आंवला के गुण, उपयोग, फायदे और नुकसान | Amla khane ke Fayde aur Nuksan

Last Updated on July 7, 2022 by admin

करिश्माई फल आँवला : Amla in Hindi

छोटआँवले की खोज आज नहीं की गई। सौ-दो सौ वर्ष पहले भी नहीं। यह तो पुरातनकाल से विद्यमान है और तब से प्रयोग में आता रहा है। पूरी तरह वृद्ध हो चुके महर्षि च्यवन ने पहले पहल इस खट्टे-मीठे आँवले की चटनी बनाकर खाना आरंभ किया। इससे उनके जीवन में अभूतपूर्व शक्ति का संचार होने लगा। धीरे-धीरे उन्होंने ही इस चटनी में कुछ अन्य जड़ी-बूटियाँ, फलों, पत्तों, गुठलियों आदि को जोड़कर बेहद उपयोगी बना दिया और इसे खाना शुरू कर दिया। इसकी बदौलत वह शक्ति पाते गए। उनके शरीर के सारे अंग पहले से अधिक कार्यशील होते गए। वह पूर्ण स्वस्थ रहकर दीर्घजीवी बने।

उन्हीं के नाम पर इस अवलेह का नाम ‘च्यवन प्राश’ रखा गया, जिसका खूब प्रयोग होने लगा। आज तो बड़ी-बड़ी आयुर्वेदिक कम्पनियाँ जैसे अच्युताय हरिओम फार्मा, डाबर, झंडू, वैद्यनाथ सभी इसे बनाने-बेचने में लगे हैं। लोग इसका भरपूर लाभ उठाते हैं। यह दुर्बलता दूर करने की अचूक दवा है। औषधीय गुणों के कारण इसका अनेक रोगों में प्रयोग करके लाभ उठाया जाता है। आँवला केवल काष्ठ औषधियों में ही नहीं, रस औषधियों में भी पूरी तरह उपयोगी रहता है।

आंवला के औषधीय गुण : Amla ke Gun Hindi me

  1.  पका आँवला खाने से भूख बढ़ती है।
  2. यह मंद अग्नि को तीव्र करता है। पाचन-क्रिया बढ़ने से शरीर चुस्त रहने लगता है।
  3. यदि कोई पित्त वृद्धि के कारण परेशान हो तो भी आँवला ही काम आता है।
  4. जिनके पेट में गैस बनती हो, वायु परेशान करती हो तथा पेट भी फूला रहता हो, उन्हें आँवले का चूर्ण खाना चाहिए।
  5. आँवला खाने में तो कसैला लगता है फिर भी, आसानी से खाया जा सकता है।
  6. यह कसैला और खट्टा, दोनों हो सकता है व खाने में रुचिकर होता है।
  7. कुछ आँवले खट्टे, कसैले, और मीठे होते हैं। इसका सेवन छोटे-बड़े सभी करते हैं।
  8. यह त्वचा के सभी रोगों को ठीक करता है।
  9. यह क्षीण शक्ति को फिर से वापस लाकर, बल में वृद्धि करता है।
  10. आँवले का सेवन स्मरण शक्ति बढ़ाता है। इसे खाने से भूली-बिसरी बातें भी याद आ जाती हैं। बच्चे इसका सेवन कर, अपने पाठ को आसानी से याद कर लेते हैं। ( और पढ़े – आंवले का जूस पीने के फायदे)
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आंवला के फायदे और उपयोग : Amla Khane ke Fayde Hindi me

1. मूत्राशय की पथरी : यदि मूत्राशय में पथरी हो, पेशाब कम आता हो, दर्द के साथ बूंद-बूंद आता हो, तो आँवले का बारीक पिसा, छना चूर्ण नमक मिलाकर मूली के साथ खाएँ। मूली के साथ जितनी अधिक मात्रा खा सकते हों उतनी, खाएँ। बारबार खाने से पथरी गलकर निकल जाती है।

2. कब्ज़ : यदि कब्ज़ इतना अधिक हो कि कोशिश करने या जोर लगाने पर भी शौच न उतरता हो, तो रात में सोने से पूर्व एक चम्मच बारीक पिसा आँवले का चूर्ण गुनगुने पानी से खा लें। इससे कब्ज़ नहीं रहेगा। इस उपचार को कुछ दिनों तक लगातार अवश्य करें। ( और पढ़े –कब्ज के देसी नुस्खे )

3. गठिया रोग : यदि गठिया रोग हो गया हो तो चलने-फिरने में बड़ी तकलीफ होती है। जब तक उसका इलाज नहीं हो जाता तब तक चैन नहीं आता। अंग्रेजी दवाओं पर निर्भर मत रहें, आँवला से रोगमुक्ति संभव है।
पानी 250 ग्राम लें, उसमें दो तोला आँवला चूर्ण डालें। दोगुना गुड़ भी डालें। इन तीनों को उबलने दें। जब पानी मात्र 70 ग्राम रह जाए तो इसकी दो खुराके बनाएँ। आठ घंटे के अंतराल पर, सुबह-शाम पी लें। यह जरूर फायदा करेगा।
परहेज

  • कोई भी नमकीन चीज़ न खाएँ तथा बिना नमक के रोटी खाएँ।
  • अन्य दाल-सब्जियों से परहेज कर, मुंग की दाल खाएँ।
  • दाल में काली मिर्च और सेंधा नमक ही डालें।
  • ऐसा रोगी अपने प्रभावित अंगों को हवा में खुला न रहने दे। ( और पढ़े – गठिया का देसी इलाज इन हिंदी )

4. बच्चों का तुतलाना : यदि छोटे बच्चे तुतलाते हैं तो उनकी कोई बात समझ में नहीं आती। दोस्त अक्सर मजाक उड़ाते हैं। नकलें उतारते हैं। बच्चा खोजकर रोने लगता है। माँ समझाकर चुप कराती है। ऐसे बच्चे को यदि पका आँवला देकर उसे धीरे-धीरे चबाने और चूसने को कहें। एक दिन में, सुबह से शाम तक तीन आँवले चबा ले। थोड़े ही दिनों में जुबान की तुतलाहट बंद हो जाएगी।

5. खाँसी होना : यदि खाँसी है और जा नहीं रही हो, तो एक चम्मच शहद लें, उसमें आँवले का बारीक चूर्ण आधा चम्मच मिलाएँ तथा रोगी को चटाएँ। दिन में दो बार चटाने से, दो-तीन दिनों में खाँसी पूरी तरह से चली जाएगी। ( और पढ़े –खाँसी के देसी इलाज और उपाय )

6. पतले दस्त आना : यदि दस्त पतले आते हों तथा रुक न रहे हों, तो आँवले का बारीक चूर्ण लें। उसमें काला नमक लगाएँ। उसे खाकर पानी पी लें। छोटी डेढ़ चम्मच चूर्ण दिन में दो बार लें। जब तक ज़रूरत समझे। लेते रहें।

7. बाल गिरना : यदि बाल अक्सर टूटने, गिरने लगे हों तो सचेत हो जाएँ। उन्हें रोकें वरना गंजापन आते देर नहीं लगेगी। रात के समय कूटे हुए सूखे आँवले का मुट्ठीभर चूर्ण पानी में भिगो दें। पानी डेढ़ गिलास हो। प्रातः इन्हें अच्छी तरह मथकर छान लें। उस पानी से सिर धोएँ। वह बालों को मजबूत करेगा। बालों को जड़ों से निकलने, टूटने नहीं देगा। इतना ही नहीं बाल काले और चमकदार भी होंगे। उनका रूखापन खत्म होगा और वे मुलायम भी होने लगेंगे।

8. आँखों की ज्योति बढ़ाना : यदि आँखों की ज्योति कमजोर होने लगे तो आँवला काम आएगा। हरड़, बहेड़े, आँवले को मिलाकर त्रिफला बनता है। यदि इसमें एक भाग हरड़, दो भाग बहेड़े और तीन भाग आँवले लेकर सभी का बारीक चूर्ण बना लें। दो बड़े चम्मच इस त्रिफला को रात में मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दें। पानी एक गिलास हो। प्रातः त्रिफला को अच्छी प्रकार से मथकर, छानकर, साफ पानी निकाल लें। उस पानी से अच्छी तरह आँखें धोने से आँखों के रोग खत्म होंगे।और ज्योति भी बढ़ेगी। ( और पढ़े – आंखों की रोशनी बढ़ाने के उपाय)

9. वीर्य विकार : वीर्य विकार हो तो आँवले का रस एक तोला तथा शुद्ध शहद एक तोला, दोनों को अच्छी तरह मिलाकर पी लें। इसे 45 दिनों तक पीएँ। वीर्यविकार नहीं रहेगा। धातु शुद्ध होकर पुष्ट भी होगी। पतले वीर्य को गाढ़ा करने के लिए, चूर्ण तैयार कर के रखें। आँवले का बारीक चूर्ण तथा बारीक पिसी हल्दी, दोनों की समान मात्रा लें। इसे तवे पर भूनने के लिए कुछ मात्रा घी की भी डाल लें। ठंडा हो जाने पर इसमें मिसरी का पाउडर दोनों की समान मात्रा डालकर मिलाएँ। कंटेनर में, शीशी में रखें। इसकी एक खुराक, एक छोटे चम्मच के समान लें। इसे गर्म दूध के साथ ही लें। दिन में दो बार प्रातः तथा सायं। दोनों में आठ घंटे का अंतर जरूरी है। इस दवा को लेने से वीर्य गाढ़ा होगा। वीर्य का विकार खत्म होगा।

10. स्वप्नदोष का रोगी : amla mishri powder benefits in hindi – यदि किसी को स्वप्नदोष अक्सर हो जाता हो तो यह सीरियस बात है। इसके लिए आवला मिश्री चूर्ण या आँवले का मुरब्बा हर सुबह खाने से यह रोग खत्म हो जाता है। कम से कम चार सप्ताह जरूर खाएँ।

11. बलगम का जमे रहना : बलगम बनती रहे, और छाती में ही जमती रहे तो उसे बाहर निकाल फेंकने के लिए आँवला तथा मुलठ्ठी बराबर मात्रा में लें। दोनों को कूटकर बारीक करने के बाद उसे अच्छी तरह पीसकर छान लें। यदि इन दोनों को एक साथ पीसेंगे तो मुश्किल होगी। अलग-अलग ही पीसें, फिर मिलाएँ। खाली पेट दो छोटे चम्मच इस चूर्ण को पानी के साथ सुबह और शाम लेते रहें। 5-6 दिनों में कफ बनना भी बंद होगा। बनेगा तो उखड़ता रहेगा। सांस सरल हो जाएगी। जब तक तकलीफ लेश मात्र भी रहे, उपचार जारी रखें।

12. पेट में कीड़े होना : यदि पेट में कीड़े हो जाएँ तो भोजन पचता नहीं। जो कुछ होता है उसे कीड़े ही खा जाते हैं। इन्हें मारने और निकालने के लिए ताजा आँवलों का रस एक बड़ा चम्मच पिलाएँ। इसे पाँच दिनों तक नियमित पिलाते रहें। कीड़े नहीं रहेंगे।

13. खूनी बवासीर : बादी वाली बवासीर हो या खून गिरनेवाली, इन दोनों में ही बड़ी परेशानी सहनी पड़ती है। यदि खूनवाली बवासीर हो, तो सूखे आँवले लें। साफ़ करके कूट-पीस कर छान लें। इसके दो छोटे चम्मच चूर्ण प्रातः लस्सी के साथ लेना शुरू करें । कुछ दिनों तक इसे नियमित लेते रहें। बवासीर के साथ रक्त नहीं गिरेगा। रोग ठीक होगा।

14. कुष्ठ रोग : यदि कुष्ठ रोग के आसार हों, लक्षण हों, अथवा कुष्ठ रोग हो ही जाए, तो ऐसे में आँवले का बारीक चूर्ण लेकर फाँकें व पानी पी लें। एक समय में दो छोटे चम्मच चूर्ण की यह। खुराक दिन में दो बार लें। लगातार लेते रहने से कुष्ठ रोग घटने लगता है। धीरे-धीरे ठीक भी हो जाता है। ( और पढ़े –कुष्ठ(कोढ)रोग मिटाने के कामयाब 84 घरेलु उपाय )

15. गले में छाले : यदि गले में छाले पड़ जाएँ तो खाना-पीना कठिन हो जाता है। गले से नीचे कुछ उतरता नहीं। इसके लिए आँवला तथा मुलट्ठी दोनों को अलगअलग पीस लें तथा छान लें। दोनों का वजन बराबर रखें तो ठीक। दोनों के कुल वजन के बराबर मिसरी का चूर्ण डालें व मिलाकर रखें। आधा तोला चूर्ण लेकर एक छोटे गिलास दूध के साथ खाएँ या दूध में इस आँवला-मुलट्ठी चूर्ण को मिलाकर, पी जाएँ। यह गले के छाले खत्म करने में सक्षम है।

16. दुर्बल याददाश्त : यदि कोई व्यक्ति अपनी कमज़ोर याददाश्त से परेशान है । या किसी बच्चे को पाठ याद नहीं रहता, तो ऐसे में सही उपचार करना चाहिए। आयु के साथ भी याददाश्त घटने लगे तो भी यही करें। प्रातः, बिना कुछ खाए, आँवले का मुरब्बा, एक बड़ा आँवला अथवा दो छोटे आँवले खाकर, गुठली को मुँह में बहुत अच्छी तरह चूसकर, पानी पी लें। इसे नियमित रूप से खाने से याददाश्त तेज हो। जाती है।

17. पेशाब के समय जलन : पेशाब करते वक्त सामान्य न रहकर, कुछ जलन महसूस होती हो तो बड़ी असुविधा होती है।
ऐसे में : (i) कब्ज़ भी संभव है। (ii) पेशाब खुलकर नहीं आता है (iii) वीर्य के शीघ्र पतन होने की संभावना रहती है।
इन तकलीफों से छुटकारा पाने के लिए, ताजा आँवले का रस निकालें-चार तोले, रस में अढ़ाई तोले शहद मिलाएँ। इतना ही पानी भी डालें। यह खुराक सुबह तथा शाम दिन में दो बार लें। आप कुछ ही दिनों बाद काफी ज्यादा ठीक हो जाएँगे। पेशाब में जलन होना तो चार दिनों में ही बंद हो जाएगा।

18. महिलाओं का श्वेत प्रदर रोग : इस रोग को और अधिक बिगाड़नेवाले हैं : (i) गुड़ (ii) खटाई (iii) तले पदार्थ (iv) तेज़ मसाले (v) तेज़ मिर्च । इलाज के साथ ही इन सब चीजों का सेवन बंद कर दें।

  • ताजे आँवले का रस दो चम्मच लें। इतना ही शहद लें। दोनों को मिलाकर चाट लें। यह एक दिन का इलाज है। प्रातः, खाली पेट। ऐसी ही खुराक कुछ दिनों तक, कम से कम चार सप्ताह तक लें। श्वेत प्रदर ठीक हो जाएगा।
  • एक चम्मच शहद में एक चौथाई आँवले का पाउडर डालकर चाट लें। मगर चाटें आहिस्ता-आहिस्ता ही। यह प्रातः की खुराक है। बस, इसे चार सप्ताह तक रोज़ाना लें। बीच में नागा नहीं। श्वेत प्रदर रोग में बहुत ज्यादा फर्क आ जाएगा। अगला निर्णय अपनी अवस्था देखकर करें तथा कुछ दिन और लेना हो तो अवश्य लें।

19. रक्त की कमी होना : यदि खून की कमी हो और रंग पीला पड़ता जाए तो शरीर बुरी तरह क्षीण हो जाता है। आँवले का रस तीन बड़े चम्मच लें। उसमें दो चम्मच शहद डालें। एक बड़ा चम्मच पानी मिलाकर पीना शुरू करें। कुछ ही दिनों में रक्त की कमी पूरी होती जाएगी।

20. पुष्ट व नीरोग बनने के लिए : आंवला और शहद खाने के फायदे -वैसे तो आज के जमाने में रहन-सहन के कारण अच्छी सेहत तथा नीरोगता को पाना आसान नहीं। फिर भी आँवले का चूर्ण डेढ़ चम्मच लेकर दो चम्मच शहद के साथ मिलाकर चाटें। ऊपर से गर्म दूध का गिलास पी लें। रोज़ाना लेने से शरीर निरोग रहेगा तथा पुष्ट होगा।
अमला और एलो वेरा जूस के फायदे – अमला और एलो वेरा जूस सुबह तथा शाम दिन में दो बार लेते रहने से शरीर पुष्ट व नीरोगी बनता है ।

आंवला खाने के नुकसान : Amla khane ke Nuksan

आंवले का के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं

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(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

10 thoughts on “आंवला के गुण, उपयोग, फायदे और नुकसान | Amla khane ke Fayde aur Nuksan”

  1. ….जिस विधि से बताया गया है उस तरह लिया जा सकता है ~ हरिओम

  2. इसका समाधान बहुत ही सरल है –
    अश्वगंधा के स्थान पर आप अश्वगंधा पाक का सेवन करें ।
    आंवला चूर्ण का सीधा सेवन न कर आप आंवले के मुरब्बा, आंवला कैंडी या रसायन चूर्ण का सेवन करें । मेरी राय में आश्रम का रसायन चूर्ण आपके लिए ज्यादा बेहतर रहेगा ।

    हृदय की मजबूती के लिए आश्रम की हृदयामृत टेबलेट का सेवन करें ।
    2 महीने लगातार आश्रम की हृदय सुधा सिरप का सेवन कर लें ।

    ~ हरिओम

  3. सेवा में
    हरिओम जी,
    आँवले के गुण, फायदे व उपयोग के बारे में मुझे (64) काफी पहले से पता है क्योंकि मुझे बचपन से ही आयुर्वेद में गहरी रुचि है। आवश्यकता पड़ने पर यथासंभव आयुर्वेदिक दवाओं का ही उपयोग करता हूँ। लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी, आँवला मुझे सूट नही करता है। 1-2 दिन तो आँवला का चूर्ण लेने से कोई फर्क नही पड़ता लेकिन तीसरे दिन से ही मेरे सिर की नसों में भारीपन आने लगता है ऐसा लगता है जैसे दिमाग की नसों के ऊपर कुछ जमता जा रहा है पूरा पूरा दिन सिर भारी रहता है और सिर में तेज दर्द भी होने लगता है उसके बाद चौथे पांचवे दिन तो बहुत तेज जुकाम और छीके होने लगती है।

    इसी तरह, अश्वगन्धा चूर्ण के उपयोग और गुणों के बारे में भी मुझे पता है मै इसे भी निरन्तर लेना चाहता हूँ लेकिन लगातार नही ले पाता। 24 घण्टे में सिर्फ एक बार, रात में दूध के साथ, मात्रा सिर्फ 1 ग्राम तक(अधिकतम) लेकिन दूसरे दिन से ही पेट मे जलन, एसिड बनने की शिकायत, हार्ट बर्निंग जैसी शिकायते, और त्वचा पर बहुत खुजली और ड्राइनेस होने की शिकायत होने लगती है।
    अश्वगन्धा लेने से मेरी मांसपेशियों को बहुत एनर्जी मिलती है और इससे हार्ट की रिदम भी सन्तुलित रहती है (क्योकि पिछले कई सालों से मेरा हार्ट कमजोर चल रहा है, हार्ट बीट बढ़ने की समस्या चली, ब्लॉकेज नही है, बी.पी. भी नॉर्मल के आसपास –115/80 रहता है कई बार ECG भी करवाई , वह नॉर्मल आई। पिछले साल पतंजलि के डॉक्टर से 4 महीने का अर्जुन की छाल का काढ़ा वाला कोर्स किया जिससे अब हार्टबीट अब सामान्य रहने लगी है।) बाद में मैने कही पढ़ा कि ह्रदय के कमजोर होने से ही धड़कन का रोग लगता है तो इससे प्रेरित होकर, हार्ट की मांसपेशियों को ताकत देने के लिये अश्वगन्धा की एक छोटी डोज दूध के साथ रोजाना लेना चाहता हूँ लेकिन फिर भी इसका उपयोग निरन्तर नही कर पाता। मैने दोनो चूर्ण को मिक्स करके भी उपयोग करके देखा है लेकिन फिर भी अश्वगन्धा की हॉटनेस और ड्राइनेस मुझे बहुत बेचैन कर देती है।
    कोई तरीका बताये जिससे आँवले के चूर्ण से कफ ना बने और अश्वगन्धा चूर्ण से एसिडिटी और जलन न हो। ताकि दोनो के उपयोग से फायदा उठाया जा सके। आप मेरे प्रश्नों का जवाब मेरे ईमेल से ही भेजने का कष्ट करें।
    धन्यवाद,
    हरिओम जी,

  4. बाजार का आमला दुध से रात को सोते समय
    ले सकते है

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