ताड़ासन की विधि व इसके 11 बड़े फायदे – Tadasana Steps and Health Benefits
ताड़ासन करने से लाभ : Tadasana ke Fayde / Benefits in hindi हठयोग में ताड़ासन का विशेष स्थान है। इस आसन से शरीर में शुद्ध वायु का प्रवाह होता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है …
ताड़ासन करने से लाभ : Tadasana ke Fayde / Benefits in hindi हठयोग में ताड़ासन का विशेष स्थान है। इस आसन से शरीर में शुद्ध वायु का प्रवाह होता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है …
कटिचक्रासन से लाभ :Kati chakrasana ke Fayde / Benefits in hindi ★ कटिचक्रासन से कमर पतली व लचीली बनती है। ★ इस आसन को करने से कंधे मजबूत व चौड़े बनते हैं। ★ यह आसन …
Lion Pose Steps and Health Benefits सिंहासन(Simhasana / Lion Pose) का अर्थ शेर के समान मुद्रा बनाना है। यह आसन अनेक रोगों में लाभकारी है। योगियों ने इस आसन को बहुत ही महत्वपूर्ण आसन कहा …
कोण संतुलनासन के फायदे, विधि और सावधानी : Kona santulana asana कोण संतुलनासन से होने वाले लाभ : ★ यह आसन(Kona santulana asana) जांघों व बाहों को मजबूत व पुष्ट करता है। ★ इस आसन …
शवासन : Savasana in Hindi शवासन ( Shava Asana ) को आसनों का सम्राट भी कहते हैं। शवासन क्रिया से शरीर और मन दोनों ही थकावट व चिंता से मुक्त हो जाता है। शवासन का …
शयनासन (Shayana asana )से रोगो में लाभ- ★ इस आसन से गर्दन शक्तिशाली बनती है। ★ यह आसन पिटयुटरी मिनिअल, थायराइड तथा वार्डिनल ग्रंथियों पर प्रभाव डालता है। ★ यह नाड़ी संस्थान, गुर्दे, पेट, आंतें, …
Karna Pidasana / Karnapidasana Steps and Health Benefits आसन (Karna Pidasana /Karana pira asana)से रोगों में लाभ- ★ इस आसन(कर्ण पीड़ासन) के अभ्यास से स्नायु तंत्र (नर्वससिस्टम) मजबूत तथा क्रियाशील बनता है। ★ यह आसन …
Uttana Kurmasan Steps and Health Benefits Uttana kurma asana से रोगों में लाभ : ★ इस आसन(Uttana Kurmasan) के अभ्यास से सांस से सम्बंधित बीमारियां दूर होती है। ★ यह आसन दमा, बोंक्राइटिस, टी.बी. आदि …
स्तूपासन : Satunapasan आसन से रोगों में लाभ- ★ यह आसन पेट के स्नायुओं को शक्तिशाली बनाता है तथा नाड़ी संस्थान को व्यवस्थित करता है। ★ इस आसन के अभ्यास से कब्ज, पेट के विकार …
हंसासन /Hansa Asana परिचय- हंसासन आसन (Hansa Asana)के अभ्यास के समय व्यक्ति के पूरे शरीर का संतुलन दोनों हथेलियों पर करना पड़ता है। इसके अभ्यास में शरीर की स्थिति हंस के समान होने के कारण …