Last Updated on May 31, 2022 by admin
घमोरियां क्यों होती है ? :
- इस रोग को घमोरियां ,अनूरिया, अंघौरी, इत्यादि नामों से भी जाना जाता है।
- शरीर के छिद्रों या ग्रन्थियों में पसीना रुक जाने से शोथ (सूजन) आ जाया करती है । जिसके फलस्वरूप बाजरा के दानों अथवा उससे भी छोटे दानों के रूप में दाने चर्म पर निकल आते हैं। जिनमें खुजली होती है और सुइयां सी चुभती हैं।
- यह रोग गर्मी की अधिकता, बहुत अधिक पसीना आना, चर्म की सफाई न रखना, गर्म प्रकृति के भोजनों का अधिक खाना और गरम कपड़े पहनना इत्यादि कारणों से हो जाया करता है।
घमोरियां होने पर खान-पान और परहेज :
- यह रोग प्रायः गरमियों में पसीना आने के कारण शरीर में हवा लग जाने से उत्पन्न होता है, अतः रोगी को अधिक पसीना आने से बचायें।
- धूप में चलने-फिरने से रोकें ।
- ठण्डी हवा में रखें तथा हल्के कपड़े पहनायें ।
- कब्ज को दूर करें ।
- गरम और तेज मिर्च-मसाले युक्त भोजनों से परहेज रखें।
- ठण्डे और शान्तिदायक शर्बत और पेय जैसे-अनार का शरबत, सन्तरे का शर्बत, चन्दन का शर्बत आदि पिलायें । (इसे भी पढ़े : घमौरियां दूर करने के 24 सबसे असरकारक देसी आयुर्वेदिक उपचार )
घमोरियों का देसी इलाज : Ghamori Treatment in Hindi
1. हींग – मुर्दासंग एवं असली हींग समभाग लेकर खरल करें और चने के समान गोलियाँ बनाकर सुरक्षित रख लें । प्रतिदिन 1 से 3 गोली सुबह-शाम खिलायें। गर्मी के दानों के लिए अतीव गुणकारी है योग केवल 3-4 दिनों में दाने पूर्णरूपेण नष्ट हो जाते हैं और फिर नहीं निकलते हैं।
2. खरबूजा – घमौरियों पर खरबूजे का गूदा निकालकर लगाने से राहत मिलेगी।
3. गुलाब के फूल – गुलाब के फूलों का तेल 12 मि.ली., सिरका 48 मि.ली., गुलाब जल 60 मि.ली., कपूर 1 ग्राम और फिटकरी 3 ग्राम लें। सभी को खरल करके गर्मी के दानों पर लगाना लाभकारी है।
4. दही – नौशादर, कपूर, नीला थोथा, गन्धक आमलासार (प्रत्येक 9 ग्राम) सभी को पीसकर 3 भाग कर लें । फिर 1 भाग को दही में मिलाकर दानों पर मलें। जब औषधि खुश्क हो जाये, तो थोड़ी देर बाद स्नान कर लें । इसी प्रकार प्रयोग 3 दिन तक करें । आराम हो जाएगा ।
5. मुल्तानी मिट्टी – मुलतानी मिट्टी को रेशा खातमी के लुआब में मिलाकर दानों पर मलें । अथवा
मक्खन और कतीरा (कतीरा एक कांटेदार पेड़ का गोंद है) मिलाकर दानों पर मलें । अथवा
खशखश के बीज 12 ग्राम बकरी के 60 मि. ली. दूध में पीसकर गर्मी के दानों( घमौरियों ) पर मलें । तत्पश्चात् आधा घन्टे बाद पानी से स्नान करें । गर्मी के दानों हेतु सभी लाभप्रद योग हैं।
6. बर्फ – बर्फ को गर्मी के दानों पर मलना भी गर्मी के दानों में अत्यन्त लाभप्रद है।
7. कोकम – चार नग कोकम को दो गिलास पानी में रातभर भिगोकर रखें। अगले दिन सुबह इस पानी को तब तक उबालना है जब तक की पानी एक गिलास न रह जाए। अब ठंडा होने पर उसमें 3 चम्मच शक्कर मिलाकर पी जाएं। यह शरीर की गर्मी दूर करता है और घमौरियों को भी मिटाता है।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)