Last Updated on April 23, 2021 by admin
बवासीर के घरेलू उपचार :
पहला प्रयोगः जीरे का लेप अर्श पर करने से एवं 2 से 5 ग्राम जीरा उतने ही घी-शक्कर के साथ खाने से एवं गर्म आहार का सेवन बंद करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
दूसरा प्रयोगः बड़ के दूध के सेवन से रक्तप्रदर व खूनी बवासीर का रक्तस्राव बन्द होता है।
तीसरा प्रयोगः अनार के छिलके का चूर्ण नागकेशर के साथ मिलाकर देने से अर्श (बवासीर) का रक्तस्राव बंद होता है।
चौथा प्रयोग : दो सूखे अंजीर शाम को पानी में भिगो दे। सवेरे के भगोये दो अंजीर शाम चार-पांच बजे खाएं। एक घंटा आगे पीछे कुछ न लें। आठ दस दिन के सेवन से बादी और खुनी हर प्रकार की बवासीर ठीक हो जाती है।
पाँचवा प्रयोग : बवासीर को जड़ से दूर करने के लिए और पुन: न होने के लिए छाछ सर्वोत्तम है। दोपहर के भोजन के बाद छाछ में डेढ़ ग्राम ( चौथाई चम्मच ) पीसी हुई अजवायन और एक ग्राम सेंधा नमक मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है और नष्ट हुए बवासीर के मस्से पुन: उत्प्न्न नही होते।
खूनी बवासीर का रामबाण इलाज :
खुनी बवासीर का एक दिन में इलाज। अगर आप बवासीर से परेशान हैं चाहे वो खुनी हो चाहे बादी, तो ये प्रयोग आपके लिए रामबाण से कम नहीं हैं। इस प्रयोग से पुरानी से पुरानी बवासीर 1 से 3 दिन में सही हो जाएगी। इस इलाज से एक दिन में ही रक्तस्राव बंद हो जाता है। बड़ा सस्ता व सरल उपाय है। एक बार इसको ज़रूर अपनाये। आइये जाने ये प्रयोग।
नारियल की जटा से करे खुनी बवासीर का एक दिन में इलाज। नारियल की जटा लीजिए। उसे पूरी तरह जला दीजिए। जलकर भस्म बन जाएगी। इस भस्म को शीशी में भर कर ऱख लीजिए। कप डेढ़ कप छाछ या दही के साथ नारियल की जटा से बनी भस्म तीन ग्राम खाली पेट दिन में तीन बार सिर्फ एक ही दिन लेनी है। ध्यान रहे दही या छाछ ताजी हो खट्टी न हो। कैसी और कितनी ही पुरानी पाइल्स की बीमारी क्यों न हो, एक दिन में ही ठीक हो जाती है।
यह नुस्खा किसी भी प्रकार के रक्तस्राव को रोकने में कारगर है। महिलाओं के मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव या श्वेत प्रदर की बीमारी में भी कारगर है। हैजा, वमन या हिचकी रोग में यह भस्म एक घूँट पानी के साथ लेनी चाहिए। ऐसे कितने ही नुस्खे हिन्दुस्तान के मंदिरों और मठों में साधु संन्यासियों द्वारा आजमाए हुए हैं। इन पर शोध किया जाना चाहिए।
दवा लेने के एक घंटा पहले और एक घंटा बाद तक कुछ न खाएं तो चलेगा। अगर रोग ज्यादा जीर्ण हो और एक दिन दवा लेने से लाभ न हो तो दो या तीन दिन लेकर देखिए।
खूनी बवासीर की आयुर्वेदिक दवा :
अच्युताय हरिओम द्वारा निर्मित ” हिंगादी चूर्ण ” सभी प्रकार की बवासीर मे चमत्कारिक लाभ पहुचाता हैं .
बवासीर में क्या खाये :
1- करेले का रस, लस्सी, पानी।
2- दलिया, दही चावल, मूंग दाल की खिचड़ी, देशी घी।
3- खाना खाने के बाद अमरुद खाना भी फायदेमंद है।
4- फलों में केला, कच्चा नारियल, आंवला, अंजीर, अनार, पपीता खाये।
5- सब्जियों में पालक, गाजर, चुकंदर, टमाटर, तुरई, जिमीकंद, मूली खाये।
बवासीर में परहेज क्या करे:
बवासीर का उपचार में जितना जरुरी ये जानना है की क्या खाये उससे जादा जरुरी इस बात की जानकारी होना है की क्या नहीं खाये।
1- तेज मिर्च मसालेदार चटपटे खाने से परहेज करे।
2- मांस मछली, उडद की दाल, बासी खाना, खटाई ना खाएं।
3- डिब्बा बंद भोजन, आलू, बैंगन।
4- शराब, तम्बाकू।
5- जादा चाय और कॉफ़ी के सेवन से भी बचे।
बवासीर से बचने के उपाय:
दोस्तों बहुत से लोग इस बीमारी से प्रभावित है पर हम कुछ बातों का ध्यान रख कर इससे बच सकते है।
1- खाने पिने की बुरी आदतों से परहेज करे जैसे धूम्रपान और शराब।
2- खाने में मसालेदार और तेज मिर्च वाली चीजें न खाये।
3- पेट से जुडी बीमारियों से बचे।
4- कब्ज़ की समस्या बवासीर का प्रमुख कारण है इसलिए शरीर में कब्ज़ न होने दे।
5- गर्मियों के मौसम में दोपहर को पानी की टंकी का पानी गरम हो जाता है, ऐसे पानी से गुदा को धोने से बचे।