सिर के फोड़े फुंसियों के 12 रामबाण घरेलु उपचार | Fode Funsi Ka A yurvedic Desi Gharelu ilaj

Last Updated on November 19, 2019 by admin

सिर में फुंसी होने के कारण व घरेलू इलाज : pimples ke liye gharelu nuskhe

परिचय :

कफ और रक्त में खराबी होने से सिर और मुंह पर अनेक दर्द देने वाली फुंसियां(Pimples ,Fode, Funsi) पैदा हो जाती है जिन्हे अरुंषिका अथवा वराही कहा जाता है। यह फुंसियां सिर में भी छोटे-छोटे दानों के रूप में निकल आती है।

सर में फोड़ा होने का कारण :Fode Funsi ka karn in hindi

• सर की त्वचा का तेलिये होना|
• सर की त्वचा का गन्दा होना|
• सर में ज्यादा गंदे तेल का प्रयोग करना|
• सर में dandruff का ज्यादा होना|
• शरीर में गर्मी ज्यादा होना|

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विभिन्न औषधियों से उपचार- Fode Funsi Ka Gharelu Upchar

1. नीम:
• नीम, परवल और आड़ू के पत्तों को पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर और मुंह पर होने वाली छोटी-छोटी फुंसियां(Pimples) ठीक हो जाती है।
• नीम के पत्तों को पानी में देर तक उबालकर सिर को इस उबाले हुए पानी से धोने से जीवाणु मर जाते हैं और फुंसियां ठीक हो जाती है।
• लगभग 10-10 ग्राम की मात्रा में नीम, जामुन की छाल और खादिर (कत्था) को गाय के पेशाब में कूटकर और पीसकर सिर में लेप करने से अरुंषिका रोग ठीक हो जाता है।
• यदि सिर के घाव में कीड़े अथवा सूजन पैदा हो जाए तो नीम, करंज या नीलगिरी में से किसी एक के तेल को लगाने से सिर और चेहरे की फुंसियों में लाभ मिलता है।

2. सेंधानमक: लगभग 50 ग्राम सेंधानमक और 50 ग्राम कुटज की छाल को गाय के पेशाब के साथ पीसकर सिर पर लेप करने से अरुंषिका रोग (Fode Funsi)ठीक हो जाता है।

3. हल्दी: हल्दी, दारूहल्दी, चिरायता, नीम की छाल, बहेड़ा, आंवला, हरड़, अड़ूसा के पत्ते और चन्दन के बुरादे को बराबर मात्रा में लेकर सिल पर घिसकर लुग्दी बना लें। इस लुग्दी से 4 गुना काली तिल्ली का तेल लें। इस तेल से 4 गुना पानी लेकर इसमें सबको मिलाकर पकायें। जब केवल तेल मात्र शेष रह जाता है, तो इसे उतारकर छान लें। इस तेल को लगाने से अरुंषिका के अलावा फोड़े-फुंसी(Fode Funsi), जलन और सभी प्रकार के त्वचा से सम्बंधित रोग खत्म हो जाते हैं।

4. गुलाब: ताजे गुलाब के फूलों को पीसकर सिर में लेप करने से अरुंषिका रोग ठीक हो जाता है।

5. धतूरा:
• धतूरे या नागरबेल के पत्तों के रस में थोड़ा सा कपूर मिलाकर कपड़े या रूई को भिगोकर सिर पर बांधने से अरुंषिका रोग में लाभ मिलता है। इस रस को लगाने से सिर की जूं और कीड़े भी मर जाते हैं।
• धतूरे के पत्तों को सरसों के तेल में पकाकर तेल को छान लें। इस तेल को सिर में लगाने से अरुंषिका रोग ठीक हो जाता है।

6. सरसो: सरसों के तेल में कूठ के चूर्ण को मिलाकर सिर पर लगाने से अरुंषिका रोग दूर हो जाता है।

7. तोरई: कड़वी तोरई, चित्रक की जड़ और दंती की जड़ को एकसाथ पीसकर तेल में पका लें। इस तेल को नियमित रूप से सिर में लगाने से अरुंषिका रोग खत्म हो जाता है।

8. वायबिडंग: लगभग 10-10 ग्राम वायबिडंग और गंधक को पीसकर लगभग 80 ग्राम तेल में पकाकर उस तेल में गाय के पेशाब को मिलाकर सिर या चेहरे पर लेप की तरह लगाने से अरुंषिका रोग खत्म हो जाता है।

9. त्रिफला: लगभग 3 ग्राम त्रिफला के चूर्ण और गुग्गुल की एक गोली को पानी के साथ लेने से अरुंषिका रोग या छोटी-छोटी फुंसियां ठीक हो जाती है।

10. तिल: तिलों को कूटकर और मुर्गे की बीट को गाय के पेशाब के साथ पीसकर सिर पर लगाने से अरुंषिका रोग में होने वाली छोटी-छोटी फुंसियां ठीक हो जाती है।

11. आक: सिर पर आक (मदार) का दूध लगाने से अरुंषिका से पैदा होने वाली जलन और खुजली खत्म हो जाती है।

12. निर्गुण्डी: निर्गुण्डी के काढे़ से सिर को धोने से अरुंषिका (सिर के फोड़े/ Fode Funsi) ठीक हो जाते हैं।

विशेष : अच्युताय हरिओम लिवर टोनिक सिरप  के सेवन से छोटी-छोटी फुंसियां ठीक हो जाती है।

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