फालसा खाने के 19 लाजवाब फायदे | Falsa Khane Ke Fayde

Last Updated on October 26, 2023 by admin

फालसा फल (Falsa Fruit in Hindi)

अपने लाजबाव स्वाद के कारण फालसा फल(Falsa Fruit) सबके पसंदीदा फलों में से एक है | पके हुये फालसे को नमक, कालीमिर्च और चाट मसाला मिलाकर खाया ही नहीं जाता बल्कि इसका शरबत भी काफी लोकप्रिय है | पोषक तत्वों की खान, छोटे से फल फालसा को पोषक तत्वों की खान और एंटी ओक्सिडेंट कहना गलत न होगा |

देखा जाय तो फालसा फल का ६९% भाग ही खाने लायक होता है । बाकी हिस्से में गुठली होती है । इसमें मौजूद मँग्नेसियम, पोटेसियम, सोडियम, फोस्फरस, केल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहैड्रेट, लोहा, विटामिन ए और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व इसे हमारे लिए सेहत का खजाना बना देते है |

फालसा के औषधीय गुण :

कच्चे फालसे : यह छोटा, गर्मी लाने वाला, गर्म, खट्टा, फीका और वात-नाशक होता है।
पके फालसे : ये मीठे स्वादिष्ट, रुचिकर, शीतल, मलावरोध, धातुवर्धक, खट्टे होते हैं तथा वात, पित्त, रक्तदोष, प्यास, जलन, टी.बी., सूजन और पित्त ज्वर को नष्ट करते हैं।

फालसा के स्वास्थ लाभ और फायदे :

1. पित्त विकार और हृदय रोग:

  • पके फालसे के रस को पानी में मिलाकर, पिसी हुई सोंठ और शक्कर के साथ पिलाना चाहिए।
  • पके फालसे के रस को पानी, सौंफ और चीनी मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है।

2. लू का लगना:

  • शहतूत और फालसे का शर्बत पीने से लू से बचा जा सकता है।
  • फालसे के साथ सेंधानमक खाने से लू नहीं लगती है।

3. शीतपित्त : पित्त-विकार में पके फालसे के रस में पानी, सोंठ और चीनी मिलाकर पीना चाहिए।

4. मूत्ररोग : फालसा खाने व शर्बत पीने से भी मूत्र की जलन खत्म होती है।

5. गर्भ में मरे हुए बच्चे को निकालना : नाभि, बस्ति और योनि पर फालसे की जड़ का लेप करना चाहिए। इससे गर्भ में मरा हुआ बच्चा तुरन्त निकल जाता है।

6. शरीर की जलन:

  • अगर शरीर में जलन हो तो फालसे के फल या शर्बत को सुबह-शाम सेवन करने से लाभ मिलता है।
  • पके हुए फालसे को शक्कर के साथ खाने से शरीर की गर्मी, भभका, जलन दूर होती है।
  • फालसे का शर्बत पीने से शरीर की जलन समाप्त हो जाती है।
  • 20 ग्राम फालसों को शक्कर के साथ खाने से जलन मिट जाती है।

8. दूषित मल : फालसा शरीर के दूषित मल को बाहर निकालता है। मस्तिष्क की गर्मी और खुश्की को दूर करता है। हृदय, आमाशय और यकृत (जिगर) को बलवान बनाता है। यह कब्ज दूर करता है तथा मूत्र (पेशाब) की जलन, सूजाक और स्त्रियों के श्वेतप्रदर में लाभदायक है। आमाशय और छाती की गर्मी, बेचैनी में अच्छे पके हुए फालसे खाना लाभकारी होता है।

9. खून की कमी : खून की कमी होने पर फालसा खाना चाहिए। इसे खाने से खून बढ़ता है।

10. अरुचि : अरुचि में फालसा, सेंधानमक और कालीमिर्च खाना लाभकारी होता है।

11. अम्लपित्त (एसिडिटी) : गैस और एसीडिटी के रोगियों को फालसे का सेवन करने से आराम मिलता है।

12. सिर का दर्द : फालसे का शर्बत सुबह और शाम को पीने से पित्त (गर्मी) के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।

13. बुखार : फालसे के फल के शर्बत को सुबह और शाम सेवन करने से बुखार में होने वाली जलन कम हो जाती है।

14. चोट लगना : शरीर के किसी भी हिस्से से खून बहे तो उसे रोकने के लिए फालसे का शर्बत प्रतिदिन पीना फायदेमंद और जल्द असरदायक होता है।

15. श्वेत प्रदर : फालसे का शर्बत पीने से श्वेत प्रदर मिट जाता है।

16. दिल की तेज धड़कन:

  • फालसे के फलों का शर्बत बनाकर सुबह-शाम सेवन करने दिल की तेज धड़कन सामान्य हो जाती है।
  • फालसे 30 ग्राम, कालीमिर्च के पांच दानों का चूर्ण और स्वाद के अनुसार सेंधनमक मिलाकर सेवन करने से दिल की तेज धड़कन में आराम मिलता है।

17. गठिया रोग : फालसे की जड़ का काढ़ा बनाकर पिलाने से गठिया रोग ठीक होता है।

18. चेहरे की फुंसियां : जिन फुंसियों में से मवाद निकलती है उस पर फालसा के पत्तों को पीसकर लगाने से मवाद सूख जाती है और फुंसिया ठीक हो जाती हैं।

19. हृदय की दुर्बलता:

  • हृदय-रोग में पके फालसे का रस, पानी, सौंठ और शक्कर मिलाकर पीना चाहिए।
  • हृदय की कमजोरी में दस ग्राम पके हुए फालसे, 5 दाने कालीमिर्च, चुटकी भर सेंधानमक लेकर घोट लें। उसमें एक कप पानी तथा थोड़ा-सा नींबू का रस मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित रूप से पीने से हृदय की दुर्बलता, अत्यधिक धड़कन इत्यादि विकार शान्त हो जाते हैं और शरीर में वीर्य, बल की वृद्धि होती है। इसके साथ ही गरमी की तकलीफ भी दूर होती है।

नोट: शरीर में गर्मी, भभका और जलन होने पर पका फालसा शक्कर के साथ खाना चाहिए।

Read the English translation of this article hereFalsa (Phalsa): 18 Amazing Health Benefits and Uses

अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।

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