Last Updated on April 12, 2020 by admin
बच्चों के पेट में कीड़े क्यों होते है ? इसके कारण :
गर्मियों में शिशु या बच्चों के पेट में कीड़े हो जाना आम समस्या है। कृमि रोग भी बच्चे को परेशान करता है। ये कृमि लगभग 20 प्रकार के होते हैं जो अंतड़ियों में घाव पैदा कर देते हैं। अत: रोगी बेचैन हो जाता है। ये पेट में वायु को बढ़ा देते हैं जिसके कारण हृदय की धड़कन बढ़ जाती है। किसी भी मां या बाप के लिये अपने बच्चे को तड़पड़ते हुए देखना बेहद ही दुखद बात है। पेट में कीड़े गंदगी के कारण हो जाते हैं। मक्खियों द्वारा गंदा भोजन, जल, दूध आदि के सेवन से इसका प्रसार तेजी से होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे, बच्चों द्वारा मिट्टी खाने, दूषित भोजन खाने, गंदे कपड़े पहनने, शरीर की उचित सफाई न करने, मांस, मछली, गुड़, दही, सिरका आदि अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में कीड़े हो जाते हैं।
बच्चों के पेट में कीड़े होने के लक्षण क्या है ? :
अधिकांशत: पेट में कीड़े होने के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। या फिर हो सकता है कि ये लक्षण इतने हल्के और धीमे-धीमे हों, कि उन पर ध्यान ही न जाए। मगर, जिस बच्चे के पेट में कीड़े हों, उसमें पेट दर्द, वजन घटना और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण हो सकते हैं।
अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- पेट में दर्द या असहजता की वजह से भूख कम लगना।
- एनीमिया – विशेषकर हुकवर्म होने पर।
- चकत्ते – विशेषकर पित्ती (अर्टिकरिया)।
- मिचली व उल्टी ।
- गुदा के आसपास खुजली या दर्द, यहीं से कीड़े अंदर दाखिल हुए। यह खासकर थ्रेड या पिन वर्म होने पर होता है।
- खुजलाहट की वजह से नींद न आना।
- लगातार खांसी।
- मूत्रमार्ग संक्रमण (यू.टी.आई.) की वजह से बार-बार पेशाब जाना और पेशाब करते समय दर्द होना।
- उल्टी – यह दुर्लभ ही है, मगर बच्चे की उल्टी में राउंडवर्म कीड़े भी निकल सकते हैं।
- दस्त (डायरिया) – यह भी दुर्लभ ही है।
- अगर, बहुत सारे कीड़े हों, तो आंतों में अवरोध भी हो सकता है, मगर ऐसा बहुत ही दुर्लभ है।
बच्चों के पेट में कीड़े का घरेलू उपाय : baccho ke pet me kide ka ilaj
पहला प्रयोग : पेट में कृमि होने पर शिशु के गले में छिले हुए लहसुन की कलियों का अथवा तुलसी का हार बनाकर पहनाने से आँतों के कीड़ों से शिशु की रक्षा होती है।
दूसरा प्रयोग : सुबह खाली पेट एक ग्राम गुड़ खिलाकर उसके पाँच मिनट बाद बच्चे को दो काली मिर्च के चूर्ण में वायविडंग का दो ग्राम चूर्ण मिलाकर खिलाने से पेट के कृमि में लाभ होता है। यह प्रयोग लगातार 15 दिन तक करें तथा एक सप्ताह बंद करके आवश्यकता पड़ने पर पुनः आरंभ करें।
तीसरा प्रयोग : पपीते के 11 बीज सुबह खाली पेट सात दिन तक बच्चे को खिलायें। इससे पेट के कृमि मिटते हैं। यह प्रयोग वर्ष में एक ही बार करें।
चौथा प्रयोग : पेट में कृमि (bacho ke pet me kide) होने पर उन्हें नियमित सुबह-शाम दो-दो चम्मच अनार का रस पिलाने से कृमि नष्ट हो जाते हैं।
पाँचवाँ प्रयोग : गर्म पानी के साथ करेले के पत्तों का रस देने से कृमि का नाश होता है।
छठा प्रयोग : नीम के पत्तों का 10 ग्राम रस 10 ग्राम शहद में मिलाकर पिलाने से उदरकृमि नष्ट हो जाते हैं।
सातवाँ प्रयोग : तीन से पाँच साल के बच्चों को आधा ग्राम अजवायन के चूर्ण को समभाग गुड़ में मिलाकर गोली बनाकर दिन में तीन बार खिलाने से लाभ होता है।
बच्चों के पेट में कीड़े का अन्य लाभकारी इलाज :
1. एक चम्मच करेले का रस 1 गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करे।
2. तुलसी की पत्तियों का रस दिन में दो बार लेने से भी इस रोग में आराम मिलता है।
3. लहसुन पीस कर सेंधा नमक मिलाए और इसकी चटनी बना ले। इस चटनी को दिन में 2 बार चाटने से आराम मिलता है।
4. पेट की कीड़े का इलाज करने के लिए 1/2 चम्मच हल्दी ले और तवे पर उसे भुन ले। अब सोने से पहले इसे पानी के साथ ले।
5. लस्सी में पीसी हुई काली मिर्च और काला नमक मिलाकर पिए। इस नुस्खे को चार से पांच दिन प्रयोग करने पर पेट के कीड़े नष्ट हो जाएँगे।
6. मुल्ली के रस का सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते है और मल के रस्ते बाहर निकल जाते है। इस देसी नुस्खे को तीन दिन तक लगातार करे।
7. छोटे बच्चों के पेट में कीड़े की समस्या हो तो 1/2 चम्मच प्याज का रस पिलाए। ये घरेलू दवा दिन में दो से तीन बार सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते है।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)