धर्म की खातिर प्राण देने पड़े तो देंगे लेकिन अत्याचारियों के आगे कभी नहीं झुकेंगे। विलासियों द्वारा फैलाये गये जाल, जो आज हमें व्यस्न, फैशन और चलचित्रों के रूप में देखने को मिल रहे हैं, उनमें नहीं फँसेंगे। अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए सदा तत्पर … [Read more...] about गुरु गोविन्दसिंह जी के वीर सपूत
भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाहजी की मिठाई
पूज्य बापू जी का सदगुरु संस्मरण मेरे गुरु जी का आश्रम नैनिताल में था। एक बार गुरु जी के साथ सामान लेकर एक कुली आश्रम में आया। गुरु जी ने कहाः "अरे आशाराम !" मैंने कहाः "जी साँईं !" "रस्सी लाओ। इसको बाँधना है।" "जी साँईं लाता … [Read more...] about भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाहजी की मिठाई
वास्तविक सौन्दर्य
राजकुमारी मल्लिका इतनी खूबसूरत थी कि कई राजकुमार व राजा उसके साथ विवाह करना चाहते थे लेकिन वह किसी को पसंद नहीं करती थी। आखिरकार उन राजकुमारों व राजाओं ने आपस में एक जुट होकर मल्लिका के पिता को किसी युद्ध में हराकर उसका अपहरण करने की योजना … [Read more...] about वास्तविक सौन्दर्य
स्वामी रामतीर्थ का अनुभव
स्वामी रामतीर्थ जब प्रोफेसर थे तब उन्होंने एक प्रयोग किया और बाद में निष्कर्षरूप में बताया कि जो विद्यार्थी परीक्षा के दिनों में या परीक्षा से कुछ दिन पहले विषयों में फँस जाते हैं, वे परीक्षा में प्रायः असफल हो जाते हैं, चाहे वर्ष भर उन्होंने अपनी … [Read more...] about स्वामी रामतीर्थ का अनुभव
धैर्य, क्षमा, सत्यवादिता के प्रतीक”धर्मराज युधिष्ठिर”
महाराज युधिष्ठिर धैर्य, क्षमा, सत्यवादिता आदि दिव्य गुणों के केन्द्र थे। धर्म के अंश से उत्पन्न होने के कारण ये धर्म के गूढ़ तत्वों के व्यावहारिक व्याख्याता तथा भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे। बचपन में ही इनके पिता पाण्डु स्वर्गवासी हो गये, तभी से … [Read more...] about धैर्य, क्षमा, सत्यवादिता के प्रतीक”धर्मराज युधिष्ठिर”
श्री गुरु नानक देव जी और कोड़ी (बोध कथा)
एक बार श्री गुरु नानक देव जी जगत का उद्धार करते हुए एक गाँव के बाहर पहुँचे और देखा वहाँ एक झोपड़ी बनी हुई थी। उस झोपड़े में एक आदमी रहता था, जिसे कुष्ठ का रोग था। गाँव के सारे लोग उससे नफरत करते थे कोई उसके पास नहीं आता था। कभी किसी को दया आ जाती तो … [Read more...] about श्री गुरु नानक देव जी और कोड़ी (बोध कथा)
‘वहाँ देकर छूटे तो यहाँ फिट हो गये'(बोध कथा)
सुनी है एक सत्य घटनाः अमदावाद, शाहीबाग में डफनाला के पास हाईकोर्ट के एक जज सुबह में दातुन करते हुए घूमने निकले। नदी की तरफ दो रंगरूट (मनचले) जवान आपस में हँसी मजाक कर रहे थे। एक ने सिगरेट सुलगाने के लिए जज से माचिस माँगी। जज ने इशारे से इनकार कर … [Read more...] about ‘वहाँ देकर छूटे तो यहाँ फिट हो गये'(बोध कथा)