पंचामृत रस : स्वास्थय व ऊर्जा प्रदायक, पाचक, व रोगनाशक अदभुत योग | Panchamrit Ras

Last Updated on July 22, 2019 by admin

Achyutaya HariOm Panchamrit Ras : सम्पूर्ण परिवार का सुरक्षा कवच

पंचामृत रस संतो द्वारा अनुभूत, स्वास्थय व ऊर्जा प्रदायक, पाचक, व रोगनाशक अदभुत योग है ।

अच्युताय हरिओम पंचामृत रस के फायदे : Achyutaya HariOm Panchamrit Ras ke Fayde

१. पंचामृत रस भूख को बढाने वाला, रूचिकर, भोजन पचाने में सहायक, कृमिनाशक एवं हृदय के लिए हितकर अनुभूत रामबाण योग है ।
२. पंचामृत रस के नियमित सेवन से पाचनशक्ति सबल होकर शरीर स्वस्थ, मजबूत व ऊर्जावान बनता है ।
३. पंचामृत रस के सेवन से चेहरे में निखार आता है । रोगप्रतिकारक शक्ति बढती है ।
४. पंचामृत रस थकान को दूर करनेवाला तथा प्रसन्नता एवं स्फूर्ति बढ़ाने वाला है ।
५. पंचामृत रस रक्त को सुद्ध कर त्वचा की कांति बढाने में भी सहायक है ।
६. आज की आधुनिक जीवनशैली, शारीरिक श्रम का अभाव एवं मिठाई, चॉकलेट आदि चीनी से बनी चीजों व वसा, नमक आदि के अधिक उपयोग के कारण मोटापा, मधुमेह (Diabetes), कैंसर (Cancer), हृदय की रक्तवाहिनियों का अवरोध (Coronary Artery Disease), उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), रक्त में वसा (Cholesterol) का बढना आदि विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होते है । पंचामृत रस इन सभी बीमारियों में बहुत अधिक लाभदायी है ।
७. पंचामृत रस जीर्ण कोशिकाओं को पुनः नवजीवन देता है । स्वस्थ व्यक्ति यदि इसका सेवन करता रहे तो निरोगी रहने में मदद मिलती है, उसकी रोगप्रतिकारक क्षमता पुष्ट होगी अतः इसे रसायन कहा जाता है । इसके सेवन से रक्तवाहिनियों की कार्यक्षमता बनी रहती है, जिससे वृद्धावस्था के लक्षण देरी से प्रकट होते है ।
८. पंचामृत रस आमाशय, मस्तिष्क व हृदय को बल देता है । यकृत की क्रिया को व्यवस्थित करने वाला है ।
९. पंचामृत रस का सेवन उल्टी (Vomit), जी मिचलाना (Nausea), अफारा (Gas), कब्ज (Constipation) आदि पाचन सम्बंधित तकलीफों में लाभदायी है ।
१०. पंचामृत रस में पाये जाने वाले घटक द्रव्यों के कैंसर रोधक विशेष गुण है, जिसके कारण यह कैंसर से रक्षा करने में सहायक है ।
११. इसकी अल्प मात्रा शरीर को कई रोगों से छुटकारा दिलाती है । यह रक्त में वसा (Cholesterol) को कम करके हृदय एवं रक्तवाहिनियों से सम्बंधित रोगों से रक्षा करने में सहायक है ।
१२. पंचामृत रस में पाये जाने वाले एंटी हिस्टामिन के कारण यह एलर्जी के कारण होने वाले सर्दी-जुकाम, छींक आना आदि प्रतिक्रिया का शमन करती है ।

सेवन विधि :- २ चम्मच (१० मि.ली.) से ३ चम्मच (१५ मि.ली.) शहद या पानी के साथ दिन में एक-दो बार ले सकते है अथवा वैद्यकीय सलाहनुसार लें । उपयोग करने से पहले बोतल को अच्छी तरह हिला लें ।

सावधानी : पंचामृत रस लेने के बाद १ घंटे तक दूध ना लें, शुक्रवार एवं रविवार को न ले ।

प्राप्ति-स्थान : सभी संत श्री आशारामजी आश्रमों( Sant Shri Asaram Bapu Ji Ashram ) व श्री योग वेदांत सेवा समितियों के सेवाकेंद्र से इसे प्राप्त किया जा सकता है |

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