सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस के 8 सबसे असरकारक घरेलु उपचार | Cervical Spondylosis ka Gharelu Upchar

Last Updated on August 19, 2021 by admin

सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस क्या है ? व इसके लक्षण : Cervical Spondolytis in Hindi

cervical spondylitis ke lakshan –

  • अगर स्पाइनल कोर्ड दब गई है तो ब्लेडर (Bladder) या बाउल (Bowl) पर नियंत्रण खत्म हो सकता है।
  • इस रोग का दर्द हाथ की उंगलियों से सिर तक हो सकता है।
  • उंगलियां सुन्न हो जाती हैं।
  • कंधे, कमर के निचले हिस्से और पैरों के ऊपरी हिस्से में कमजोरी और कड़ापन आ जाता है।
  • कभी-कभी छाती में दर्द हो सकता है।
  • कशेरुकाओं (Vertebra) के बीच की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है।
  • गर्दन से कंधों और वहां से होता हुआ यह दर्द हाथों, सिर के निचले हिस्से और पीठ के ऊपरी हिस्से तक पहुंच सकता है।
  • छींकना, खांसना और गर्दन की दूसरी गतिविधियां इन लक्षणों को और गंभीर बना सकती हैं।
  • दर्द के अलावा संवेदन शून्यता और कमजोरी महसूस हो सकती है।
  • शारीरिक संतुलन गड़बड़ा सकता है।
  • सबसे पहले दिखाई देने वाले लक्षणों में से एक गर्दन या पीठ में दर्द और उनका कड़ा हो जाना है।
  • समय बीतने के साथ दर्द का गंभीर हो जाना।
  • स्पोंडिलोसिस की समस्या होने पर यह सिर्फ जोड़ो तक ही सीमित नहीं रहती। समस्या गंभीर होने पर बुखार, थकान, उल्टी होना, चक्कर आना और भूख की कमी जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।

सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस के कारण : Cervical Spondolytis ke karan kya hai ?

स्पोंडिलोसिस आयु सम्बन्धी अपक्षय है लेकिन यह किसी विशेष आयु वर्ग तक सीमित नहीं होता और किसी भी आयु के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, हालाँकि, वृद्ध लोगों में संभावना ज्यादा होती है। किसी व्यक्ति को स्पोंडिलोसिस उत्पन्न करने के उत्तरदायी कारकों में –

  1. अधिक वजनी होना और व्यायाम ना करना
  2. कार्य गतिविधि
  3. गर्दन में लगी कोई चोट (चाहे सालों पुरानी हो)
  4. भूतकाल में रीढ़ की शल्यक्रिया हुई हो
  5. जीन्स द्वारा

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सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस का घरेलू उपचार : Cervical Spondolytis ka ilaj

1)  विजयसार का चूर्ण – विजयसार का चूर्ण एक बहुत बढ़िया औषिधि हैं, किसी भी प्रकार के हड्डियों के सम्बंधित रोग के लिए। 1 चम्मच विजयसार का चूर्ण शाम को एक गिलास पानी में भिगो कर रख दे, इसको सुबह 15 घंटे के बाद कपडे से छान कर अच्छी तरह निचोड़ कर घूँट घूँट कर पिए। कैसा भी कोई दर्द हैं, 1 महीने से 3 महीने के अंदर सही होगा, इसके साथ में इस से आप को अगर मधुमेह रोग भी हैं तो उसके लिए भी ये रामबाण हैं।

2)  लहसुन – 4 लहसुन 1 गिलास दूध में उबाले, सोते समय पीजिये।

3)  गर्म सिकाई – सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की समस्‍या से पीड़ि‍त व्‍यक्ति गर्दन के आस-पास की मांसपेशियों में दर्द, कठोर और दर्दनाक महसूस करता है। सिकाई कर सूजन को कम, मांसपेशियों को आराम और दर्द से कुछ राहत प्राप्‍त कर सकता है।

4)  गाय का घी है फायदेमंद – आयुर्वेद के अनुसार, गाय के घी में जोड़ों को लुब्रिकेट करने के गुण होते हैं। इसके अलावा, यह सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लिए जिम्मेदार वात तत्‍व को शांत करने के लिए भी जाना जाता है। साथ ही कब्‍ज इस समस्‍या को बढ़ाने वाले कारकों में से एक माना जाता है और गाय का घी नियमित रूप से मुलायम दस्‍त पारित करने में मदद करता है। इसलिए गाय का घी सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लिए सबसे अच्‍छे घरेलू उपचारों में से एक माना जाता है।

सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस का आयुर्वेदिक इलाज : Cervical Spondolytis ka ayurvedic ilaj

यह प्रयोग काफी लाभदायक हैं जिनका चिकित्सक के मार्गदर्शन में प्रयोग किया जाना उचित है।

1. धतूरे के बीज 10 ग्राम + रेवंदचीनी 8 ग्राम + सोंठ 7 ग्राम+ गर्म तवे पर फ़ुलाई हुई सफ़ेद फिटकरी 6 ग्राम + इसी तरह फ़ुलाया हुआ सुहागा 6 ग्राम + बबूल का गोंद6 ग्राम इन सब औषधियों को बारीक पीस लें और धतूरे के पत्तों के रस से गीला करके उड़द के दाने के (125मिलीग्राम यानी एक रत्ती ) बराबर गोलियां बना लें। इस गोली को दिन में केवल एक बार गर्म पानी से दोपहर का भोजन करने के बाद ही लेना चाहिए।
विशेष : ध्यान रहे खाली पेट दवा हरगिज न लें।

2. वातगजांकुश रस की 1 गोली दिन में दो बार सुबह-शाम दशमूल काढ़े केसाथ दो चम्मच लेना भी लाभकारी होता है।

3. महामाष तेल की तीन-तीन बूंदे दोनो कानों व नाक में सुबह-शाम डालना भी लाभकारी होता है ।

4. आभादि गुग्गुल की एक एक गोली महारास्नादि काढ़े के साथ दस से पंद्रह मिली की मात्रा में खाली पेट लेना भी लाभदायक होता है। ये तो कुछ अनुभूत योग हैं इसके अलावा पंचकर्म चिकित्सा भी सरवाईकल स्पोंडीलाईटीस के रोगियों में काफी कारगर होती है।

सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस मे परहेज :

  • पीठ के बल बिना तकिया के सोयें। पेट के बल न सोयें। कड़े बिछावन पर सोना चाहिए ताकि रीढ़ की हड्डी ठीक रहे।
  • वजन नहीं उठाना चाहिए और न ही सिर झुकाकर काम करना चाहिए।
  • ठण्डे और गर्म पैक से चिकित्सा दर्द में कमी लयेगा। पानी का ठण्डा पैकेट दर्द करने वाले क्षेत्र पर रखें। और फिर पानी का गर्म पैकेट दर्द करने वाले क्षेत्र पर रखें।
  • आपका डॉक्टर किसी फिज़ियोथेरेपिस्ट के पास जाने की सलाह दे सकता है। यह भौतिक उपचार आपके दर्द में कमी लायेगा।
  • आप किसी मसाज़ चिकित्सक से भी मिला सकते हैं जो एक्यूपंक्चर और कशेरुका को सही करने का जानकार हो। कुछ ही बार इसका प्रयोग आपको आराम पहुंचायेगा।
  • गर्दन की नसों को मजबूत करने के लिये गर्दन का व्यायाम करें।
  • अपनी गाड़ी को सड़क पर मिलने वाले गड्ढ़ों पर न चलायें। यह दर्द को बढ़ा देगा।
  • कम्प्यूटर पर अधिक देर तक न बैठें। और बीच बीच में पैरो के पंजो पर खड़े हो कर दोनों हाथो को आपस में मिला कर ऊपर आकाश की तरह धकेले। कंधो को और गर्दन को थोड़ा हिला ले।
  • विटामिन बी और कैल्शियम से भरपूर आहार का सेवन करें। बादाम, पिस्ता और अखरोट में विटामिन इ और बी – 1, बी – 6, और बी – 9 के साथ प्रोटीन और मैग्नीशियम पाया जाता हैं, दूध, गाजर, स्ट्रॉबेरी, केला, पत्ता गोभी, प्याज, इनको भी अपने भोजन में स्थान दे।

(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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