नींद न आने (अनिद्रा) के 16 घरेलू उपाय – Nind na Aane ke Gharelu Upay

Last Updated on November 14, 2023 by admin

अनिद्रा रोग क्या है ?:

आयुर्वेद के अनुसार जीवन के तीन उपस्तम्भ माने गये हैं। पहला आहार, दूसरा निद्रा और तीसरा ब्रह्मचर्य । शारीरिक शक्ति और नीरोग रहने के लिए निद्रा अत्यन्त आवश्यक है।
अनिद्रा (नींद न आना) स्वयं में कोई रोग नहीं है, बल्कि शरीर में उत्पन्न हो रहे अथवा उत्पन्न हो चुके अन्य दूसरे रोगों का एक विकार (लक्षण) मात्र है।

निद्रा क्या है ?:

यह प्रश्न अत्यन्त सरल लगता है, लेकिन संसार का कोई भी वैज्ञानिक आज तक निद्रा की वास्तविकता को नहीं खोज सका। बच्चे जन्म से ही सोते-जागते रहते हैं और परिश्रम करने के बाद थकान के कारण हमें और आपको भी नींद आ जाती है। कुछ लोग देर तक सोते हैं, लेकिन कुछ शीघ्र उठ जाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार पर्याप्त और सन्तुलित भोजन की भांति नींद भी अनिवार्य है; क्योंकि नींद में शरीर का पोषण होता है और नींद में ही शरीर अपनी व्यय हो गयी शक्ति को पुनः प्राप्त करता है। इसीलिए सोकर उठने के बाद मन प्रफुल्लित होता है और शरीर चुस्ती अनुभव करता है।

नींद न आने के नुकसान : nind na aane ke nuksanneend na aane ke desi nuskhe

यदि किसी व्यक्ति को पर्याप्त नींद न आये, तो नींद से उठने के बाद उसे परेशानी और खीज अनुभव होती है तथा उसका शरीर अकर्मण्य और शिथिलता अनुभव करता है। जिन व्यक्तियों को किसी मानसिक या शारीरिक विकृति अथवा पीड़ा के कारण नद नहीं आती, वे चिड़चिड़े, विक्षिप्त अथवा क्रोधी हो जाते हैं। मस्तिष्क के स्नायुओं से नींदका विशेष सम्बन्ध होता है। इसीलिए नींद न आने के कारण मस्तिष्क पर दूषित प्रभाव पड़ता है।

नींद न आने के कारण : nind na aane ke karan in hindi

आधुनिक युग में कार्य-व्यवसाय में स्पर्धा के कारण अनेक व्यक्ति अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं। लेकिन उदर-विकृति, श्वासरोग या हृदयरोग के कारण भी अनिद्रारोग फैल रहा है।
आइये जाने नींद आने के लिए क्या करना चाहिए,नींद न आने (अनिद्रा) के नुस्खे, neend na aane ke desi nuskhe

नींद ना आने के घरेलू उपचार : neend na aane ka ilaj in hindi

1.  भांग को बकरी के दूध में पीसकर पैर के तलुओं पर मालिश करने से अथवा पलकों पर लेप करने से उत्तम निद्रा आती है।  ( और पढ़ें – गहरी नींद के लिए 17 आसान घरेलु उपाय )

2.  स्वर्णक्षीरी (सत्यानाशी) के तैल की 1 बूंद बताशे में डालकर खिलाने तथा ऊपर से दूध पिलाने से अनिद्रा दूर हो जाती है ।

3.  बैंगन के पत्तों का रस 20 ग्राम, इतना ही सफेद प्याज का रस और शहद 15 ग्राम एकत्र मिलाकर रात्रि के समय सोने से 1 घंटा पूर्व देकर ऊपर से थोड़ा दूध पिला देने से गहरी नींद आती है तथा स्नायु मण्डल का तनाव कम हो जाता है।  ( और पढ़ें –  नींद न आने की बीमारी के लिए चमत्कारिक प्रयोग  )

4.  सर्पगन्धा का चूर्ण अथवा खुरासानी अजवायन 1-1 ग्राम रात्रि-शयन के पहले दूध से ले लेने से निद्रा भली प्रकार आती है ।

5.  सौंफ 6 ग्राम, पानी 40 ग्राम लेकर क्वाथ करें । जब पानी 10 ग्राम शेष रह जाये तो उसमें 1 पाव गाय का दूध और 10 ग्राम गाय का घी मिलाकर पिलाने से अनिद्रा में लाभ होता है ।  ( और पढ़ें – नाक में देशी गाय के घी को डालने से मिलेंगे यह 6 जबरदस्त फायदे )

6.  सर्पगन्धा तथा काली मिर्च दोनों सम मात्रा में लेकर अलग-अलग कूट पीसकर सुरक्षित रखें । इसे 250 मि. ग्रा. कैपसूल में भरकर 2 कैपसूल रात्रि में सोते समय दूध या जल से अनिद्रा में सेवन कराना लाभप्रद है ।  ( और पढ़ें – कालीमिर्च के 51 जबरदस्त फायदे )

7. भैंस का दूध 300 ग्राम, इतना ही पानी, एक साल पुराना गुड़ एवं 10 ग्राम पीपरामूल मिलाकर औटाकर दूधमात्र शेष रह जाने पर पिलाने से तत्काल निद्रा आती है ।

8. असगन्ध का चूर्ण 6 ग्राम तथा थोड़ा सा घी लें । इसे शक्कर (चीनी) में मिलाकर प्रतिदिन रात्रि को सेवन करने से थकावटजन्य अनिद्रा दूर होती है । इस प्रयोग से प्रगाढ़ निद्रा आती है । ( और पढ़ें – अश्वगंधा के 11 जबरदस्त फायदे  )

9.  हरमल 2 ग्राम को शहद के साथ लेने से रात्रि को निद्रा आती है ।

10. शंखपुष्पी और अश्वगन्धा चूर्ण 3-3 ग्राम, घी तथा मिश्री मिलाकर सेवन करने से अनिद्रा में लाभ होता है ।

11.  एन्ड तैल को दीपक में जलाकर उससे काजल तैयार कर आँख में आँजने से अनिद्रा दूर हो जाती है ।  ( और पढ़ें – अरण्डी तेल के 84 औषधीय प्रयोग )

12.  सौंफ 6 ग्राम जौकुट करें, पानी 500 ग्राम लेकर क्वाथ करें । 125 ग्राम शेष रह जाने पर नमक मिलाकर सुबह-शाम पिलाने से (यह एक मात्रा है) अतिनिद्रा (अधिक नींद आने का) रोग ठीक हो जाता है ।  ( और पढ़ें – सौंफ खाने के 61 लाजवाब फायदे  )

13.  हरे धनिये का स्वरस निकाल कर 25 मि. ली. में 10 मि. ग्रा. मिश्री मिलाकर पिलाने से गैस रोग से पीड़ितों को अनिद्रा रोग नष्ट होकर सुखद निद्रा आने लगती है। ( और पढ़ें – धन‍िया के 72 औषधीय प्रयोग )

14.  खुरासानी अजवायन का क्वाथ (क्वाथ विधि से) बनाकर नित्य ढाई-ढाई तोला में सुबह-शाम पिलाने से कम्पवात, अनिद्रा, भ्रम, मिर्गी, योषापस्मार एवं सन्धिवात दूर हो जाते हैं ।

15.  जिन लोगों को निद्रा कम आती है तथा बार-बार रात को आंख खुल जाती है, उन्हें दिन में एक-दो बार सेब खाना चाहिए और रात्रि को सोने से पूर्व सेब का मुरब्बा दूध के साथ खाने से लाभ होगा। रात के समय सेब खाकर सोने से भी नींद आने लगती है और अनिद्रा दूर होती है।

16.  सेब के रस में अनार का रस मिलाकर सेवन करने से अनिद्रा की शिकायत दूर होती है।

अनिद्रा (नींद न आना) की दवा : nind na aane ke ki dawa

अनिद्रा में शीघ्र राहत देने वाली लाभदायक आयुर्वेदिक औषधियां |

  • शंख पुष्पी सिरप
  • श्वगंधा टेबलेट

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अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।

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