ब्रह्मचर्य (वीर्य की रक्षा) का महत्त्व | The Imortance of Brahmacharya

viry ki raksha ka mahatva hindi mein

वीर्य-रक्षा करना हमारा प्रधान कर्तव्य है जो कुछ हम खाते-पीते हैं, उससे रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र- ये सात धातुएँ। | तैयार होती हैं। यही सातों धातु हमारे शरीर को धारण करती …

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