याद शक्ति बढ़ाने के लिए क्या करें ? :
दिमाग हमारे शरीर को वो हिस्सा है जिसके संकेत के बिना शरीर का कोई भी अंग काम नहीं कर सकता। अपने आहार में कुछ विशेष जड़ी-बूटियों को शमिल करके आप अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं।
बहुत से लोग दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए मेडिसिन और मल्टीविटामिन खाते है पर कुछ घरेलू उपायों के प्रयोग से हम अपना और छोटे बच्चों का mind sharp और active बना सकते है और ये उपाय करने से मानसिक तनाव भी कम होता है।
स्मरण (याद) शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय : Smaran Shakti Badhane ke Gharelu Upay
1. बादाम – याद्दाश्त कमजोर होने पर 7 बादाम को शाम को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह छिलका उतार कर बारीक पीसकर खाएं एवं ऊपर से गर्म दूध पीएं। इससे याद्दाश्त की वृद्धि होती है। यदि रोगी की आंखें भी कमजोर हों तो बादाम में 4 कालीमिर्च भी पीसकर रख दें और 250 मिलीलीटर दूध में मिलाकर 3 बार उबलने तक पकाएं। फिर इसमें एक चम्मच देशी घी और 2 चम्मच बूरा या चीनी मिलाकर पीने से दिमाग और बुद्धि की कमजोरी दूर होती है और याद्दाश्त बढ़ती है।
2. मक्खन – बादाम की गिरी को चंदन की तरह पीसकर खाने से बादाम आसानी से पच जाता है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
बादाम की 10 गिरी को रात को भिगोकर रख दें और सुबह इसके छिलके उतारकर लगभग 12 ग्राम मक्खन और मिश्री मिलाकर खाने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है और भूलने की आदत खत्म होती है।
3. सौंफ – लगभग 10-10 ग्राम बादाम, सौंफ और मिश्री को पीसकर रात को सोते समय गर्म दूध के साथ लेने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है।
4. बादाम और सौंफ – बादाम की गिरी और सौंफ बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और रात को सोते समय ठंड़े पानी से लेने से याद्दाश्त बढ़ती है।
5. नागरमोथा – लगभग 15-15 ग्राम सोंठ, नागरमोथा और कुन्दरू की गोंद को पीसकर 3 ग्राम बीज निकले मुनक्के के साथ सुबह-शाम एक हफ्ते तक खाने से व्यक्ति की याद्दाश्त मजबूत होती है।
6. सोंठ – याद्दाश्त की कमजोरी होने पर 100 ग्राम सोंठ को पीसकर इसमें 5 ग्राम घी मिलाकर हल्के गर्म दूध या पानी के साथ सुबह खाली पेट लेने से बहुत लाभ मिलता है।
7. सेब – भोजन करने से 15 मिनट पहले एक या दो सेब छिलके समेत खाने से दिमाग और स्नायु की कमजोरी दूर होती है।
40 दिनों तक गेहूं के नए पौधों का रस पीने से बुद्धि का विकास होता है।
8. पिस्ता – लीची, नारियल और पिस्ता खाने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है।
9. अखरोट – अखरोट की बनावट हमारे दिमाग की तरह होती है इसलिए अखरोट खाने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है और याद्दाश्त मजबूत होती है।
50 ग्राम इलायची और 25 ग्राम वंशलोचन को मिलाकर बारीक पीसकर इसमें ब्राह्मी का रस या कबाबचीनी के साथ आधे-आधे चम्मच की मात्रा में दिन में 2 बार लेने से स्मरणशक्ति और बुद्धि तेज होती है।
10. बच – बच के तने का चूर्ण बनाकर पानी, दूध और घी के साथ आधे ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार कम से कम एक महीने तक लेने से स्मरणशक्ति(smaran shakti) बढ़ती है।
11. बच चूर्ण और बूरा -10 ग्राम बच के चूर्ण को 250 ग्राम बूरे के साथ पाक बनाकर नियमित 10-10 ग्राम सुबह-शाम खाने से भूलने की बीमारी समाप्त होती है।
12. रूमीमस्तंगी – लगभग 75 ग्राम सौंफ, लगभग 15 ग्राम रूमीमस्तंगी और लगभग 75 ग्राम बादाम की गिरी को पीसकर 10 मिलीलीटर गर्म दूध या पानी के साथ रात को सोते समय लेने से भूलने की बीमारी दूर होती है और याद्दाश्त मजबूत होती है।
13. सौंफ और दूध – सौंफ को कूटकर इसकी मींगी निकालकर 1-1 चम्मच सुबह-शाम ठंड़े पानी या गर्म दूध से लेने से याद्दाश्त बढ़ती है और दिमाग की कमजोरी खत्म होती है।
14. बड – बरगद की छाल जो छाया में सुखाई गई हो उसके बारीक पॉउडर में दुगनी चीनी या मिश्री मिलाकर 6 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाने से याद्दाश्त की कमजोरी दूर होती है। खट्टे पदार्थों से परहेज रखना चाहिए।
15. बादाम दूध – बादाम को मिलाकर तैयार किये गये दूध को सुबह खाली पेट पीने और 2 घंटे तक कुछ न खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
16. कलौंजी – लगभग 2 ग्राम की मात्रा में कलौंजी को पीसकर 2 ग्राम शहद में मिलाकर सुबह-शाम खाने से याद्दाश्त मजबूत होती है।
17. आंवला – आधा भोजन करने के बाद हरे आंवलों का 35 मिलीलीटर रस पानी मिलाकर पीने के बाद आधा भोजन करने से हृदय तथा मस्तिष्क सम्बन्धी दुर्बलता दूर होकर स्वास्थ्य सुधरता है।
18. आंवले के मुरब्बा – प्रतिदिन सुबह आंवले के मुरब्बे का सेवन करने से याद्दाश्त बढ़ती है।
19. कालीमिर्च – लगभग 8 कालीमिर्च को पीसकर लगभग 30 ग्राम मक्खन और चीनी मिलाकर चाटने से दिमाग में ताजगी आ जाती है और दिमाग की कमजोरी दूर होती है।
20. उड़द की दाल – रात को सोते समय लगभग 60 ग्राम उड़द की दाल को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस दाल को पीसकर दूध और मिश्री मिलाकर पीएं। इससे याद्दाश्त मजबूत होती है और दिमाग की कमजोरी खत्म होती है।
21. धनियां – आधा लीटर पानी में लगभग 125 ग्राम धनिये को उबालें और जब पानी एक चौथाई रह जाए तो इसे छानकर इसमें 125 ग्राम मिश्री मिलाकर गाढ़ा होने तक गर्म करके रख लें। यह प्रतिदिन 10 ग्राम की मात्रा में चाटने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है और बुद्धि का विकास होता है।
22. गुड़हल – गुड़हल के फूलों और पत्तों को सुखाकर एक साथ पीसकर शीशी में भरकर रख लें। यह चूर्ण 1-1 चम्मच सुबह-शाम एक कप मीठे दूध के साथ खाने से यौनशक्ति और स्मरणशक्ति(yadshakti) बढ़ती है।
23. ब्राह्मी – सूखी ब्राह्मी 10 ग्राम, बादाम की 1 गिरी और 3 ग्राम कालीमिर्च को पानी से पीसकर 3-3 ग्राम की टिकिया बना लें। यह 1-1 टिकिया प्रतिदिन सुबह-शाम दूध के साथ देने से मस्तिष्क को ताकत मिलती है।
24. शंखपुष्पी – 3 ग्राम ब्राह्मी, शंखपुष्पी 3 ग्राम, बादाम गिरी 6 ग्राम, छोटी इलायची के बीज 3 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को थोड़े-से पानी में घोलकर मिश्री मिलाकर पीने से खांसी, पित्त बुखार और पागलपन में लाभ मिलता है।
25. ब्राह्यी घी – ब्राह्यी के ताजे रस और घी बराबर मात्रा में लेकर शुद्ध घी में मिलाकर सेवन करने से दिमाग को ताकत मिलती है।
26. सोयाबीन – सोयाबीन में फास्फोरस काफी मात्रा में होती है जिससे मस्तिष्क व ज्ञान-तंतुओं की बीमारियां जैसे- मिर्गी, हिस्टीरिया, स्मरणशक्ति की कमजोरी, सूखा रोग और फेफड़ों से सम्बन्धी बीमारियां आदि ठीक होती हैं। सोयाबीन के आटे में लसीथिन नामक एक पदार्थ तपेदिक और ज्ञान-तंतुओं की बीमारी में बहुत लाभ पहुंचता है।
27. तेजपत्ता – तेजपत्ता ´एसिटिल्को लाइनैस्टेरै´ नामक खतरनाक एंजाइम के उत्पादन को रोकता है जो मस्तिष्क के सन्देश वाहक हार्मोन एसिटिल्कोलाइन को तोड़ने का काम करता है। तेजपत्तों का उपयोग प्रतिदिन खाद्य पदार्थों के साथ करने से याद्दाश्त (स्मरणशक्ति) बढ़ती है और `अल्जाइमर्स´ बीमारी पर नियंत्रण रहता है।
28. शंखपुष्पी चूर्ण – गर्मी में 3 ग्राम शंखपुष्पी के चूर्ण को दूध या मिश्री की चासनी के साथ प्रतिदिन 3-4 हफ्ते तक लेने से बुद्धि का विकास होता है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
29. हरी शंखपुष्पी – लगभग 10 ग्राम हरी शंखपुष्पी को घोटकर दूध में मिलाकर पीने से याद्दाश्त की कमजोरी दूर होती है।
30. असगंध – लगभग 50 ग्राम शंखपुष्पी, लगभग 50 ग्राम असगंध और इतनी ही मात्रा में ब्रह्मबूटी को मोटा-मोटा कूटकर लगभग डेढ़ किलो पानी में उबालें और जब यह पानी एक चौथाई रह जाए तो इसे छानकर इसमें 600 मिलीलीटर अंगूर का रस और 300 ग्राम खांड डालकर फिर से उबालें और एक चौथाई रह जाने पर इसे उतारकर ठंडा करके भोजन करने के बाद 4 चम्मच की मात्रा में सेवन करें। इससे बुद्धि का विकास होता है और भूलने की आदत खत्म होती है।
31. कालीमिर्च और शंखपुष्पी – लगभग 200 शंखपुष्पी के पंचांग के चूर्ण में 200 ग्राम मिश्री और 30 ग्राम कालीमिर्च मिलाकर पीस लें। एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम प्रतिदिन एक कप दूध के साथ सेवन करने से स्मरण शक्तिyadshakti) बढ़ती है।
32. अंगूर – प्रतिदिन सुबह-शाम 4-4 चम्मच अंगूर का रस पानी के साथ मिलाकर भोजन के बाद लेने से बुद्धि का विकास होता है और याद्दाश्त मजबूत होती है।
33. गाजर का रस – लगभग 500 मिलीलीटर दूध में 125 मिलीलीटर गाजर का रस (जूस) मिलाकर सुबह बादाम खाने के बाद लेने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
34. गाजर – गाजर का हलवा 2 महीने तक लगातार खाने से याद्दाश्त मजबूत होती है।
35. आम – लगभग एक कप आम का रस, एक चम्मच अदरक का रस और चौथाई कप दूध में स्वादानुसार चीनी मिलाकर पीने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है। इससे दिमाग की कमजोरी के कारण होने वाला सिर दर्द भी दूर हो जाता है।
36. तिल – तिल और गुड़ बराबर मात्रा में मिलाकर लड्डू बनाकर प्रतिदिन सुबह-शाम खाकर ऊपर से दूध पीने से दिमाग की कमजोरी के साथ मानसिक तनाव दूर होता है क्योंकि तिल में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।
37. दालचीनी और मिश्री – बराबर मात्रा में दालचीनी और मिश्री लेकर पीसकर चूर्ण बनाकर 3-4 ग्राम दूध के साथ लेने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है और भूलने की बीमारी दूर हो जाती है।
38. गुलकन्द – गुलाब का गुलकन्द प्रतिदिन 2-3 बार 3 चम्मच खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। गुलाब का तेल लगाने से दिमाग ठंडा रहता है।
39. पीपल के पत्ते – पीपल के पेड़ के हरे कोमल पत्ते को छाया में सुखाकर पीसकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण के बराबर मिश्री मिलाकर आधे-आधे चम्मच दिन में 2 बार दूध के साथ सेवन करें। इससे स्मरणशक्ति बढ़ती है और मिर्गी, बेहोशी, पागलपन, वहम व जुकाम, सिर दर्द आदि दूर होता है।
40. टमाटर – टमाटर दिमागी कमजोरी और चिड़चिड़ापन को नष्ट करता है। यह मानसिक थकान दूर कर मस्तिष्क को संतुलित बनाए रखता है। अत: मानसिक कमजोरी को दूर करने के लिए टमाटर प्रतिदिन खाना चाहिए।
41. तुलसी और कालीमिर्च – लगभग 10 तुलसी के पत्ते, लगभग 5 बादाम और 5 कालीमिर्च को पीसकर थोड़े से शहद और पानी में मिलाकर ठंड़ाई की तरह बनाकर पीने से दिमाग की ताजगी के साथ-साथ दिमाग की कमजोरी भी दूर हो जाती है।
42. तुलसी – तुलसी के पत्ते नियमित रूप से सेवन करने से बुद्धि का विकास होता है ।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए सर्वोतम है भ्रामरी प्राणयाम : Bhramari Pranayama in Hindi
भ्रामरी प्राणायाम के लाभ –
- बुद्धि तेज होती हैं।
- स्मरणशक्ति बढ़ती हैं।
- क्रोध, चिंता, भय, तनाव और अनिद्रा इत्यादि मानसिक विकारो को दूर करने में मदद मिलती हैं।
- मन और मस्तिष्क को शांति मिलती हैं।
- सकारात्मक सोच बढ़ती हैं।
- अर्धशिशी / Migraine से पीडितो के लिए लाभकारी हैं।
- उच्च रक्तचाप को के रोगियों के लिए उपयोगी हैं।
- भ्रामरी प्राणायाम करते समय ठुड्डी (Chin) को गले से लगाकर (जालंदर बंध) करने से थाइरोइड रोग में लाभ होता हैं।
- Sinusitis के रोगियों को इससे राहत मिलती हैं।
भ्रामरी प्राणायाम में क्या एहतियात बरतने चाहिए ?
भ्रामरी प्राणायाम में निचे दिए हुए एहतियात बरतने चाहिए –
- कान में दर्द या संक्रमण होने पर यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
- अपने क्षमता से ज्यादा करने का प्रयास न करे।
- प्राणायाम करने का समय और चक्र धीरे-धीरे बढ़ाये।
भ्रामरी प्राणायाम की विधि –
- सबसे पहले एक स्वच्छ और समतल जगह पर दरी / चटाई बिछाकर बैठ जाए।
- पद्मासन या सुखासन में बैठे।
- अब दोनों हाथो को बगल में अपने कंधो के समांतर फैलाए।
- दोनों हाथो को कुहनियो (Elbow) से मोडकर हाथ को कानों के पास ले जाए।
- अब अपनी दोनों हाथों के अंगूठो (Thumb) से दोनों कानों को बंद कर लें।
- अब दोनों हाथो की तर्जनी (Index) उंगली को माथे पर और मध्यमा (middle), अनामिका (Middle) और कनिष्का (Little) उंगली को आँखों के ऊपर रखना हैं।
- कमर, पीठ, गर्दन तथा सिर को सिधा और स्थिर रखे।
- अब नाक से श्वास अंदर लें। (पूरक)
- नाक से श्वास बाहर छोड़े। (रेचक)
- श्वास बाहर छोड़ते समय कंठ से भ्रमर के समान आवाज करना हैं। यह आवाज पूर्ण श्वास छोड़ने तक करना है और आवाज आखिर तक समान होना चाहिए।
- श्वास अंदर लेने का समय 10 सेकंड तक होना चाहिए और बाहर छोड़ने का समय 20 से 30 सेकंड तक होना चाहिए।
- शुरुआत में 5 मिनिट तक करे और अभ्यास के साथ समय बढ़ाये।
- भ्रामरी प्राणायाम करते समय आप सिर्फ तर्जनी उंगली से दोनों कान बंद कर बाकि उंगली की हल्की मुट्ठी बनाकर भी अभ्यास कर सकते हैं।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)