Last Updated on April 14, 2020 by admin
चोट (घाव) लगने के कारण :
आज के व्यस्त माहौल में चोट लगना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि हमारे रोजाना के कामों में सावधानी बरतने के बाद भी चोट लग ही जाती है। बच्चे भी अक्सर खेलते-खेलते अपने आपको चोट पहुंचवा ही लेते हैं। चोट कभी भी बताकर नहीं लगती यह किसी भी परिस्थिति में लग सकती है। छोटी से छोटी चोट पर ध्यान न देने से वह भी एक गंभीर घाव का रूप ले सकती है। घाव कभी-कभी इतना गहरा हो जाता है कि खून को रोक पाना मुश्किल हो जाता है।
चोट के घरेलू नुस्खे और उपचार :
पहला प्रयोगः तुलसी के पत्तों का चूर्ण भुरभुराने से अथवा बेल के पत्तों को पीसकर लगाने से लाभ होता है।
दूसरा प्रयोगः मक्खन में कत्था घोंटकर लगाने से गंदा मवाद निकलकर घाव भरने लगता है।
तीसरा प्रयोगः शस्त्र से घाव लगने पर तुरंत उस पर शुद्ध शहद की पट्टी बाँधें अथवा हरड़े या हल्दी या मुलहठी का चूर्ण या भूतभांगड़ा या हंसराज की पत्तियों को पीसकर उसका लेप घाव पर करने से रक्त तुरंत रुक जाता है व पकने की संभावना कम रहती है।
चौथा प्रयोगः चोट लगकर खून निकलता हो तो हल्दी भुरभुराकर सर्वगुण तेल का पट्टा बाँधे। बाजारू पिसी हुई हल्दी में नमक होता है अतः दूध में हल्दी पीस लें।
वैसे भी शरीर पर किसी भी प्रकार से कटकर घाव(ghav) पड़ जाने पर 24 घंटे तक कुछ नहीं खाने से घाव पकता नहीं।
चोट लगने पर आयुर्वेदिक उपचार :
1. अजवायन: 50 ग्राम अजवायन को गर्म करके दोहरे कपड़े की पोटली में डालकर उससे चोट लगे हुए स्थान की सिंकाई करे। सिंकाई करने से पहले चोट लगे हुए स्थान पर कपड़ा डाल दें ताकि त्वचा न जल सके। इस तरह 1 घंटे तक चोट लगे हुए स्थान पर सिंकाई करने से आराम मिल जाता है। आवश्यकता हो तो इस क्रिया को दोहराया जा सकता है। किसी भी तरह की चोट पर अजवायन का सेंक रामबाण साबित होता है।
2. ग्वार: ग्वार और तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पानी में डालकर पका लें। इसे मोच या चोट वाली जगह पर लगाने से दर्द कुछ ही देद में दूर हो जाता है।
3. दूब: चाकू आदि से शरीर का कोई भाग कटने या चोट(chot) लगने से खून बह रहा हो तो दूब को कूटकर उसके रस में कपड़े को भिगोकर उसकी पट्टी बांधने से खून का बहना बंद हो जाता है।
4. मिट्टी का तेल:
- मिट्टी के तेल में एक कपड़ा भिगोकर शरीर में से खून बहते हुए स्थान पर बांधने से खून का बहना बंद हो जाता है।
- चोट या मोच के कारण सूजन हो गई हो, दर्द रहता हो, चाहे पुरानी चोट का दर्द हो, रोजाना नहाने के बाद मिट्टी का तेल लगाने से इन सभी में लाभ होता है।
5. बर्फ:
- शरीर में किसी तरह की चोट लगने पर अगर खून ज्यादा बह रहा हो तो उस स्थान पर बर्फ मलने से खून तुरन्त रुक जाता है।
- चोट लगने और खून बहने पर बर्फ के पानी की पट्टी बांधने और बर्फ का टुकड़ा रखने से लाभ होता है।
6. केला: चोट या रगड़ लगे हुए स्थान पर केले के छिलके को बांध देने से उस स्थान पर सूजन पैदा नहीं होती। पका हुआ केला और गेहूं का आटा पानी में गूंथकर गर्म करके लेप करने से चोट ठीक हो जाती है।
7. लहसुन:
- लहसुन की कलियों को नमक के साथ पीसकर उसकी पुल्टिस बांधने से चोट(chot) और ऐंठऩ में लाभ होता है।
- अन्दरूनी चोट में लहसुन, हल्दी और गुड़ को मिलाकर लेप करने से आराम मिलता है।
8. हल्दी:
- गुम चोट लगने पर 1 चम्मच हल्दी को गर्म दूध के साथ पीने से दर्द और सूजन दूर होती है। घाव (Ghav) लगे स्थान पर हल्दी को पानी में गूंथ कर लेप करने से आराम मिलता है। चोट से खून बह रहा हो तो उस स्थान पर हल्दी भर देने से लाभ मिलता है। आंख में चोट लगने पर भी हल्दी का सेवन करना लाभदायक होता है।
- 2 चम्मच पिसी हुई हल्दी, 4 चम्मच गेहूं का आटा, 1 चम्मच देशी घी, आधा चम्मच सेंधानमक को थोड़े से पानी में मिलाकर हलुआ बना लें। शरीर में चोट लगे स्थान पर इस हलुवे की पट्टी बांधने से आराम मिलता है। आधा किलो उबलते हुए गर्म पानी में आधा चम्मच नमक डालें। फिर पानी को उतारकर जब पानी सेंक करने जैसा हो जायें तो उसमें कपड़ा भिगोकर चोट लगे हुए अंग पर सिंकाई करने से दर्द आदि में आराम मिलता है।
- शरीर की कोई सी भी हड्डी टूटने पर हल्दी का रोजाना सेवन करने से लाभ होता है।
- 1 प्याज को पीसकर हल्दी में मिलाकर कपड़े सें बांध लें। इसे तिल के तेल में रखकर गर्म करें और चोट लगे हुए स्थान पर सेंक करें। कुछ देर सेंकने के बाद पोटली खोलकर दर्द वाले स्थान पर बांधने से आराम मिलता है।
- शरीर में कहीं भी चोट लगी हो या सूजन आ गई हो तो 2 भाग पिसी हुई हल्दी और 1 भाग चूने को एकसाथ मिलाकर लेप करने से लाभ होता है।
- चोट लगने के कारण सूजन आने पर 10 कली लहसुन और आधा चम्मच हल्दी को एकसाथ पीसकर 1 चम्मच तेल में गर्म करके सूजन वाली जगह पर लेप करके रुई लगाकर पट्टी बांधने से सूजन जल्दी ही दूर हो जाती है।
- 3 ग्राम पिसी हुई हल्दी को सुबह-शाम दूध से लेने से चोट या सूजन दूर हो जाती है।
- शरीर में कटी हुई जगह पर हल्दी के साथ पिसी फिटकरी या घी भर देने से लाभ होता है।
- चोट लगने पर 1 चम्मच हल्दी को गर्म दूध में मिलाकर पीने से दर्द और सूजन दूर हो जाती है। चोट लगी जगह पर हल्दी को पानी में मिलाकर उसका लेप लगाएं और अगर चोट ज्यादा गहरी हो तो उसमें हल्दी भर दें इससे चोट जल्दी भर जाती है। आंख में चोट लगने पर भी हल्दी को खाया जा सकता है। घी और आधा चम्मच सेंधानमक को थोड़े से पानी में मिलाकर हलुवा सा बनाकर चोट पर रखकर बांधें। आधा लीटर उबलते हुए गर्म पानी में आधा चम्मच सेंधानमक ड़ाले, फिर हिलाएं इसमें एक चम्मच हल्दी डाले और बर्तन को उतारकर रख दें जब पानी सेंक करने लायक हो जायें तो कपड़ा भिगोकर चोट वाले अंग पर इससे सेंक करे दर्द में आराम मिलेगा।
9. प्याज:
- 1 चम्मच पिसी हुई हल्दी को 2 चम्मच प्याज के रस में मिलाकर इसकी पोटली बांधकर सरसों के गर्म तेल में डुबोकर चोट लगे स्थान पर सेंक करें और फिर इसे घाव (Ghav) वाली जगह लेप करें इसके बाद रुई लगाकर पट्टी बांध दें
- 2 चम्मच प्याज के रस और 1 चम्मच शहद को मिलाकर 2 बार रोजाना चाटे। इससे चोट का दर्द व सूजन ठीक हो जाती है।
- प्याज को काटकर कपड़े में बांध लें। इसे मोच वाली जगह पर लपेटने से मोच के कारण होने वाली सूजन कम हो जाती है।
- खरोंच आने पर प्याज का टुकड़ा काटकर खरोंच वाली जगह पर मलने से लाभ होता है। लेकिन कटी या फटी त्वचा पर प्याज न लगाएं।
10. सेंधानमक:
- सेंधानमक और बूरा को बराबर मात्रा में मिलाकर 1 चम्मच सुबह-शाम पानी से फंकी के रूप में लेने से चोट के कारण होने वाला दर्द मिट जाता है।
- 1 भाग सेंधानमक को 30 भाग ठंडे पानी में घोल बनाकर चोट या मोच वाले स्थान पर धारा गिराने या पीड़ित अंग को डुबोकर रखने से काफी फायदा होता है।
11. नमक:
- नमक को तवे पर सेंककर गर्म-गर्म ही मोटे कपड़े में बांधकर दर्द वाली जगह को सेंकने से मोच व चोट में आराम मिलता है।
- गर्म पानी में नमक घोलकर सेंक करने से चोट ठीक हो जाती है।
12. आलू: चोट लगे हुए भाग में नील पड़ने पर उस नील पड़ी हुई जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाने से लाभ होता है।
13. अदरक: चोट लगने पर, भारी समान उठाने पर, कुचल जाने पर दर्द होने पर वहां अदरक को पीसकर मोटा लेप करके पट्टी बांध दे। लगभग 2 घण्टे बाद इस पट्टी को हटाकर ऊपर से सरसों का तेल लगाकर सेंक करें। इस तरह एक बार रोजाना लेप करने से दर्द दूर हो जाता है।
14. घी: घी और कपूर को बराबर मात्रा में मिलाकर किसी भी चोट के स्थान पर बांधने से दर्द दूर होता है तथा खून बहना भी बंद हो जाता है।
15. एरण्ड:
- घाव (Ghav) लगने के कारण खून बहने में या घाव होने पर एरण्ड का तेल लगाकर पट्टी बांधने से लाभ होता है।
- एरण्ड के पत्ते पर तिल का तेल लगाकर गर्म करके बांधने से चोट के कारण आने वाली सूजन एवं दर्द में लाभ होता है।
- 10-10 ग्राम एरण्ड के बीज की गिरी और काले तिल को दूध में पीसकर कम गर्म ही मोच पर बांधने से आराम मिलता है।
- एरण्ड के कुछ पत्तों को पानी में उबालकर इस पानी को चोट पर लगाने से राहत मिलती है।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
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