्षण हैं।

खान-पान तथा परहेज :

  • दांतों के रोग में रोगी को विटामिन `सी´ वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
  • पायरिया होने पर नींबू, पानी, नारंगी, टमाटर आदि का रस पीना लाभकारी होता है।
  • अमरूद, केला, पपीता, किशमिश तथा पालक का साग खाना दांतों के रोग के लिए लाभकारी होता है।
  • दांतों के रोग में अजवायन, तुलसी, गाजर, खीरा, शलजम, तिल, प्याज, हल्दी, मूली तथा पानी में भिगोए गेहूं आदि का सेवन करना लाभकारी होता है।
  • रोजाना चिरचिरी, बबूल, नीम, भांट की जड़ और महुआ के दातुन से दांत साफ करें।
  • चोकर समेत आटे की रोटी, केला, मूंगफली, नारियल, हरा मटर, अंजीर, खजूर, बादाम तथा फूलगोभी खाना दांतों के रोग के लिए लाभकारी होता है।

दांतों में होने वाले रोगों का सरल घरेलू उपचार : 

1. गूलर : गूलर की छाल के काढे़ से गरारे करने से दांत और मसूढ़ों के सारे रोग दूर होकर दांत मजबूत होते हैं। 

2. अंजीर : अंजीर को पानी में उबालकर कुल्ला करने से मसूढ़ों से खून का निकलना बन्द होता है और मुंह की बदबू दूर होती है।

3. कत्था (खैर) :

  • मसूढ़े व दांतों के रोग में कत्थे को गर्म पानी में घोलकर प्रतिदिन कुल्ला करना चाहिए। यह दांतों के सभी रोग को ठीक करता है।
  • कत्थे का चूर्ण मंजन में मिलाकर दांत व मसूढ़ों पर प्रतिदिन सुबह-शाम मलने से दांत के सभी रोग दूर होते हैं।

4. नींबू :

  • पानी में नींबू का रस निचोड़कर कुल्ला करने से दांतों में लगे कीड़े, बदबू और दांतों का दर्द खत्म होता है।
  • नींबू का एक छोटा सा टुकड़ा लेकर प्रतिदिन दांतों पर मलने से दांत मोती जैसे चमकने लगते हैं।
  • नींबू के छिलके को धूप में सुखाकर पीस लें और मंजन के रूप में प्रयोग करें। इससे दांत साफ होते हैं और सांस की बदबू दूर होती है।
  • नमक, सरसों का तेल और नींबू का रस मिलाकर प्रतिदिन मंजन करने से दांत मजबूत होते हैं।
  • 1 नींबू के 4 टुकड़े करके उन पर नमक डालकर गर्म करके एक के बाद एक टुकड़े को लगातार दर्द वाले दांत पर रखने से दर्द कम होता है।

5. सेब : जिन लोगों के दांतों से खून निकलता हो और दांतों पर मैल जमी हो उसे प्रतिदिन सेब के रस में खाने वाला सोड़ा मिलाकर दांतों पर मलना चाहिए।

6. कचनार : कचनार की छाल को गर्म पानी में उबाल लें और इस पानी को छानकर एक शीशी में बन्द करके रखें। यह पानी 50-50 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन गर्म करके दिन में 3 बार कुल्ला करने से दांतों का हिलना, दर्द, खून निकलना, मसूढों की सूजन और पायरिया आदि रोग खत्म होता है।

7. दालचीनी : दालचीनी का तेल रूई में लगाकर दांत के नीचे दबाकर रखने से दांतों का दर्द दूर होता है।

8. कद्दू (घिया) : लहसुन की मात्रा से 3 गुना कद्दू का बीज लें और इन दोनों को मिलाकर पानी में उबालकर प्रतिदिन कुल्ला करें। इससे दांतों का दर्द खत्म होता है।

9. टमाटर : टमाटर का रस दिन में 2 से 3 बार पीने से दांतों से खून का गिरना बन्द होता है।

10. हींग : दांतों में दर्द होने पर हींग को दर्द वाले दांत के नीचे दबाकर रखने से आराम मिलता है।

11. चिकनी मिट्टी : चिकनी मिट्टी का लेप दांतों पर करने से दांत मजबूत होते हैं।

12. अडूसा (वासा) :

  • मसूढों में सूजन आने पर अडूसा के पत्तों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन 3 से 4 बार कुल्ला करें। यह मसूढ़ों की सूजन को दूर करता है।
  • अडूसे के दातुन से प्रतिदिन दांत साफ करने से दांतों व मुंह के अनेक रोग दूर होते हैं।

13. माजूफल : दांतों से खून निकल रहा हो तो माजूफल को बारीक पीसकर इससे प्रतिदिन मंजन करें। इससे खून का निकलना बन्द होता है।

14. मेहंदी : मेहंदी के पत्तों को पानी के साथ उबालकर प्रतिदिन 3 से 4 बार कुल्ला करने से मसूढ़ों से खून का निकलना तथा सूजन खत्म होती है।

15. अरहर : अरहर के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से दांतों की पीड़ा खत्म होती है।

16. अकवन : अकवन का दूध रूई में लगाकर दर्द वाले दांत के नीचे दबाकर रखने से दर्द से आराम मिलता है।

17. बादाम : दांतों का खट्टापन दूर करने के लिए बादाम खाना चाहिए। इससे दांतों का खट्टापन दूर होता है।

18. त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) : त्रिफला और गुग्गुल 4 से 8 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ प्रतिदिन 2 बार सेवन करने से दांतों के रोग ठीक होते हैं।

19. पंचलवण : पंचलवण और यवक्षार बराबर मात्रा में लेकर शहद के साथ मिलाकर दांतों की जड़ों में मलने से मसूढ़ें की सूजन खत्म होती है।

20. लौंग :

  • रूई को लौंग के तेल में भिगोकर दर्द वाले दांत के नीचे रखने और लार को नीचे गिरते रहने से दर्द ठीक होता है।
  • लौंग को आग पर भूनकर दातों के गड्ढे में रखने से दांत का दर्द खत्म होता है।
  • लौंग के तेल में कपूर का चूर्ण मिलाकर दर्द वाले दांतों पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।

21. सरसों का तेल : हल्दी को बारीक पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर प्रतिदिन रात को सोने से पहले दांत व मसूड़ों पर मलने से दांत व मसूड़ों के सभी रोग दूर होते हैं।

22. आम : आम की गुठली की गिरी (गुठली की अन्दर का बीज) को पीसकर मंजन करने से दांत के रोग और मसूढ़ों के रोग दूर हो जाते हैं।

23. मजीठ : मजीठ की जड़ को पीसकर मंजन की तरह सुबह-शाम प्रयोग करने से दांतों के रोग ठीक होते हैं।

24. दारूहल्दी : दारूहल्दी के काढे़ में शहद मिलाकर 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पीने से दांतों के रोग तथा मसूढ़ों के रोग दूर होते हैं।

25. रीठा : रीठे के बीजों को तवे पर भूनकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण के बराबर पिसी हुई फिटकरी मिलाकर दांतों पर मलें। इससे दांतों के हर तरह के रोग दूर होते हैं।

26. आक :

  • आक के दूध में रूई भिगोकर घी लगाकर जबड़े में रखने से जबड़े का दर्द ठीक होता है।
  • आक के दूध में नमक मिलाकर दांत पर लगाने से दांतों की पीड़ा मिटती है।
  • हिलते हुए दांत की जड़ में 1-2 बूंद आक का दूध लगाने से दांत आसानी से निकल आता है। आक की जड़ के टुकड़े को दुखते हुए दांत के नीचे दबाने से दर्द कम होता है।

27. मसूर की दाल : मसूर के दाल को आग पर जलाकर उसकी राख से मंजन करने से दांतों के रोग दूर होते हैं।

28. धनिया: यदि मसूढ़ों से खून आता हो तो धनिया को पानी में उबालकर कुल्ला करें। यह मसूढ़ों से खून आना बन्द करता है।

29. मौलसरी :

  • मौलसरी के पेड़ की 50 ग्राम छाल को 500 मिलीलीटर पानी में उबालें और 100 मिलीलीटर पानी शेष रहने पर इससे कुल्ला करें। इससे हिलते हुए दांत स्थिर हो जाते हैं।
  • मौलसरी का 1 से 2 फल नियमित रूप से चबाने से दांत मजबूत होते हैं।
  • मौलसरी की छाल के चूर्ण से मंजन करने से दांत वज्र की तरह मजबूत हो जाते हैं।
  • मौलसरी की छाल का बारीक पॉउडर बनाकर प्रतिदिन मंजन करने से दांतों के सभी रोग ठीक होते हैं।

30. धाय : धाय के पत्ते और फूल समान मात्रा में मिलाकर काढ़ा बनाकर प्रतिदिन 3 बार गरारे करने से सभी प्रकार के दांतों के रोग नष्ट होते हैं।

31. फिटकरी :

  • बादाम का छिलका जलाकर उसमें चौथाई हिस्सा फिटकरी मिलाकर बारीक पीसकर मंजन बना लें और इससे प्रतिदिन मंजन करें। 
  • 5 ग्राम सेंकी हुई फिटकरी, 60 ग्राम त्रिफला का चूर्ण, 15 लौंग, 8 ग्राम सेंधानमक और 10 ग्राम माजूफल को एक साथ पीसकर छान लें। प्रतिदिन भोजन करने के बाद सुबह-शाम दांतों की जड़ों व मसूढ़ों पर इसका लेप करके 15 मिनट तक लगा रहने दें और लार को टपकाते रहें। इस मंजन से दांतों का दर्द दूर होता है तथा दांत मजबूत होते हैं।
  • 125 ग्राम लाल फिटकरी को सेंककर राख बनाकर इसमें 25 दाने कालीमिर्च, 25 दाने लौंग और 30 ग्राम सेंधानमक मिलाकर बारीक पीसकर सुबह-शाम 2 बार मंजन करें। मंजन दांतों के बाहर और भीतर दोनों ओर करने के 10 मिनट बाद कुल्ला करें। इससे पायरिया, दांतों से खून आना तथा दांत दर्द में लाभ मिलता है।
  • 100 ग्राम भुनी हुई फिटकरी, 20 ग्राम पिसी हुई लौंग, 100 ग्राम पिसी हुई हल्दी, 100 ग्राम पिसा हुआ सेंधानमक और 100 ग्राम नीम के पिसे हुए पत्ते या छाल मिलाकर रख लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांतों के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं।

32. गाजर : 70 मिलीलीटर गाजर का रस प्रतिदिन पीने से मसूढ़ों और दांतों के रोग दूर होते हैं।

33. अकरकरा :

  • अकरकरा को सिरके में घिसकर दुखते दांत के नीचे दबाकर रखने से दर्द में लाभ मिलता है।
  • अकरकरा और कपूर समान मात्रा में लेकर पीसकर नियमित रूप से सुबह-शाम मंजन करने से सभी प्रकार के दांतों की पीड़ा दूर होती है।
  • अकरकरा, माजूफल, नागरमोथा, फूली हुई फिटकिरी, कालीमिर्च और सेंधानमक बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। इससे नियमित मंजन करने से दांत और मसूढ़ों के सभी रोग दूर होते हैं।

34. गुलाब : गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां चबाकर खाने से मसूढ़े व दांत मजबूत होते हैं। इससे मुंह की बदबू दूर होती है और पायरिया नष्ट होता है।

35.  तिल :

  • काले तिल को पानी के साथ खाने से दांत मजबूत होते हैं।
  • लगभग 25 ग्राम तिल चबा-चबाकर खाने से दांत मजबूत होते हैं।
  • तिल के तेल को मुंह में 10-15 मिनट तक रखने से हिलते हुए दांत मजबूत बनते हैं और पायरिया मिटता है।
  • हींग या काले जीरे के मिश्रण में तेल को गर्म करके कुल्ला करने से दांतों का दर्द नष्ट होता है। 
  • हींग या काले जीरे के मिश्रण में तेल को गर्म करके कुल्ला करने से दांतों का दर्द नष्ट होता है। 

36. अखरोट :

  • अखरोट की छाल को मुंह में रखकर चबाने से दांत स्वस्थ होते हैं।
  • अखरोट के छिलके को जलाकर इसकी राख से मंजन करने से दांत मजबूत होते है।

37. प्याज :

  • प्याज का टुकड़ा दर्द वाले दांत के नीचे दबाकर रखने से दर्द दूर होता है।
  • कच्चे प्याज को खाने से मुंह के हानिप्रद कीटाणु समाप्त हो जाते हैं और सांस की बदबू दूर होती है।

38. कायफल : कायफल के पेड की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द नाश होता है और दांत मजबूत होते हैं।

39. शलजम : कच्चे शलजम को चबा-चबाकर खाने से मसूढ़े और दांतों के रोग ठीक होते हैं।

40. कुटज : कुटज की छाल और बीजों का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर इससे प्रतिदिन दांत सफाई करने से दांतों का दर्द ठीक होता है।

41. नीम :

  • नीम की दातुन करने से दांत साफ व स्वस्थ रहते हैं।
  • नीम की पत्तियों का रस दांतों पर मलने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं।
  • नीम की निबौली की गुठली का रस दांतों में लगाने से कीड़े खत्म होते हैं और दांतों में दर्द कम होता हैं।
  • नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं और पायरिया में भी लाभ मिलता है।
  • नीम की जड़ की छाल का 50 ग्राम चूर्ण, सोना गेरू 50 ग्राम, सेंधानमक 10 ग्राम को पीसकर इसमें नीम के पत्तो का रस मिलाकर सुखा लें और एक शीशी में भरकर रख लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांतों से खून का गिरना, पीव का आना, मुंह में छाले पड़ना, मुंह की दुर्गन्ध, जी मिचलाना आदि रोग ठीक होता है।
  • नीम की 100 ग्राम जड़ को कुटकर 500 मिलीलीटर पानी में पकाएं जब पानी 250 मिलीलीटर शेष रह जाए तो इसे छानकर कुल्ला करें। यह दांतों के रोगों को समाप्त करता है।
  • सुबह नीम की दातुन करने और फूलों के काढ़े से कुल्ला करने से दांत व मसूढ़ों के सभी रोग नष्ट होते हैं।
  • नीम की टहनी और पत्तियों को छाया में सुखाकर राख बना लें और इसे पीसकर मंजन बनाकर इसमें लौंग, पीपरमेंट और नमक मिलाकर रख लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से पायरिया ठीक होता है।
  • नीम की कोपलों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द ठीक होता है।

42. अनन्तमूल : अनन्तमूल के पत्तों को पीसकर दांतों के नीचे दबाने से दांत के रोग समाप्त होते हैं।

43. पीपल : पीपल की छाल के काढ़े से गरारे करने से मुंह की बदबू, दांतों का दर्द, मसूढ़ों की सूजन आदि दूर होती है। पीपल की ताजी टहनी से दातुन करना भी लाभकरी होता है।

44. अनार :

  • अनार और गुलाब के सूखे फूल को पीसकर मंजन करने से मसूढ़ों से पानी या पीब का आना बन्द होता है। अनार की कलियों के चूर्ण का मंजन करने से मसूढ़ों से खून आना बन्द होता है।
  • मुंह और मसूढ़ों के विकार में अनार की जड़ के काढ़े से कुल्ला करना लाभदायक होता है।
  • अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीसकर मंजन की तरह दिन में 2 से 3 बार दांतों पर मलने से दांतों से खून का आना बन्द होता है।

45. लता करंज :

  • पायरिया में लता करंज की टहनी का दातुन करने एवं इसके तेल को दांतों पर मलने से लाभ मिलता है।
  • 7 ग्राम लता करंज के बीजों को 7 ग्राम मिश्री के साथ रोगी को देने से दांतों से खून आना बन्द हो जाता है।

46. नमक :

  • नमक को पानी में डालकर गर्म करके प्रतिदिन 2 से 3 बार कुल्ला करने से दांतों का दर्द खत्म होता है।
  • पानी में नमक डालकर हल्का गर्म करके प्रतिदिन रात को सोने से पहले कुल्ला करने से दांत के कीड़े समाप्त होते हैं।
  • जब कभी खट्टी चीजों का अधिक सेवन करते हैं तो दांत खट्टे हो जाते हैं। ऐसे में दांतों पर नमक मलना और गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करने से दांतों का खट्टापन दूर होता है।
  • सेंधानमक को बारीक पीसकर पॉउडर बनाकर 2 ग्राम पॉउडर में 8 ग्राम सरसों का तेल मिलाकर अंगुली से मसूढ़ों पर हल्के-हल्के मालिश करें तथा खून निकले तो निकलने दें। कुछ देर बाद बचे हुए नमक को दांत व मसूढ़ों पर मलकर हल्का गर्म पानी से कुल्ला करें। इससे दांतों की सभी बीमारियां दूर होती है।
  • आधा चम्मच सेंधानमक एक कप गर्म पानी में मिलाकर प्रतिदिन रात को सोने से पहले कुल्ला करें। इससे दांतों में कीड़े नहीं लगते और सांसों की बदबू खत्म होती है।
  • काले नमक को पीसकर तिल के तेल में दांतों पर मलने से दांतों का हिलना और दांतों के रोग दूर होते हैं।

47. अपामार्ग : अपामार्ग के फूलों की मंजरी को पीसकर नियमित रूप से मंजन करने से दांत मजबूत होते हैं। पत्तों के रस को दुखते दांतों पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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