उष्ट्रासन करने की विधि व उसके 7 बड़े फायदे | Ustrasana Steps and Health Benefits

Last Updated on July 22, 2019 by admin

उष्ट्रासन के फायदे, विधि और सावधानी : Ustrasana / Ushtra asana

उष्ट्रासन(Ushtra asana)को दो तरह से किया जाता है। इस आसन का अभ्यास अनेक रोगों में लाभकारी होता है तथा योग में इस आसन को महत्वपूर्ण आसन माना गया है।

उष्ट्रासन से होने वाले लाभ : Ustrasana ke Fayde /  Labh / Benefits

★ उष्ट्रासन पेट की चर्बी को कम करता है तथा मोटापे को दूर कर शरीर को सुडौल व सुंदर बनाता है।
★ इस आसन को करने से स्त्रियों के अनेक रोग दूर हो जाते हैं तथा यह गर्दन की अधिक चर्बी को कम करके उसे पतली व सुंदर बनाता है।
★ इस आसन से पीठदर्द, कमरदर्द आदि ठीक होते हैं। इस आसन को करने से कंठ, श्वासनली तथा फुफ्फुस की क्रियाशीलता बढ़ती है तथा कंठ व सांस के सभी रोगों से बचाव होता है।
★ उष्ट्रासन(Ushtra asana) मेरूदंड में लचीलापन लाता है तथा जीवनी शक्ति को बढ़ाकर युवावस्था को अधिक समय तक बनाएं रखता है।
★ यह आसन फेफड़े के रोगों को दूर करता है।
★ इस आसन से छाती चौड़ी तथा जांघें, बांहे व टांगे मजबूत होती हैं।
★ यह पेट व आमाशय के रोगों को दूर करता है तथा कामेन्द्रियो को पुष्ट करता है।

उष्ट्रासन की विधि : Ustrasana Steps in Hindi / Ustrasana ki Vidhi

पहली विधि :

★ उष्ट्रासन (Ustrasana)का अभ्यास स्वच्छ व शांत स्वच्छ हवादार वातावरण में करना चाहिए।
★ इस आसन को करने के लिए जमीन पर दरी बिछाकर घुटनों के बल खड़े हो जाएं अर्थात दोनो पैरों को घुटनों से मोड़कर पीछे की ओर ले जाकर घुटनों के सहारे सीधे खड़े हो जाएं।
★ इसके बाद दोनों घुटनो को मिलाकर तथा एड़ी व पंजों को मिलाकर रखें।
★ अब सांस अंदर खींचते हुए धीरे-धीरे शरीर को पीछे की ओर झुकाकर दोनों हाथों से दोनों एड़ियों को पकड़ने की कोशिश करें।
★ इस स्थिति में ठोड़ी ऊपर की ओर करके व गर्दन को तान कर रखें और दोनों हाथों को भी तानकर सीधा रखें।
★ सामान्य रूप से सांस लेते हुए इस स्थिति में 30 सैकेंड से 1 मिनट तक रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
★ इसके बाद सामान्य रूप से सांस लेते हुए 2 मिनट तक आराम करें और फिर इस क्रिया को करें। इस तरह इस क्रिया को 3 बार करें।

दूसरी विधि :

★ उष्ट्रासन(Ustrasana) में पहले की तरह ही घुटनों के बल बैठ जाएं और फिर घुटनों व एड़ियों को मिलाकर रखें।
★ इसके बाद सांस लेकर शरीर को धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकाते हए दोनों हाथों को पीछे पंजों से आगे फर्श पर टिकाएं और शरीर को सीधा व तानकर रखें।
★ इस स्थिति में आने के बाद सांस सामान्य रूप से लेते हुए इस स्थिति में आधे से 1 मिनट तक रहें।
★ इसके बाद सामान्य स्थिति में आकर 2 मिनट तक आराम करें। इस क्रिया को 3 बार करें।

विशेष :

दूसरी विधि पहले से आसान है, इसलिए पहली विधि से आसन करने में कठिनाई हो तो पहले दूसरी विधि से आसन का अभ्यास करे और उसके बाद पहली विधि का आसन करें।

Leave a Comment

Share to...