Last Updated on April 25, 2020 by admin
सीने में दर्द (ह्रदय शूल) क्यों होता है ? :
सामान्यतः ह्रदय शूल एंजाईना के नाम से जाना जाता है। एंजाइना पैक्टोरियस जिसमें परिह्रद (कारोनरी) धमनी के सिकुड़ने से ह्रदय ( Chhati ) को पर्याप्त मात्रा में रक्त आपूर्ति न होने के कारण उरोस्थि (स्टर्नम हड्डी) के नीचे अचानक तेज दर्द उठता है तथा सीना ( seene ) जकड़ने लगता है। श्रम करने पर दर्द बढ़ जाता है और यह अक्सर बाएं कंधे की ओर फैलकर नीचे बांह में जाता है अथवा ऊपर जबड़े में पहुंच जाता है। इससे सांस लेने में परेशानी होती है और ह्रदशूल उत्पन्न हो जाता है।
सीने में दर्द का घरेलू इलाज : seene mein dard ka desi ilaj
1. लहसुन: हृदय में दर्द ( Chhati Ka Dard )और सांस फूलने पर लहसुन की 2-3 कलियों को चबाकर रस चूसने से बहुत लाभ होता है। पेट से गैस निकल जाने पर हृदय का दबाव भी कम होता है।
2. अजवायन: 3 ग्राम की मात्रा में अजवायन का चूर्ण पानी के साथ सेवन करने पर हृदय शूल (सीने में दर्द) शांत होता है।
3. चित्रक: चित्रक, त्रिकुटा और पिप्पली की जड़ 10-10 ग्राम मात्रा में लेकर 500 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दिन में 2 बार पीने से सीने के दर्द में लाभ होता है।
4. गिलोय: 10-10 ग्राम गिलोय और कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर, 3 ग्राम हल्के गर्म पानी से सेवन करने से सीने के दर्द में लाभ होता है।
5. केला: केले के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर शहद को मिलाकर खाने से दिल के दर्द की समस्या नहीं रहती है।
6. अकरकरा: अकरकरा और अर्जुन की छाल को बराबर की मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर, 3 ग्राम की मात्रा में चूर्ण को गाय के दूध से पीने पर सीने का दर्द नहीं होता है।
7. नींबू: 250 मिलीलीटर पानी में 10 ग्राम शहद और नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से सीने के दर्द में लाभ होता है।
8. पीपलामूल: खस के 10 ग्राम चूर्ण में पीपलामूल का 10 ग्राम चूर्ण मिलाकर रख लें। इस चूर्ण को प्रतिदिन 2 ग्राम की मात्रा में गाय के दूध के साथ सेवन करने से सीने के दर्द में लाभ होता है।
9. सौंठ:
- सोंठ 10 ग्राम को 400 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनायें, 100 मिलीलीटर शेष रह जाने पर काढ़े को छानकर पीने से सीने के दर्द में बहुत राहत मिलती है।
- सोंठ का चूर्ण चौथाई ग्राम से 1 ग्राम सुबह-शाम हींग और कालानमक के साथ सेवन करने से दिल का दर्द नष्ट होता है। यह पेट दर्द और दिल के दर्द (Chest Pain) दोनों में लाभकारी है।
10. भटकटैया: गिलोय और भटकटैया की जड़ दोनों 10-10 ग्राम लेकर 500 मिलीलीटर पानी में उबालें, 100 मिलीलीटर शेष रह जाने पर काढ़े को छानकर सुबह-शाम पीने से सीने के दर्द की समस्या में बहुत लाभ होता है।
11. गुलकन्द: हृदय रोगी को कब्ज के कारण हृदय की धड़कन तेज होने से घबराहट अधिक होती है। कब्ज को नष्ट करने के लिए रोगी को प्रतिदिन आंवले का मुरब्बा खाना चाहिए। दूध के साथ अच्युताय हरिओम गुलकन्द खाने से भी कब्ज नष्ट होती है।
12. कलमीशोरा: कलमीशोरा 10 ग्राम पीसकर मूली के रस 100 मिलीलीटर में घोंटे, जब यह गाढ़ा हो जाये तो कालीमिर्च के आकार की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें। दर्द के समय एक गोली पानी से लें।
13. सौंफ: सौंफ 5 ग्राम, धनिया सूखा 3 ग्राम को एक साथ मोटा-मोटा पीसकर रात को 100 मिलीलीटर गुलाबजल में भिगो दें, इसे सुबह पीस-छानकर रख लें। पहले किशमिश खाकर ऊपर से इस पानी को पीने से हृदय की धड़कन ठीक हो जाती है।
14. गुलाब: पहले रोगी को गुलाब का इत्र सुघायें और इसे बाईं पसली पर मलें।
15. बिल्ली लोटन: 10 ग्राम बिल्ली लोटन कूटकर 150 मिलीलीटर पानी में उबालें। ठंडा होने पर छान लें। इसे शहद के साथ मिलाकर पिलाने से हृदय के रोगों में लाभ होता है।
16. हींग: आधा ग्राम हींग को पीसकर बीज निकले मुनक्का में रखकर गोली बनाकर हल्के गर्म पानी से दें।
17. धनिया: सौंफ, धनिया सूखा 25-25 ग्राम कूट छानकर खांड 50 ग्राम मिला लें। इसे 5-5 ग्राम पानी से भोजन के बाद दोनों समय लें। यह दिल की धड़कन में लाभकारी है।
18. लहसुन: लहसुन का रस 10 से 30 बूंद घी के साथ या दूध में उबालकर सेवन करने से हृदय के ऊपर का दबाव कम होकर, हृदय का दर्द नष्ट होता है।
19. जटामांसी: हृदय की धड़कन, कमजोरी, दर्द आदि में जटामांसी का चूर्ण आधा ग्राम से 1 ग्राम रोज दो बार देने से लाभ होता है।
20. आंवला: आंवले के मुरब्बा का सेवन करें। यह हृदय को बल देता है।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)