भूलने की बीमारी के सबसे असरकारक घरेलू उपचार | Bhulne ki bimari ka ilaj in hindi

Last Updated on March 21, 2020 by admin

भूलने की बीमारी का इलाज : bhulne ki bimari ke upay in hindi

1. शहद : शहद के साथ लगभग 3 ग्राम कलौंजी पीसकर सुबह सेवन करने से भूलने की बीमारी दूर होती है।

2. सोंठ : सोंठ, कुदरू का गूदा और नागरमोथा लगभग 25-25 ग्राम की मात्रा में लेकर कूटकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण सुबह पानी के साथ लेने से भूलने की बीमारी दूर हो जाती है।

3. कालीमिर्च : लगभग 5 ग्राम पिसी हुई कालीमिर्च में लगभग 50 ग्राम ब्रह्मबूटी कूटकर चूर्ण बना लें और इसे छानकर मिलाकर 3 ग्राम दूध या पानी के साथ सुबह सेवन करें। इससे भूलने की बीमारी दूर हो जाती है।

4. जवासे : 25 ग्राम जवासे की जड़ को छाया में सुखाकर मोटा-मोटा कूटकर 250 मिलीलीटर पानी में उबालें और जब एक चौथाई पानी शेष रह जाए तो इसे छानकर आधा चम्मच घी मिलाकर थोड़ा गर्म करके पीएं। इसका सेवन सुबह-शाम एक सप्ताह तक करने से भूलने की बीमारी समाप्त होती है।

5. सेब :  भूलने की बीमारी के मरीजों के लिए सेब बहुत लाभकारी है, इसको खाने से अमनेशिया में राहत मिलती हैं, क्योकि इसमें विटामिन B1, फास्फोरस, और पोटैशियम होता हैं जो ग्लूटामिक एसिड बनाने में मदद करता हैं। यह एसिड हमारे सेल्‍स को नियन्त्रित करती हैं। यह उपाय उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो अपना इलाज नहीं करा पाते है। सेब को 1 चम्मच शहद और एक कप दूध के साथ खाएं। यह हमारे दिमाग की नसों के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता हैं और उनमें एक नया जोश पैदा करता है।

6. अखरोट :  भूलने की बीमारी में अखरोट का काम बहुत अलग होता है, ये दिमाग की कमजोरी को पहचान लेता है और उसे दूर करने में जुट जाता है। अखरोट सारे सूखे फलों में सबसे अलग है। 20 ग्राम अखरोट रोज सुबह खाना चाहिए।

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6. रोजमैरी  :  भूलने की बीमारी के मरीजों के लिए रोजमैरी सबसे लाभकारी औषधि मानी गयी है। रोजमैरी को याददाश्त बढ़ाने वाली जड़ी- बूटी के रुप में जाना जाता हैं। पुराने समय में ग्रीक और रोम के लोग रोजमैरी के फूलों से इत्र बनाकर उसकी खुशबू को सूंघते थे और ये माना जाता था कि इससे दिमाग स्थिर रहता है। रोजमैरी के फूलों से बनी हुई चाय दिन में १-२ बार पीने से मस्तिष्क का विकास होता हैं।

7. ब्राह्मी बूटी :  भूलने की बीमारी के मरीजो के लिए ब्राह्मी बूटी रामबाण का काम करती हैं, 7 ग्राम ब्राह्मी बूटी को सूखाकर उसे पानी के साथ पीस लें और उसमें 7 बादाम और काली मिर्च के दानें मिलाएं और बाद में इसमें 25 गाम चीनी मिलाएं। रोज सुबह और शाम खाली पेट इसका सेवन करें, आराम मिलेगा।

8. बादाम : बादाम से बुद्धि तेज होती है। 4 से 5 बादाम को रातभर पानी में भिगों दें। सुबह उसके ऊपर का छिलका उतार दें और उसका पेस्ट बना लें। उसमें 1 चम्मच मक्खन मिलाकर खाएं। इसके अलावा नाक में सुबह और शाम 5 से 7 बूंद बादाम के तेल को डालकर खींचने से भी याददाश्त तेज होती है।

9. तेजपत्ता  : तेजपत्ता भी कमजोर मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत लाभकारी औषधि मानी गयी है। यह औषधि मस्तिष्क के कॉरटेक्स पर सीधा असर डालती है, और दिमागी थकान को दूर करते हुए एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करती हैं। सूखे तेजपत्तों से बनी चाय पीने से स्मरण शक्ति तेज होती हैं।

10. मालकांगनी (ज्योतिष्मती ) :  मालकांगनी के बीज, बच, देवदारू और अतीस आदि का मिश्रण बना लें। रोज सुबह-शाम 1 चम्मच घी के साथ पीने से दिमाग तेज और फूर्तीला बनता है। मालकांगनी तेल की 5-10 बूंद मक्खन के साथ सेवन करने से भी लाभ मिलता है।

(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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