बार बार पेशाब आने के कारण व 25 सरल घरेलु उपचार – Bar Bar Peshab Aane ke Karan aur Upay

Last Updated on July 20, 2022 by admin

हम जो कुछ खाते पिते है हमारा शरीर उसमें से पोषक तत्व अलग करके के विषैले पदार्थों को मूत्र और मल द्वारा शरीर से बहार निकाल देता है। इसलिए ये जरुरी हो जाता है की पेशाब का वेग महसूस होते ही उसी वक़्त करना चाहिए। आपको अगर नॉर्मल से जादा यूरिन आये तो ये किसी रोग के लक्षण भी हो सकते है। रात को पेशाब बार बार आये तो नींद खराब हो जाती है। पेशाब अधिक आना सिर्फ शारीरिक नहीं मानसिक कारणों से भी हो सकता है जैसे की जादा तनाव लेना या फिर किसी चीज़ से भय होना। इस लेख में हम जानेंगे बार बार पेशाब क्यों आता है और कैसे घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाकर इस समस्या का उपचार करे, bar bar peshab ka treatment in hindi ।

बार बार पेशाब (बहुमूत्र) आने के कारण : bar bar peshab ana ki waja in hindi

  •  ब्लैडर में इंफेक्शन होने से।
  • सर्दियो में यूरिन जादा बनता है।
  • ये समस्या प्रेग्नेन्सी के दौरान भी होती है।
  • शुगर के मरीज को पेशाब जादा आता है।
  • प्रॉस्टेट ग्रंथि बढ़ने पर भी यूरिन अधिक आता है।
  • जादा कॉफ़ी, चाय, या शराब के सेवन से भी पेशाब अधिक आता है।
  • पेट में कीड़े की समस्या हो तो पेशाब जादा आता है, छोटे बच्चों के साथ ये परेशानी होती है।
  • मूत्राशय अधिक सक्रिय होने या फिर मूत्राशय में पेशाब जमा करने की क्षमता कम हो जाये तब पेशाब बार बार आता है।
  • कई बार किसी रोग के उपचार में ली हुई दवाओं के कारण भी पेशाब जादा आता है, ऐसे में अपने चिकित्सक की राय जरूर ले।

बार बार पेशाब का इलाज के घरेलू उपाय और नुस्खे : bar bar peshab ke gharelu upay in hindi

1. शहद – यदि बार-बार पेशाब आता है, यदि बहुमूत्र रोग हो गया है तो उसके उपचार के लिए आंवले के पांच ग्राम रस में हल्दी की चुटकी घोलिए और उसमें पांच ग्राम शहद मिलाकर पी जाइये। ऐसा करने से जरा-जरा सी देर में पेशाब का आना बंद हो जाता है।

2. मूली – मूली के नियमित प्रयोग से बहुमूत्र में आराम मिलता है

3. आंवला – आंवले का रस का सूखा चूर्ण गुड के साथ मिलाकर लेने से पेशाब खुलकर आता है

4. जवाखार – जवाखार और मिश्री तीन तीन ग्राम ताजे जल के साथ कुछ दिन लेने से बार बार पेशाब आने का रोग समाप्त हो जाता है

5. दालचीनी – राई काले तिल कलमी शोरा, टेसू के फूल एवं दालचीनी सभी को समभाग मेंलेकर चूर्ण बना लें,रोज दो ग्राम सुबह शाम शहद के साथ खाने पर बहुमूत्र रोग से मुक्ति मिलती है

6. बबूल की गोंद – बहुमूत्र (बार बार पेशाब आना) में बबूल का गोंद घी मे भून कर मक्खन के साथ सुबह को खाने से फ़ायदा होता है

7. अदरक – अदरक का ताजा रस सेवन करने से रुका हुआ मूत्र जल्दी बाहर निकल जाता है,साथ ही बहुमूत्र की शिकायत भी दूर होती है

8. जामुन की गुठली – जामुन की गुठली एवं बहेडे का छीलका दोनो बारीक पीस लें आठ दिन तक चार ग्राम रोज पानी के साथ लें,बार बार पेशाब आना बंद हो जायेगा

9. दूध – कलमी शोरा दस ग्राम दूध दो सौ पचास ग्राम और पानी एक किलो इन सबको मिलाकर दिन में दो बार पियें पेशाब खुलकर आयेगा बहुमूत्र रोग ठीक होजायेगा

10. काले तिल – काले तिल भुने हुए आधा किलो + आंवला 150 ग्राम इन दोनो में आवश्यकतानुसार देसी गुड (गन्ने का) मिला कर 15 या 20 ग्राम के लड्डू बना लें। सुबह-शाम सेवन करें और इसे खाने के आधे घंटे तक पानी न पियें। बस आपकी समस्या जादू की तरह से गायब हो जाएगी।

11. तिल के लडू – सुबह शाम तिल के लडू खाने से बार बार पेशाब (बहुमूत्र ) लगने की बीमारी में आराम मिलता है।

12. सेब – रात को बार बार पेशाब आना की परेशानी हो तो सेब खाने से भी फायदा मिलता है। इसके अतिरिक्त दिन में दो बार गाजर जूस का सेवन भी कर सकते है।

13. मसूर की दाल – इस समस्या से छुटकारा पाने में मसूर की दाल भी फायदा करती है। मेथी का साग एक कटोरी हर रोज खाए, इस देसी नुस्खे से भी पेशाब जादा आने की समस्या कम होती है।

14. छुहारा – वृद्धावस्था में पेशाब का बार बार होना जैसी समस्या होती है, इसके उपचार के लिए छुहारे खाने से फायदा मिलता है। रात को सोने से कुछ देर पहले छुहारे खा कर दूध पिए।

15. पालक – पालक की सब्जी शाम को बना कर खाने से भी थोड़ी थोड़ी देर में पेशाब आने की समस्या कम होती है।

16. अंगूर – अंगूर खाने से जादा पेशाब की हज़त कम होती है।

17. हल्दी – पेशाब बार बार आना के इलाज के लिए थोड़ी सी हल्दी ले और इसकी फांक मार कर पानी पिए।

18. काली मिर्च – तीन पिस्ता, पांच काली मिर्च और तीन मुनका पीस ले और दिन में दो बार इसका से सेवन करे। इस घरेलू दवा से भी फायदा मिलता है। (इसे भी पढ़ें – मूत्र रोग का 15 सरल घरेलू उपचार)

आपको अगर बार बार पेशाब आता है तो कॉफ़ी और चाय के सेवन से बचे, इसके इलावा कोल्ड ड्रिंक्स, शराब पीने से भी परहेज करे और ऐसी चीजों का सेवन अधिक करे जिनमें विटामिन सी अधिक हो।

पेशाब बार बार लगने का आयुर्वेदिक उपचार : bar bar peshab ke ayurvedik nuskhe

  1. थोड़ा सा नमक एक चम्मच अजवाइन में मिलाये और पानी के साथ सेवन करे। दिन में दो बार इस उपाय को करने पर कुछ दिनों में ही पेशाब की समस्या से निजात मिलती है।
  2. पेट में कीड़े पड़ने के कारण बच्चों को बार बार पेशाब आता है। अगर बच्चा बिस्तर पर पेशाब करता है या फिर नॉर्मल से अधिक पेशाब करता है तो इसके इलाज के लिए थोड़ा जायफल घिस ले और एक चौथाई चम्मच की मात्रा में बच्चे को चटा दे फिर ऊपर से दूध पिलाये। दो से तीन दिन इस उपाय को करने पर पेशाब का बार बार आना ठीक हो जाएगा।
  3. बार बार पेशाब आने की दवा के लिए एक चम्मच शहद दो से तीन पत्ते तुलसी के साथ खाली पेट हर रोज लेने से इस समस्या में आराम मिलता है।
  4. अनार के छिल्के पीसकर इसका पांच ग्राम चूर्ण पानी के साथ दो बार दिन में लेने से यूरिन बार बार आना बंद होता है।
  5. एक गिलास पानी के साथ आधा आधा चम्मच बेकिंग सोडा लेने से यूरिन का पी अच् बैलेंस कंट्रोल में रखेगा।
  6. भुने हुए चने गुड के साथ खाने से भी आराम मिलता है। दस से बारह दिन इस उपाय को निरंतर करने पर जादा पेशाब आने की परेशानी दूर होती है।
  7. गुड के साथ आंवले का चूर्ण खाने से पेशाब खुल कर आता है। तीन से चार दिन तक दो से तीन आंवलों के रस का सेवन करने से भी फायदा मिलता है। (इसे भी पढ़ें- बिस्तर पर पेशाब करने की समस्या से छुटकारा देंगे यह 20 घरेलु उपचार)

पेशाब के रंग से बीमारी की पहचान :

पेशाब का रंग स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बताता है। इसलिए यूरिन के कलर से स्वास्थ्य की जानकारी करने के बारे में पता होना चाहिए।

  •  हल्के पीले रंग की पेशाब हो तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन गहरा पीला रंग शरीर में पानी की कमी को दर्शाता है। पेशाब का रंग गहरा हो तो अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए।
  • पेशाब का रंग लाल हो तो डॉक्टरी जांच करनी चाहिए, क्योंकि पेशाब में खून किडनी, ब्लैडर, गर्भाशय, प्रोस्टेट ग्रंथि या किसी और कारण से आ सकता है।
  • पेशाब का रंग गहरा लाल हो तो ऐसा गंभीर बीमारी की निशानी है। लीवर में इंफ़ेक्शन, हेप्टाइटिस, सिरोसिस या कोई दूसरी गंभीर बीमारी इसका कारण होती है।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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