Last Updated on August 28, 2019 by admin
रोग परिचय :
कंधे का दर्द कोई गंभीर रोग नहीं होता है। अक्सर इस तरह का दर्द ज्यादा मेहनत करने से, भारी वजन उठाने से और कोई ऐसा काम करने से जिससे शरीर को थकान महसूस होती हो, के कारण हो जाता है। अगर इस दर्द का जल्द इलाज न कराया जाए तो इसके कारण बाद में फ्रोजन शोल्डर रोग होने का खतरा बन जाता है। इस रोग में रोगी के कंधे कड़े हो जाते हैं।
कंधे में दर्द के लक्षण : kandhe me dard ke lakshan
इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति के कंधे में दर्द होता है तथा उसका कंधा सुन्न पड़ जाता है। रोगी को कंधे में अकड़न भी होने लगती है और जब दर्द तेज हो जाता है तो रोगी व्यक्ति को नींद भी नहीं आती है।
कंधे में दर्द के कारण : kandhe me dard ke karan
यकृत क्रिया की विकृति, यकृत शोथ, कन्धे में चोट, मोच, सोने में असावधानी इत्यादि कारणों से कन्धे में हल्की सी सूजन आकर उसमें दर्द होने लगता है जो हिलने-डुलने से बढ़ जाया करता है ।
कंधे में दर्द का घरेलू इलाज / उपचार : kandhe me dard ka gharelu ilaj / upay
1- शोभान्जन की जड़ की छाल, कटकरन्ज की भुनी मींगी, श्वेत फिटकरी और पुराना गुड़ सभी समभाग लेकर जल में पीसकर दर्द वाले कन्धे पर दिन में 2-3 बार लेप करना लाभप्रद है।
2- दशमूल का काढ़ा 15 से 30 मि.ली. दिन में 2-3 बार पीना लाभप्रद है।
3- शूलगज केसरी (मै. र.) 1 से 2 गोलियाँ मधु एवं अदरक के रस (10) मि.ली.) के साथ सुबह-शाम सेवन करना लाभप्रद है।
4- अजवायन सत्व, पुदीना सत्व, असली कपूर (प्रत्येक 12 ग्राम) तारपीन का तैल 20 बूंद, लौंग का तैल 5 बूंद सभी को मिलाकर (तरल बनने पर) इसे पीड़ित कन्धे पर दिन में 2-3 बार मालिश करें । अत्यन्त लाभप्रद है।
कंधे में दर्द का प्राकृतिक उपचार : kandhe me dard ka prakritik upchar
1- इस रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को सुबह के समय में व्यायाम करने से लाभ होता है।
2- कंधे के दर्द को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को सबसे पहले अपने कंधे की मालिश करानी चाहिए तथा गर्म व ठंडी सिंकाई करवानी चाहिए ताकि यदि कंधे के पास की रक्त कोशिकाओं में रक्त जम गया हो तो उस स्थान पर रक्त का संचारण हो सके। इसके फलस्वरूप कंधे का दर्द ठीक हो जाता है।
3- रोगी के कंधे के दर्द से प्रभावित भाग को सूर्य की किरणों के पास करके सिंकाई करनी चाहिए क्योंकि सूर्य की पराबैंगनी किरणों में दर्द को ठीक करने की शक्ति होती है। फिर रोगी व्यक्ति को कंधे पर ठंडी सिंकाई करनी चाहिए तथा इसके बाद उस पर मिट्टी की पट्टी का लेप करना चाहिए। इसके फलस्वरूप कंधे के दर्द का रोग ठीक हो जाता है।
4- रोगी व्यक्ति को रात के समय में कम से कम 1 घण्टे तक ठंडा लेप कंधे पर करना चाहिए। इसके फलस्वरूप कंधे का दर्द तथा अकड़न ठीक हो जाती है।
5- इस रोग से पीड़ित रोगी को मांस, मछली तथा अन्य मांसाहारी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कंधे में दर्द की आयुर्वेदिक दवा : kandhe me dard ki ayurvedic dawa
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1) स्पेशल मालिश तेल (Achyutaya Hariom Special Malish Tel)
2) संधि शूल योग (Achyutaya Hariom SandhiShulHar)
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(वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)
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