अगोचरीमुद्रा : तेजी से पाप का क्षय कर आत्मशांति देने वाली लाभदायक मुद्रा

Last Updated on July 24, 2019 by admin

अगोचरी मुद्रा कैसे करें :Agochari mudra

नाक से चार उँगली आगे के शून्य स्थान पर दोनों नेत्रों की दृष्टि को एक बिन्दु पर केन्द्रित करके ध्यान लगाना।

अगोचरी मुद्रा के लाभ :Agochari mudra benefits in hindi

★ ये मुद्रा बहुत तेजी से पाप भक्षण करती है और ईश्वर प्राप्ति में बहुत सहयोगी है।

★ अगर मन अशांत हो तो यह बहुत ही लाभकारी मुद्रा है ,यह मन के विचारों की उथल-पाथल को शांत करती है |

★ यह ध्यान की शक्ति में विकाश करती है |

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इसके अतिरिक्त नभो मुद्रा, महा-बंध शक्तिचालिनी मुद्रा, ताडगी, माण्डवी, अधोधारण ,आम्भसी, वैश्वानरी, बायवी, नभोधारणा, अश्वनी, पाशनी, काकी, मातंगी, धुजांगिनी आदि 25 मुद्राओं का हमारे अति पवित्र और अति प्राचीन हिन्दू धर्म के ग्रन्थ “घेरण्ड-सहिता” में सविस्तार वर्णन है।

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