ब्रम्हचर्य सहायक प्राणायाम

Last Updated on July 24, 2019 by admin

सीधा लेट जाये पीठ के बल से.. कान में रुई के छोटे से बॉल बना के कान बंद कर देनाअब नजर नासिका पर रख देना और रुक-रुक के श्वास लेता रहेंआँखों की पुतलियाँ ऊपर चढ़ा देना …शांभवी मुद्रा शिवजी की जैसी हैवो एकाग्रता में बड़ी मदद करती हैजिसको अधोमुलित नेत्र कहते हैआँखों की पुतली ऊपर चढ़ा देना … दृष्टि भ्रूमध्य में टिका लेना … जहाँ तीलक किया जाता है वहाँआँखे बंद होने लगेगी … कुछ लोग बंद करते है तो मनोराज होता है, दबा के बंद करता है सिर दुखता हैये स्वाभाविक आँखे बंद होने लगेगीबंद होने लगे तो होने दोशरीर को शव वत ढीला छोड़ दिया …. चित्त शांत हो रहा है ॐ शांति …. इंद्रिया संयमी हो रही है …. फिर क्या करें.. फिर कुंभक करें .. श्वास रोक दे … जितने देर रोक सकते है … फिर एकाक न छोड़े, रिदम से छोड़े …बाह्य कुंभक …अंतर कुंभक.. दोनों कुंभक हो सकते हैइससे नाडी शुद्ध तो होगी और नीचे के केन्द्रों में जो विकार पैदा होते है वो नीचे के केन्द्रों की यात्रा ऊपर आ जायेगीअगर ज्यादा अभ्यास करेंगा आधा घंटे से भी ज्यादा और तीन time करें तो जो अनहदनाद अंदर चल रहा है वो शुरू हो जाएगागुरुवाणी में आया – अनहद सुनो वडभागियाँ सकल मनोरथ पुरेतो कामविकार से रक्षा होती है और अनहदनाद का रस भी आता है, उपसाना में भी बड़ा सहायक है

2 thoughts on “ब्रम्हचर्य सहायक प्राणायाम”

  1. सपने में या ध्यान में गुरु का मार्गदर्शन पाने के लिए

    कोई समस्या है आप अपने गुरु से पूछना चाहते हों तो सोते समय बिस्तर पे बैठें ..लाइट बंद है और एक छोटा सा दिया … दिए की लौ बहुत छोटी … ज्यादा बड़ी ज्योत न हो और उसकी तरफ देखते-देखते आप अपने इष्ट …. अपने गुरु का ध्यान करें और उनको मन में कहें कि हम आप की शरण में है … आप हमारे स्वामी है …गुरु हैं …हमें आप प्रेरणा दीजिये हम क्या करें … हमें सदा प्रेरणा दीजिये … ऐसा करते करते सो जाएँ ….आपको उनका मार्गदर्शन निश्चित रूप से मिलेगा ..चाहे ध्यान में मिले… चाहे स्वप्ने में भी मिले

    सोते समय और भी प्रयोग कर सकते हैं .. बिस्तर पे बैठे हों …सीधे बैठे हों केवल ठोडी कंठकूप से लगा दी और भगवत गीता के दूसरे अध्याय का ७वां श्लोक का आखरी चरण मन में बोले … बैठने की स्थिति ऐसी हो कंठ कूप पर दबाव पड़े ..”शिष्यस्तेऽहं शाघि मां त्वां प्रपन्नम ” वे श्लोक न याद रहे तो आखिरी में तीन बाते हैं .. अर्जुन ने भगवान कृष्ण को कहीं … हम अपने इष्ट को …अपने गुरु को कहें .. ” हम आपके शिष्य है ….आपकी शरण में है ….मुझे प्रेरणा दो … मुझे क्या करना चाहिए इस विषय में ”

    ~हरिओम

  2. हरी ओम
    रात मे कंठ मे गुरुदेव का ध्यान करे तो 1दिन से 3 महिनो मे गुरुदेव स्वप्न मे आते है और हमारे सवालो के जवाब देते है।
    कृपया इस साधना के बारे मे विस्तार से बताये।
    मुझे mail पर भी ये जानकारी भेजे।

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