बच्चों के रोने के मुख्य कारण व घरेलु उपचार | bachon ka rona : gharelu upay

Last Updated on July 24, 2019 by admin

बच्चे आखिर रोते क्यों हैं?

सभी शिशु रोते है, यह बिलकुल सामान्य बात है। अधिकांश शिशु प्रत्येक दिन कुल एक घंटे से लेकर तीन घंटे तक के समय के लिए रोते हैं।

आपका नन्हा सा शिशु अपने आप खुद कुछ नहीं कर सकता है और वह आप पर अपनी हर ज़रुरत के लिए निर्भर करता है – चाहे वह भूखा है, आराम चाहता है या फिर प्यार और दुलार । आपका शिशु रो कर ही आपको यह बता सकता है की उसे किसी चीज़ की ज़रुरत है। आपके लिए कई बार यह पता चलाना मुश्किल हो जाता है की आखिर शिशु रो क्यों रहा है । लेकिन समय के साथ आप पहचानने लगेंगी और समझने लगेंगी की आपके शिशु के रोने का कारण क्या है। और जैसे जैसे आपका शिशु बढ़ता है वह आप के साथ बात चीत करने के अन्य तरीके सीख लेता है जैसे की आँखों का समपर्क, शोर मचाना या फिर मुस्कुराते हुए आपका ध्यान अपनी तरफ खींचना ।

अगर आपका शिशु रो रहा है और चुप नहीं हो रहा है तो हो सकता है वह आपसे से यह कहने की कोशिश कर रहा है:

1- मुझे भूख लग रही है

2-मेरी नैपी (कलोट) बदलो

3- मुझे अधिक गर्म या अधिक ठंड लग रही है

4-मुझे गोद में ले लो

5-मुझे आराम की जरूरत है

6-मुझे कुछ चाहिए…पर पता नहीं क्या

7-मेरी तबियत ठीक नहीं है

विभिन्न औषधियों से उपचार-

1. काला जीरा : अगर बच्चे का पेट फूल जाये और वह दर्द के मारे चुप न हो रहा हो तो काला-जीरा के रस में कालानमक या सेंधानमक मिलाकर बच्चे को पिलाने से फूला हुआ पेट कम हो जायेगा और दर्द भी बंद हो जाता है। इससे बच्चे को आराम मिलता है।

2. तेजपत्ता : लगभग 2 से 3 ग्राम तेजपत्ता के चूर्ण को अदरक के रस और शहद के साथ बच्चों को खिलाने से बच्चों को होने वाले सभी रोगों में लाभ होता है।

3. त्रिफला : त्रिफले और पीपल के चूर्ण को घी और शहद में मिलाकर बच्चों को चटाने से बच्चे रोना बंद कर देते हैं और उन्हें डर लगना भी बंद हो जाता है। (घी और शहद बराबर मात्रा में नहीं होना चाहिए)।

4. बायविडंग : अगर छोटा बच्चा बोल नहीं पाता हो और उसके पेट में कीड़ों के कारण दर्द हो तो 6 ग्राम (छोटे बच्चों के लिए 3 ग्राम) बायविडंग के चूर्ण को दही के साथ सिर्फ 3 दिन तक लगातार खिलाने से बच्चे के पेट के सारे कीड़े बाहर निकल आते हैं।

5. बच : अगर बच्चा स्नायविक रोग के कारण चिड़चिड़ा हो जाए और लगातार रो रहा हो तो उसे 1 से 3 ग्राम बच का चूर्ण शहद और घी के साथ मिलाकर रोजाना सुबह-शाम खिलाना चाहिए। इससे बच्चे को आराम आ जाता है।

6. सेंधानमक : अगर बच्चा रोये और दूध न पिये तो सेंधानमक, घी, मिश्री को मिलाकर चटायें या पीपल, अतीस, काकड़ासिंगी, नागरमोथा को कूट पीसकर शहद में मिलाकर बच्चे को चटाना चाहिए।

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keywords – bachon ka rona , बच्चों का रोना (CRYING OF CHILDREN)

2 thoughts on “बच्चों के रोने के मुख्य कारण व घरेलु उपचार | bachon ka rona : gharelu upay”

  1. नमस्कार Manoj kumar kannauj जी

    आप का http://www.MyBapuji.com पर आने हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद .

    आप को जो जानकारी चाहिए वह कृपया वैद्य श्री दिव्यांग जी से इस नंबर पर बात करे . 09227033056

    अथवा इस मेल id पर सम्पर्क करे – [email protected]

    धन्यवाद .

    हरिॐ

    MyBapuji Team

  2. मेरा बच्चा 4माह का है उसे फटी सी डीएसटी और सिर में खुजली हो रही है उपाय बताए डॉ साहब

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