Last Updated on January 8, 2023 by admin
खून की कमी होना क्या है ? (Anemia in Hindi)
हमारे देश में 50 फीसदी बीमार भविष्य पैदा हो रहे हैं, क्योंकि इन भविष्यों को जन्म देनेवाली माताएं ही तंदुरुस्त नहीं हैं । एक रिपोर्ट के मुताबिक़, देश में हर दूसरी गर्भवती महिला एनीमिया यानी खून की कमी से पीड़ित है । इसके अलावा २४ फ़ीसदी तंदुरुस्त पैदा होनेवाले बच्चे भी बाद में सही भोजन न मिलने से कुपोषित हो जाते हैं । देश के हर चार बच्चे में से तीन बच्चे के शरीर में खून की कमी पाई जा रही है ।
दरअसल, खून की कमी और कुपोषण को रोकने की केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तमाम कोशिशें नाकाम हो रही हैं । फाइलों में तो केंद्र और राज्यों की कई योजनाएं चल रही हैं, परंतु ज़मीनी हक़ीक़त यह है कि एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की खोज-ख़बर लेनेवाला कोई नहीं है । इन महिलाओं के गर्भ से ऐसे बच्चे पैदा हो रहे हैं, जिनके शरीर में पर्याप्त हीमोग्लोबीन (खुन) ही नहीं है ।
ध्यान देने वाली बात :
- 50 फ़ीसदी गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित ।
- 74 फ़ीसदी बच्चों के शरीर में खून की कमी ।
- तंदुरुस्त पैदा होने वाले 24 फ़ीसदी बच्चों को भी एनीमिया।
- 62 फ़ीसदी बच्चे विटामिन ए की कमी से भी जूझ रहे हैं।
खून की कमी क्यों होती है ? इसके कारण (khoon ki kami ke karan)
खून की कमी (एनीमिया) बीमारी कुल चार सौ से ज़्यादा रूपों में हमला करती है । इन सबको तीन समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है ।
- खून की कमी से हुई एनीमिया
- रेड ब्लड सेल के उत्पादन में कमी से हुई एनीमिया
- रेल ब्लड सेल के नष्ट होने से हुई एनीमिया
देश के ७४ फ़ीसदी बच्चों के शरीर में पर्याप्त खून ही नहीं है, यानी जन्म के समय तंदुरुस्त रहे 24 फ़ीसदी बच्चे भी बाद में एनीमिया के शिकार हो रहे हैं. इतना ही नहीं, देश में 62 फ़ीसदी बच्चे विटामिन ए की कमी से भी जूझ रहे हैं ।
आयरन और विटामिन ए की कमी के चलते बच्चे जन्मजात कुपोषित रहते हैं. ज़ाहिर है, इनमें से अधिकांश को प्रॉपर केयर और मेडिकेशन नहीं मिलेगा, जिससे या तो पांच साल पूरा करने से पहले ही उनकी मौत हो जाएगी या वे अगर ज़िंदा रहे, तो जब तक जिंदा रहेंगे, कुपोषित ही दिखेंगे ।
यूं तो अपने देश में महिलाओं और बच्चों के अलावा पुरुष भी हीमोग्लोबीन की कमी से जूझ रहे हैं, लेकिन ग्लोबल अलायंस फॉर इम्प्रूव्ड न्यूट्रिशन की हाल ही में की गई स्टडी में पुरुषों के मुक़ाबले महिलाएं ज़्यादा कुपोषित पाई गई हैं।
खून की कमी के लक्षण : khun ki kami ke laxan
- अकसर थकान,
- कमजोरी रहना,
- त्वचा का रंग पीला पड़ जाना,
- हाथ-पैरों में सूजन आदि एनीमिया के लक्षण हैं।
क्या है खून की कमी (एनीमिया) ?
एनीमिया शरीर में खून की कमी को कहते हैं।आमतौर पर खून (रेड सेल्स) में हीमोग्लोबीन का लेवल कम होने पर कमज़ोरी महसूस होने लगती है, उसे ही एनीमिया यानी रक्ताल्पता कहा जाता है ।
दरअसल, हीमोग्लोबिन पूरे शरीर में ऑक्सीजन को प्रवाहित करता है। ज़ाहिर है, इसके लेवल में कमी आने का मतलब शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाना है। शरीर के जिस हिस्से में ऑक्सीजन नहीं पहुंचेगी, वह अंग प्रभावित होगा। इसी कारण थकान और कमज़ोरी महसूस होती है।
यूनीसेफ की रिपोर्ट –
दो साल पहले आई यूनीसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में ख़ासकर गर्भवती महिलाओं
को ज़रूरी खुराक नहीं मिल पाती है, जिससे 11.50 करोड़ महिलाओं में से 56 फ़ीसदी में खून की कमी पाई गई है. असम, बिहार, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की महिलाओं को ग़रीबी के कारण या पर्याप्त भोजन नहीं मिलता है, या भोजन में पोषक तत्व नहीं होते हैं.
दरअसल, एनीमिया को लेकर भारत की छवि ठीक नहीं है. यहां कुपोषण और शरीर में खून की कमी बड़ी तादाद में लोगों में पाई जाती है.
यूनाइटेड नेशन्स फूड ऐंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की भारत के बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य की रिपोर्ट भयावह तस्वीर पेश करती है. इसे इंडियन नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन एवं विमेन्स ऐंड । चाइल्ड डेवलपमेंट मिनिस्ट्री की रिपोर्ट और खतरनाक बना देती हैं.
- चाइल्ड डेवल्पमेंट इंडेक्स के 141 देशों में भारत 112 वें स्थान पर है।
- भारत में 19.46 करोड़ कुपोषण के शिकार हैं, जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है।
- देश में 42 फ़ीसदी बच्चे अंडरवेट हैं।
- 58 फ़ीसदी दो साल की उम्र तक बच्चे अविकसित ही रहते हैं।
70 फ़ीसदी भारतीय महिलाओं और बच्चों में आयरन, जिंक और कैल्शियम जैसे पौष्टिक तत्वों की गंभीर कमी होती है, भारत में डिलीवरी के दौरान होने वाली 20 से 40 फ़ीसदी मौतें एनीमिया के चलते होती हैं. पूरी दुनिया में जितनी मौतें होती हैं उनका आधा केवल भारत में ही होती हैं. भारत में 5 करोड़ से ज्यादा बच्चे कम या ज्यादा एनीमिया से पीड़ित हैं ।
हीमोग्लोबिन व खून की कमी दूर करने के घरेलू उपाय (khoon ki kami dur karne ka upay)
khoon ki kami dur karne ka tarika
1. अंगूर – सुबह-शाम नियमित रुप से 100 ग्राम अंगूर का सेवन करने से खून की कमी दूर होकर खून में वृद्धि होती है।( और पढ़ें – खून की कमी दूर करने के 10 रामबाण घरेलु नुस्खे )
2. खजूर – चार-पांच खजूर या छुहारे दूध में उबालकर सेवन करने से खून की कमी दूर होती है और शारीरिक निर्बलता भी दूर होती है।
3. प्याज – प्याज में लोहे की मात्रा बहुत अधिक होती है। एक छोटी प्याज भोजन के साथ नियमित रुप से कुछ दिन तक खाने से रक्त की कमी की शिकायत दूर होकर खून में वृद्धि होती है।
4. फालसा – प्रतिदिन 100 ग्रा0 फालसा नियमित रुप से कुछ दिन तक खाने से खून की कमी की शिकायत दूर होती है। ( और पढ़ें – खून की कमी को पूरा करने के 50 उपाय )
5. सलाद – सलाद के रुप में प्रतिदिन गाजर, मूली, चुकंदर, प्याज, ककड़ी, खीरा, नींबू का रस सेवन करने से पाचन क्रिया ठीक होकर खून में वृद्धि होती है।
6. आलू बुखारा – आलू बुखारा खून में वृद्धि करता है। आपके शरीर में खून की कमी हो तो आलू बुखारा का शरबत प्रतिदिन एक गिलास पियें। इससे खून में वृद्धि होकर खून की कमी दूर होती है।
7. सब्जियों का रस – गाजर, पालक, तथा टमाटर का रस-तीनों को मिलाकर प्रतिदिन नियम पूर्वक पीने से खून की कमी दूर होती है। ( और पढ़ें – हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए क्या करे )
8. पपीता – प्रतिदिन नियमित रुप से पपीता खायें। पपीता शरीर में खून को बढ़ाता है। खून की कमी की शिकायत होने पर रोजाना पपीता एक बार अवश्य खायें।
9. सेब – सेब रक्त वर्द्धक है। खाना खाने के दो घंटे के बाद 100-150 ग्रा0 सेब का रस प्रतिदिन कुछ माह तक पीने से खून की कमी दूर होकर शरीर ताकवर बनता है।
10. चीकू – चीकू शक्ति वर्द्धक और रक्त वर्द्धक होने के कारण शरीर में खून की वृद्धि करता है। खाना खाने के बाद दो-तीन चीकू प्रतिदिन खाने से रक्त की कमी की शिकायत दूर होती है।
11. संतरा – संतरे और मौसमी का रस सम भाग में मिलाकर प्रतिदिन खाने से रक्त खून की कमी की शिकायत दूर होती है। ( और पढ़ें – संतरा खाने के 59 लाजवाब फायदे )
12. अनार – अनार का रस भोजन करने के दो घंटे बाद या दो घंटे पहले प्रतिदिन पीने से खून की कमी दूर होती है। ( और पढ़ें – अनार खाने के 118 फायदे )
13. अनन्नास – अनन्नास खाने से या इसका रस निकालकर पीने से खून की कमी की शिकायत दूर होती है।
14. बेल पत्र – बेल के ताजे पत्तों का रस पांच ग्राम में थोड़ा सा काली मिर्च का चूर्ण डालकर पीने से हाजमा ठीक होकर शरीर में खून की वृद्धि होती है। ( और पढ़ें – बेलपत्र के फायदे )
15. टमाटर – 100 ग्रा0 टमाटर का रस या 200 ग्रा0 कटे हुए टमाटर में काला नमक डालकर सेवन करें। इससे खून में बड़ी तीव्रता से वृद्धि होती है।
16. पत्तेदार सब्जियां – प्रतिदिन नियम पूर्वक पालक, वधुआ, मेथी की सब्जी खाने से खून की कमी की विकृति दूर होकर खून में वृद्धि होती है।
17. गाजर – शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने वाले भोजन जैसे – गाजर, टमाटर, पत्तागोभी, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का जमकर सेवन करना चाहिए ।
18. लोहे की कढ़ाई – सब्ज़ियों को लोहे की कढ़ाई मे पकाना चाहिए. इससे सब्ज़ी में अतिरिक्त आयरन हो जाता है, जो शरीर के लिए फ़ायदेमंद होता है ।
19. मौसमी फल – मुंग, तिल और बाजरा के अलावा मौसमी फलों का जितना संभव हो सके उतना सेवन भी करना चाहिए. ये सब आयरन से भरपूर होते हैं ।
20. चाय – भोजन करने के फ़ौरन बाद चाय अथवा कॉफी कभी नहीं पीना चाहिए । इसका शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है ।( और पढ़ें – चाय पीने के नुकसान )
21. बादाम – छह बादाम, तीन छोटी इलायची और दो छुहारे-इन सबको रात में मिट्टी के बर्तन में भिगो दें और सुबह इन्हें बारीक पीस कर इसमें 70 ग्रा0 मिश्री तथा 50 ग्रा0 मक्खन मिला कर कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे रक्त- दोष दूर होकर रक्त में वृद्धि होती है।
कैल्शियम भी शरीर में आयरन के इस्तेमाल में रुकावट पैदा करता है. इसलिए किसी सही डॉक्टर की सलाह से उचित मात्रा में ही कैल्शियम लें. बाजार में मौजूद आयरन की कई दवाइयां लोग अपने आप खरीद कर खा लेते हैं. इससे बचें ये दवाइयां डॉक्टर से पूछकर ही लें ।
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय (hemoglobin badhane ke liye upay)
- पालक, सरसों, बथुआ, मटर, मेथी, हरा धनिया, पुदीना और टमाटर अपने भोजन में जरूर शामिल करें।
- जामुन और आंवले का रस समान मात्रा में मिलाकर पीने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। खून की कमी नहीं होती हैं।
- रोजाना एक गिलास टमाटर का रस पीने से भी खून की कमी दूर होती है। टमाटर का सूप भी पिया जा सकता है।
- सिंघाड़ा शरीर को शक्ति प्रदानकरता है और खून बढ़ाता है। इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। कच्चे सिंघाड़े का सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा तेजी से बढ़ती है। ( और पढ़ें – सिंघाड़ा खाने के 16 लाजवाब फायदे )
- पपीता, अंगूर, अमरूद, केला, सेब, चीकू और नीबू का सेवन करें। ( और पढ़ें – पपीता खाने के 47 जबरदस्त फायदे )
- अनाज, दालें, मुनक्का, किशमिश और गाजर का सेवन करें। साथ ही, रात में सोने से पहले पिंडखजूर दूध के साथ लें।
- एलोवेरा जूस का सेवन करें। नाश्ते से 30 मिनट पहले 30 एमएल एलोवेरा जूस दिन में रोजाना लें।
- एनीमिया के रोगियों के लिए शरीर मालिश और योग बहुत लाभदायक होता है। ( और पढ़ें – मालिश करने के 44 जरुरी नियम और फायदे )
- सूर्यनमस्कार, सर्वागआसन, शवासन और पश्चिमोत्तानासन करने से पूरे शरीर में खून का प्रवाह बढ़ जाता है। इसके
- लौकी का जूस बनाकर पीने से भी खून बढ़ता है।
- मुनक्का को रात में पानी भिगो दें। सुबह पानी को पी लें और मुनक्का चबाकर खा लें। कुछ ही दिनों में हीमोग्लोबिन सामान्य हो जाएगा।
- सेब का जूस लें।
- एक गिलास चुकंदर का रस और स्वादानुसार शहद मिलाएं। इसे रोजाना पिएं। इस जूस में लौह तत्त्व अधिक मात्रा में होता है।
- 2 चम्मच तिल 2 घंटों के लिए पानी में भिगो दें। पानी छानकर तिल को पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार खाएं।
- पके हुए आम के गूदे को अगर मीठे दूध के साथ लिया जाए तो खून बढ़ता है। सुबह के समय धूप में बैठे। चाय और कॉफी पीना थोड़ा कमकर दें, क्योंकि ये शरीर को आयरन सोखने से रोकते हैं।
- अनंतमूल, दालचीनी और सौंफ की समान मात्रा लेकर चाय बनाकर पिएं। दिन में एक बार लें। खून की कमी दूर हो जाएगी।
- भुट्टे एनीमिया के रोगियों के लिए पौष्टिक होते हैं। मक्के के दाने उबालकर खाने से खून बढ़ता है।
- मूंगफली के दाने गुड़ के साथ चबा-चबाकर खाएं।
- शरपुंखा की पत्तियों और फलियों के लगभग 20 मिली. रस में 2 चम्मच शहद मिला लें। इस मिश्रण को सुबह-शाम लें। इससे खून साफ होता है और बढ़ता है।
- गेहूं, चना, मोठ, मूंग को अंकुरितकर नीबू मिलाकर सुबह नाश्ते में खाएं।
- सितोपलादि चूर्ण 50 ग्राम, आमल की रसायन 50 ग्राम, अश्वगंधा सत्व 50 ग्राम, शतावर चूर्ण 10 ग्राम, सिद्ध मकरध्वज 5 ग्राम, लौहभस्म 10 ग्राम, अष्टवर्ग चूर्ण 25 ग्राम, शहद 300 ग्राम। इस योग को 5 से 10 ग्राम मात्रा में सुबह-शाम चाटकर मीठा दूध पिएं। इसके सेवन से खून बढ़ता है।
- नमक और लहसुन का नियमित सेवन खाने के साथ चटनी के रूप में करें। हीमोग्लोबिन की कमी दूर हो जाती हैं।
- फालसा खाने से खून बढ़ता है। फालसे के फल या शर्बत को सुबह-शाम लेने से बहुत जल्दी आराम मिलता है।
- हंसपदी के पौधे का चूर्ण बनाकर शहद के साथ उपयोग करने से खून की शुद्धि होती है और शरीर में साफ खून प्रवाहित होने लगता है। इस चूर्ण को शहद के साथ चाटने या पानी के साथ लेने से खून में वृद्धि होती है और एनीमिया की शिकायत भी दूर हो जाती है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
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