फलों के राजा आम के अनूठे स्वास्थ्य लाभ | Aam Khane Ke Fayde

Last Updated on June 29, 2020 by admin

आम का सामान्य परिचय : Mango in Hindi

प्रकृति हर ऋतु में उस ऋतु के अनुकूल और गुणकारी पदार्थ पैदा करती है इसलिए ऋतु के अनुसार पैदा होने वाले पदार्थों का सेवन अवश्य करना चाहिए। आम भी एक ऐसा ही फल है जो ग्रीष्म ऋतु के अंतिम काल में होता है और वर्षा शुरू हो जाने पर रसदार और मीठा हो जाने पर सेवन योग्य हो जाता है। यह इतना स्वादिष्ट, सुगंधितव पौष्टिक तत्वयुक्त होता है कि इसे ‘फलों का राजा’ कहा जाता है। भारत में कई किस्म का आम होता है और विदेशों को भी भेजा जाता है।
भाव प्रकाशनिघण्टु में लिखा है –

पक्वं तु मधुरं वृष्यं स्निग्धं बलसुखप्रदम् ।
गुरु वातहरं हद्यं वयं शीतमपित्तलम् ।।
कषायानुरसं वन्हिश्लेष्म शुक्रविवर्द्धनम् ।

आम के प्रकार : Aam ke Prakar

आम मोटे रूप से दो प्रकार का होता है –

  1.  जो आम बीज बोकर पैदा किया जाता है। उसे देशी आम कहते हैं। यह रस वाला होता है।
    और या तो चूस कर खाया जाता है या रस निकाल कर ‘अमरस’ के रूप में खाया जाता है।
  2. जो आम कलम लगा कर पैदा किया जाता है उसे ‘कलमी आम’ कहते हैं।
    इन दो भेदों के अलावा आकार, रंग, स्वाद और गुण इत्यादि के भेद से आम की और भी जातियां होती है, जैसे हाफुस, सफेदा, लंगड़ा, पायरी, नीलम, तोतापरी, राजभोग, मोहनभोग, गुलाब खास आदि ।

देशी आम रेशे वाला होने से रसदार होता है, जबकि कलमी आम रेशे वाला नहीं होता अतः काट कर खाया जाता है। पचने की दृष्टि से रसवाला आम अच्छा होता है और चूस कर खाये जाने पर जल्दी पचता है।

विविध भाषाओं में आम के नाम :

  • संस्कृत (Sanskrit) – आम्र
  • हिन्दी (Hindi) – आम
  • मराठी (Marathi) – आंवा
  • गुजराती (Gujarati) –  आन्वा
  • बंगाली (Bangali) – आम्
  • तेलगु (Telugu) – माविडी
  • कन्नड़ (kannada) – माविनफ़ल
  • तामिल (Tamil) – मांग
  • मलयालम (Malayalam) – मावु
  • फ़ारसी (Farsi) – आम्वा
  • अंग्रेजी (English) – मेंगो (Mango)
  • लैटिन (Latin) – मेग्नीफेरा इन्डिका (magnifera Indica)

आम के गुण : Aam ke Gun in Hindi

  •  पका हुआ आम मीठा, वीर्यवर्द्धक, स्निग्ध, बल तथा सुखदायक होता है ।
  • यह भारी, वातनाशक, हृदय को बल देने वाला होता है ।
  • यह वर्ण (रंग) को अच्छा करने वाला, शीतल और पित्त को न बढ़ाने वाला होता है ।
  • यह कसैले रस वाला तथा अग्नि, कफ तथा वीर्य बढ़ाने वाला है।
  • आम के गुण, स्थिति के अनुसार अलग-अलग होते हैं। पेड़ पर पका आम भारी, वात का शमन करने वाला, मीठा तथा अम्ल व तनिक पित्त शामक होता है।
  • पाल में पकाया हुआ आम पित्तनाशक, अम्ल रस रहित और विशेष रूप से मीठा होता है, लेकिन पाल से उतरा हुआ हो तो खराब स्वाद और दुर्गन्ध वाला होता है अत: ऐसा आम सेवन नहीं करना चाहिए।
  • कच्चे आम को कैरी या अमिया कहते हैं। कच्चा आम स्वाद में कसैला, वात व पित्त करने वाला, खट्टा, रूखा, तीनों दोषों को कुपित करने वाला तथा रक्तविकार उत्पन्न करने वाला होता है।
  • कच्चे आम का छिलका उतार कर गूदे के टुकड़े तराशकर धूप में सुखा लेते हैं जिसे अमचूर कहते हैं। यह दाल शाक में डाला जाता है। यह खट्टा, कसैला, दस्तावर, धातुओं को दूषित करने वाला तथा वात व कफ को जीतने वाला होता है। अमचूर का अति सेवन नहीं करना चाहिए।

आम के औषधीय उपयोग : Aam ke Upyog in Hindi

आम के विविध प्रयोगों का परिचय प्रस्तुत करना उपयोगी सिद्ध होगा, ताकि इन प्रयोगों का उपयोग किया जा सके।
आम एक अद्भुत वृक्ष है जो कि सिर्फ फल ही नहीं बल्कि इसके सभी अंग-प्रत्यंग औषधि-रूप में प्रयोग किये जा सकते हैं। समझने में आसानी हो, इस ख्याल में सारा विवरण एक साथन देकर प्रत्येक अंग के गुणव प्रयोग की चर्चा अलग-अलग की जा रही है। पके और कच्चे फल के गुण ऊपर बताये जा चुके हैं। अन्य अंगों के गुण इस प्रकार हैं

■ आम का मौर –
शीतल, रुचिकारी, ग्राही, वातकारकऔर अतिसार, कफ, पित्त, प्रमेह और रक्तप्रदर को नष्ट करने वाला होता है।

■ आम की जड़ –
कसैली, मलरोधक, शीतल, रुचिकर तथा कफ-वात का शमन करती है।

■ आम के पत्ते –
कोमल पत्ते कसैले मलरोधक और त्रिदोष का शमन करते हैं।

■ आम की गुठली –
मीठी, तूरी और कुछ कसैली होती है। वमन, अतिसार और हृदय प्रदेश की पीड़ा दूर करती है।

■ आम की छाल –
संकोचक, रक्तस्त्राव बंद करने वाली, बवासीर, वमन और अतिसार नष्ट करती है।

( और पढ़ेरसीले आम के 105 लाजवाब फायदे )

आम के फायदे और उपयोग : Mango Benefits In Hindi

आम को खाने के अलावा चिकित्सा में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। कुछ घरेलू प्रयोग प्रस्तुत किये जा रहे हैं

1-आम का रस एवं दूध-
आम का सर्वश्रेष्ठ और अत्यंत गुणकारी उपयोग इसका रस और दूध एक साथ सेवन करना है। पके आम के रस में विटामिन ‘ए’ और विटामिन ‘सी’ भारी मात्रा में मौजूद रहते हैं। नेत्रज्योति तथा शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने के लिए विटामिन ‘ए’ और चर्म रोग तथा रक्तविकार नष्ट करने के अलावा बाल, दांत वरक्त के लिए विटामिन ‘सी’ अच्छा काम करते हैं। आम के रस में पर्याप्त मात्रा में दूध मिला दिया जाए तो इसके गुणों में भारी वृद्धि हो जाती है और यह श्रेष्ठ बलवीर्य एवं रक्तवर्द्धक टॉनिक का काम करता है। कमजोर, दुबले, पतले शरीर वाले लड़के-लड़कियां एवं स्त्री-पुरुषों के लिए, रक्ताल्पता, क्षय, रक्तविकार, धातु-दौर्बल्य और वीर्यक्षय के रोगियों के लिए आम के रस व दूध का सेवन अत्यंत गुणकारी होता है। इस मिश्रण में मृदु विरेचक गुण होता है अत: कब्ज के रोगियों के लिए यह बहुत उपयोगी होता है। अम्लपित्त (हायपरएसिडिटी), आंतों की कमजोरी, संग्रहणी, अरुचि, यकृत-वृद्धि, यौनशक्ति की कमी आदि व्याधियों को दूर करने के लिए आम का रस और दूध का सेवन करना उत्तम है।
यदि भोजन करना बंद करके कम से कम 40 दिन तक केवल आम का रस और दूध का ही सेवन किया जाए तो बहुत लाभ होता है।

इसके दो तरीके हैं । एक तो पेट भर कर आम चूस कर ऊपर से उबाल कर ठंडा किया हुआ मीठा दूध पीना चाहिए या आम का रस निकाल कर उसमें आधी मात्रा में दूध मिला कर थोड़ा सा सोंठ चूर्ण और 1-2 चम्मच शुद्ध घी मिला कर एक बार सुबह और एक बार शाम को पीना चाहिए।

पहले दूध पीकर बाद में आम का रस पिया जा सकता है। यदि एक से दो माह तक यह प्रयोग कर लिया जाए तो शरीर में नया जीवन, नया जोश, भारी बल और रक्त की वृद्धि होती है तथा चेहरा ओजपूर्ण और सुर्ख हो जाता है। गर्भवती स्त्रियों के लिए आम का रस और दूध का सेवन करना अत्यंत लाभप्रद होता है। जो युवक-युवतियां अथवा प्रौढ़ स्त्री-पुरुष अपने शरीर को मांसल, सुडौल और हष्ट-पुष्ट बनाना चाहें उन्हें 1-2 माह तक नियमित रूप से आम और दूध का सेवन करना चाहिए। यौनशक्ति में कमी का अनुभव करनेवालों के लिए यह प्रयोग बेजोड़ है।

विभिन्न प्रयोग आम रस और दूध के प्रयोग के अलावा कुछ अन्य घरेलू नुस्खे भी लाभदायक सिद्ध हुए हैं जिनका विवरण इस प्रकार है

2-सोजाक-
आम के वृक्ष की छाल लगभग 30-40 ग्राम वजन में लेकर मोटा-मोटा कूट लें और पाव भर पानी में डाल कर शाम को रख दें। ऊपर से ढंक लें। सुबह इसे खूब मसल कर छान लें और पी जाएं। सोजाक के रोगी आम मिलता रहे तबतक यह नुस्खा प्रयोग करें।

3-रक्तप्रदर-
स्त्रियों के रक्तप्रदर और खूनी बवासीर के रोगियों के रक्तस्त्राव को रोकने के लिए, उन्हें आम की गुठली की गिरी का महीन चूर्ण 2-3 ग्राम मात्रा में, जल के साथ, सुबहशाम सेवन करना चाहिए। इसके कोमल पत्तों को पानी के साथ घोंट-पीस कर छानकर, थोड़ी शक्कर मिलाकर पीने से भी लाभ होता है।

4-लू लगना-
कच्ची कैरी को गर्म राख में दबा कर भून कर, इसका रस निकाल कर मिश्री मिलाकर पीने से लू का असर मिटता है।

5-नकसीर-
आम की गुठली की गिरी पीस कर, सूंघने से नकसीर में लाभ होता है।

6-मकड़ी का विष-
अमचूर को पानी में पीस कर त्वचा पर लेप करने से मकड़ी के विष का असर खत्म होता है। आम की गुठली की गिरी पानी में पीस कर जले हुए अंग पर लेप करने से फौरन ठंडक होती है।

7-अतिसार-
आम की गुठली का चूर्ण 10 ग्राम ताजा दही मिला कर खाने से अतिसार के दस्त बंद होते हैं। इस चूर्ण को 2-3 ग्राम मात्रा में शहद के साथ चाटने से श्वास-खांसी में लाभ होता है तथा पेचिश ठीक होती है।

8-स्वर भंग-
आम के पत्तों को पानी में डाल कर उबालें । जब पानी एक चौथाई शेष बचे तब उतार कर ठंडा कर लें और 1-2 चम्मच शहद डाल कर गरारे करने व पी जाने से गला ठीक होता है। इनमें से किसी भी नुस्खे का सेवन, संबंधित रोग के ठीक न होने तक करना चाहिए।

( और पढ़े गर्मियों में बनाये शीतलता देने वाला कच्चे आम का स्वादिष्ट पन्ना )

आम खाने के नुकसान / सावधानियाँ : Aam khane ke Nuksan in Hindi

  1. आम का अति सेवन करना हानिकारक होता है। इससे अपच, रक्त विकार, विषम ज्वर, कब्ज आदि रोग उत्पन्न होते हैं। लिहाजा आम को उचित एवं अनुकूल मात्रा में तथा दूध के साथ सेवन करना चाहिए।
  2. खट्टा आम नहीं खाना चाहिए।
  3. आम खाने पर यदि अपच की स्थिति बने तो आधा चम्मच सोंठ चूर्ण, ठंडे पानी के साथ फांक लें या एक गिलास दूध में डाल कर थोड़ी देर उबालें और पी लें। इस उपाय से आम खाने से हुआ अपच ठीक हो जाएगा।

(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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