फोड़े फुंसी बालतोड़ के 40 घरेलू उपचार | fode funsi ka gharelu ilaj

Last Updated on May 11, 2021 by admin

फोड़ा फुंसी होने के कारण : fode funsi ka karan

बालों की जड़ों में स्टेफिलो कोकस’ नामक कीटाणुओं के संक्रमण से, रक्त विकृति के कारण बाल के उखड़ जाने से, वर्षा ऋतु में कच्चे या पके आमों के अधिक सेवन से तथा शारीरिक कमजोरी के कारण फोड़े-फुन्सियों का रोग हो जाया करता है।

फोड़ा फुंसी के लक्षण : fode funsi ke lakshan

पहले इसमें दर्द एवं सूजन हुआ करती है तथा बाद में पीप पैदा हो जाती है अनेक फुन्सियाँ बिना पके ही ठीक हो जाती हैं तथा अधिकतर पककर कठोर हो जाती है एवं इनमें कोर (Core) रहता है। कोर के पीप के साथ बाहर निकल जाने पर, दर्द, जलन, शोथ आदि के कष्टों में आराम आ जाता है। आइये जाने फोड़े फुंसी का देसी इलाज ,दवा और उपाय के बारे में |fode funsi ka desi ilaj ,gharelu nuskha aur dawa

फोड़े फुंसी का घरेलू उपचार : fode funsi ka gharelu ilaj

 1)   दशांग लेप लगायें या अलसी (तीसी) को गर्म करके लेप लगायें इससे फोड़ा जल्द पककर फूट जायेगा। तत्पश्चात् कोई मरहम लगाकर पट्टी करें।

2)   फोड़ों की शोथ (सूजन) और व्रणों में शुद्ध मधु की पट्टी बाँधना लाभकारी है।  ( और पढ़ें –  फोड़े फुंसी के 73 देसी उपचार )

3)   गूगल को पानी में घिसकर पीड़ित स्थान में लेप करने से फोड़ा बैठ जाता है या पककर फूट जाता है।

4)   कालीजीरी को पानी में पीसकर लगाने से फोड़े-फुन्सियों को आराम आ जाता है।  ( और पढ़ें – फोड़े फुंसी के 19 घरेलु इलाज )

5)    तिल का तेल 30 ग्राम लोहे की कड़ाही में डालकर पकायें, जब पकने लगे तो उसमें 10 ग्राम सिन्दूर मिलाकर लोहे की छड़ी या सींक से चलाते रहें। जब रंगत स्याह होने लगे एवं गाढ़ा हो जाये तब उतार कर किसी चौड़े मुँह वाले शीशी या डिब्बे में सुरक्षित रखलें। आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित स्थान पर चिपका दें। सड़े-गले घावों को यह मरहम बहुत शीघ्र अच्छा कर देता है।

fode funsi ka desi ilaj

6)   पीपल के पत्ते को घी से चिकनाकर उसे आग पर गर्म कर सुहाता-सुहाता गुनगुना पीड़ित स्थान पर बाँधे। फोड़ा बैठ जायेगा या पककर फूट जायेगा।
नोटः-चिकित्सा से पूर्व पेट साफ करने के लिए खदिरारिष्ट’ विरेचन और फिर नित्यप्रति ‘संशमनी वटी’ खिलानी चाहिए। यदि बार-बार फोड़े-फुन्सियाँ निकलें तो खून की खराबी समझनी चाहिए तथा जिस रोग के कारण रक्त दोष हो उसकी चिकित्सा भी करनी चाहिए।

7)    महा मंजिष्ठाद्यारिष्ट 15 से 30 मि.ली. बराबर जल मिलाकर भोजनोपरान्त सेवन करायें। महातिक्त घृत-प्रात: सायं 1-2 ग्राम खिलायें ।

8)    कुटकी और चिरायता प्रत्येक 5-5 ग्राम रात को जल में भिगोकर रखें तथा प्रातः छानकर 15 से 30 मि.ली. की मात्रा में रोगी को पिलाये, इसी प्रकार प्रात: भिगोकर रखें और शाम को पिलायें बच्चो को ¼ से ½ मात्रा दें।

9)   पीपल की छाल के चूर्ण में काला जीरा पीसकर मिला लें। इसमें जरा-सा सरसों का तेल मिलाकर फुंसियों पर लगाएं।  ( और पढ़ें –पीपल के 41 लाजवाब फायदे )

10)   पीपल की कोंपलों को पीसकर शहद में मिला लें। इस शहद को फोड़े-फुंसी वाले स्थान पर रखकर पट्टी बांध दें। दूसरे दिन नई दवा बांधे। कुछ ही दिनों में बालतोड़ या फुंसिया सूख जाएगी।

11)   छः महीने तक रात को सोते समय पानी के साथ त्रिफला का सेवन करें। भोजन में नमक का प्रयोग कम करें, केवल दूध और रोटी अथवा दूध से बने पदार्थ खाने से कई वर्ष तक फोड़े-फुन्सियाँ नहीं निकलते हैं।  ( और पढ़ें – त्रिफला लेने का सही तरीका   )

12)   लाल चन्दन का लेप फोड़े-फुन्सियों पर करने से रोगी को शीघ्र आराम होता है।

13)    सूखे आँवलों को जलाकर व पीसकर शुद्ध घी में मिला लें । इसे लगाने से फोड़े-फुन्सी ठीक हो जाते हैं।

14)    बीस ग्राम देशी मोम को एक पाव तिली के तेल में मिलाकर लगाने से फोड़ा-फुन्सी मिट जाते हैं।

15)   थूहर का दूध लगाने से फोड़े-फुन्सियों में लाभ होता है।  ( और पढ़ें – थूहर के 26 लाजवाब फायदे )

16)   सुहागे के जल से फोड़े-फुन्सियों को धोने से लाभ होता है।

17)   सत्यानाशी के बीज ठण्डे पानी में पीसकर लेप करने से खुजली व फोड़ा-फुन्सी में आराम होता है।

18)   पुराने चूने को छानकर तेल या घी में मिलाकर लेप करने से फोड़ा-फुन्सी व सूजन दूर होती है।

19 )   नीम के पत्ते, केकड़ा के पत्ते, शीशम के पत्ते और अजवायन को तवे पर जलाकर इनकी भस्म में बिना जलाई हुई छोटी इलायची और घी मिलाकर लगाने से फोड़े-फुन्सी ठीक हो जाते हैं।

20)   अलसी के तेल की मालिश करने से फोड़े-फुन्सी शीघ्र पककर ठीक हो जाते हैं।

21)   चौलाई के पत्ते पीसकर बाँधने से फोड़े पककर ठीक हो जाते हैं।

22)   मेंहदी के पत्ते पीसकर पुल्टिस बाँधने से फोड़े मिट जाते हैं।

23)   गेहूँ के आटे का गरम या ठण्डा लेप करने से दाह, खुजली तथा फोड़ों में आराम मिलता है।

24)   चिकनी मिट्टी अथवा मुल्तानी मिट्टी पीसकर टिकिया बनाकर बाँधने से फोड़े मिट जाते हैं।  ( और पढ़ें – मुलतानी मिट्टी के लाजवाब फायदे )

25)   फोड़े को यदि शीघ्र पकाना हो तो ग्वारपाठे का गिर(गूिदा)पकाकर बाँधना चाहिए।

26)   बेर की छाल का चूर्ण फोड़ों और पुराने घावों पर डालना उत्तम है।

27)   खिरैटी के पत्तों पर तिल्ली का तेल चुपड़ कर आग में तपाकर बाँधने से फोड़े जल्दी पकते हैं और ठीक हो जाते हैं।

28)   गन्धक-बिरोजा का लेप करने से फोड़े-गाँठ और जख्म ठीक हो जाते हैं।

29 )   जदवार को पानी में पीसकर लगाने से वह फोड़े को बैठा देता है।

30)   रसौंत का लेप करने से भरे और पके हुए फोड़े ठीक हो जाते हैं।

31)   यदि फोड़ा अधिक बह रहा हो तो नीम की छाल की भस्म लगाने से आराम मिलता है।

32)    बिगड़े हुए फोड़े पर गाजरे की पुल्टिस बाँधने से आराम हो जाता है।

33)   लहसुन को पीसकर लगाने से फोड़ों में पड़े हुए कीड़े मर जाते हैं।  ( और पढ़ें – छोटे लहसुन के 13 बड़े फायदे )

34)   पीठ के फोड़े, विषाक्त फोड़े और गाँठ (कार्बल) में गेंदा के पत्तों की पुल्टिस मैदा या सूजी के साथ बनाकर लगाने से फोड़ा फूट जाता है और रोगी को आराम मिलता है।

35)   चिरोंजी को गुलाबजल में पीसकर मालिश करने से चेहरे की फुन्सियाँ मिट जाती हैं।

36)    खिरैटी की जड़ को कबूतर की बीट के साथ पीसकर लेप करने से फुन्सियाँ ठीक हो जाती हैं।

37)    जामुन की गुठली घिसकर लगाने से चेहरे की फुन्सिय मिट जाती हैं।  ( और पढ़ें – जामुन खाने के 51 जबरदस्त फायदे  )

38)    दस ग्राम तूतिया को गोबर में लपेट, सुखाकर आग में जला लें । फिर दस-दस ग्राम राल, सिन्दूर, मोम, सज्जी का चूर्ण- गाय के घी में मिलाकर मरहम बनाकर लगाने से हर प्रकार के फोड़े और नासूर मिट जाते हैं।

39)   अंजीर सूखे या हरे पीसकर जल में ओंटाकर गुनगुना करके लेप करने से | फोड़ों और गाँठों की सूजन मिट जाती है।

40)   चूने के पानी में कपड़ा भिगोकर रखने से फोड़ों में आराम मिलता है।

(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

Leave a Comment

Share to...