बुद्ध ने अत्यन्त ही शान्त स्वर में कहा- “ मैं भी तो किसान हूँ। मैं भी खेती करता हूँ (मधुर कथा )
तथागत एकबार काशी में एक किसान के घर भिक्षा माँगने चले गये। भिक्षा पात्र आगे बढ़ाया। किसान ने एकबार उन्हें ऊपर से नीचे तक देखा। शरीर पूर्णाग था। वह किसान कम पूजक था। गहरी आँखों …