तुलसी के यह सरलतम प्रयोग आपके घर को सुख समृद्धि से भर देंगे | Holy Basil( Tulsi )

Last Updated on July 24, 2019 by admin

पूज्य बापूजी कहते हैं : ‘तुलसी ( tulsi ) निर्दोष है | सुबह तुलसी के दर्शन करो | उसके आगे बैठे के लम्बे श्वास लो और छोड़ो, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, दमा दूर रहेगा अथवा दमे की बीमारी की सम्भावना कम हो जायेगी | तुलसी को स्पर्श करके आती हुई हवा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाती है और तमाम रोग व हानिकारक जीवाणुओं को दूर रखती है |’

तुलसी ( tulsi )के चमत्कारिक प्रयोग :

-★- कार्तिक पूर्णिमा को श्रीहरि को तुलसी ( tulsi )चढ़ाने का फल दस हज़ार गोदान के बराबर।

-★- जिन दंपत्तियों के यहां संतान न हो वो तुलसी ( tulsi )नामाष्टक सुनें, घर में गूंजेगी किलकारी

तुलसी नामाष्टक

वृंदा,वृन्दावनी,विश्वपुजिता,विश्वपावनी ।
पुष्पसारा,नंदिनी च तुलसी,कृष्णजीवनी ।।
नाम अष्टकं चैव स्त्रोत्र नामार्थ संयुतम।
य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत ।।

वृंदा,वृदावनी,विश्वपुजिता,विश्वपावनी,पुष्पसारा,नंदिनी,तुलसी और
कृष्णजीवनी येतुलसी के आठ प्रिय नाम हैं।जो कोई भी तुलसी की पूजा
करके इस नामाष्टक कापाठ करता हैं वह अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त करता हैं।

-★- तुलसी नामाष्टक के पाठ से न सिर्फ शीघ्र विवाह होता है बल्कि बिछुड़े संबंधी भी करीब आते हैं।

-★- नये घर में तुलसी का पौधा, श्रीहरि नारायण का चित्र या प्रतिमा और जल भरा कलश लेकर प्रवेश करने से नये घर में संपत्ति की कमी नहीं होती।

-★- नौकरी पाने, कारोबार बढ़ाने के लिये गुरूवार को श्यामा तुलसी का पौधा पीले कपड़े में बांधकर, ऑफिस या दुकान में रखें। ऐसा करने से कारोबार बढ़ेगा और नौकरी में प्रमोशन हो जायेगा।

इसे भी पढ़े :  सफलता प्राप्ति के लिए स्वस्तिक के अचूक शास्त्रीय प्रयोग |

-★- स्कंद पुराण’ (का.खं. :२१.६६) में आता है :

तुलसी यस्य भवने प्रत्यहं परिपूज्यते |
तद् गृहं नोपसर्पंन्ति कदाचित यमकिंकरा: ||

‘जिस घर में तुलसी – पौधा विराजित हो, लगाया गया हो, पूजित हो, उस घर में यमदूत कभी भी नहीं आ सकते |’

अर्थात जहाँ तुलसी – पौधा रोपा गया है, वहाँ बीमारियाँ नहीं हो सकतीं क्योंकि तुलसी – पौधा अपने आसपास के समस्त रोगाणुओं, विषाणुओं को नष्ट कर देता है एवं २४ घंटे शुद्ध हवा देता है | वहाँ निरोगता रहती है, साथ ही वहाँ सर्प, बिच्छू, कीड़े-मकोड़े आदि नहीं फटकते | इस प्रकार तीर्थ जैसा पावन वह स्थान सब प्रकार से सुरक्षित रहकर निवास-योग्य माना जाता है | वहाँ दीर्घायु प्राप्त होती है |

-★- तुलसी रोपने तथा उसे दूध से सींचने पर स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है | तुलसी की मिट्टी का तिलक लगाने से तेजस्विता बढ़ती है |

-★- पूज्यश्री कहते हैं : ‘तुलसी के पत्ते त्रिदोषनाशक है, इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं है | ५ – ७ पत्ते रोज ले सकते हैं | तुलसी दिल – दिमाग को बहुत फायदा करती है | मानो ईश्वर की तरफ से आरोग्य की संजीवनी है “संजीवनी तुलसी” |

-★- विज्ञान का आविष्कार इस बात को स्पष्ट करने में सफल हुआ है कि तुलसी में विद्युत् – तत्त्व उपजाने और शरीर में विद्युत् – तत्त्व को सजग रखने का अद्भुत सामर्थ्य है | थोडा तुलसी – रस लेकर तेल की तरह थोड़ी मालिश करें तो विद्युत् – प्रवाह अच्छा चलेगा |

-★- बर्रे, भौंरा, बिच्छू ने काटा हो तो उस स्थान पर तुलसी के पत्ते का रस लगाने या तुलसी-पत्ता पीसकर पुलटिस बाँधने से जलन व सूजन नहीं होती है |

-★- तुलसी के बीज बच्चों को भोजन के बाद देने से मुखशुद्धि होने के साथ – साथ पेट के कृमि भी मर जाते हैं | तुलसी – बीज नपुंसकता को नष्ट करते हैं और पुरुषत्व के हाम्रोंस की वृद्धि भी करते हैं |

-★- शास्त्रों में आता है कि जिनके घर में लहलहाता तुलसी का पौधा रहता है, उनके यहाँ वज्रपात नहीं हो सकता अर्थात जब तुलसी अचानक प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाय तब समझना चाहिए कि घर पर कोई भारी संकट आनेवाला है |

-★- बच्चों को तुलसी – पत्र देने के साथ सूर्यनमस्कार करवाने और सूर्य को अर्घ्य दिलवाने के प्रयोग से बुद्धि में विलक्षणता आती है | तुलसी की क्यारी के पास प्राणायाम करने से सौन्दर्य, स्वास्थ्य और तेज की अत्युत्तम वृद्धि होती है |

-★- प्रात: काल खाली पेट दो – तीन चम्मच तुलसी रस सेवन करने से शारीरिक बल एवं स्मरणशक्ति में वृद्धि के साथ –साथ व्यक्तित्व भी प्रभावशाली होता है |

keywords – tulsi ke fayde ,tulsi uses , tulsi in hindi , tulsi wikipedia , tulsi plant in english , tulsi plant information , tulsi plant care ,तुलसी के उपयोग , तुलसी के बीज का उपयोग , तुलसी की पूजा , श्री तुलसी, तुलसी की जानकारी , श्री तुलसी ड्राप , तुलसी के प्रकार , तुलसी अर्क के फायदे

Leave a Comment

error: Alert: Content selection is disabled!!
Share to...