Last Updated on July 19, 2019 by admin
वास्तु टिप्स : घर मे बरकत के लिये दर्पण कहाँ लगाएँ ,कैसे लगाएँ ?
वास्तु शास्त्र में दर्पण यानी आईना को उत्प्रेरक बताया गया है जिसके द्वारा भवन में तरंगित ऊर्जा की सृष्टि सुखद अहसास कराती है।
हमेसा याद रखें दर्पण कहीं भी लगा हो, उसमें शुभ वस्तुओं का प्रतिबिंब होना चाहिए। दर्पण के उचित उपयोग द्वारा हम अनेक आश्चर्यजनक उपलब्धियां अर्जित कर सकते हैं। कैसे, आइए जानें
1) हमेसा याद रखें घर के पूर्व और उत्तर दिशा व ईशान कोण में दर्पण की उपस्थिति लाभदायक रहती है।
2) कमरे में दीवारों पर आमने-सामने आईना लगाने से घर के सदस्यों में बेचैनी और उलझन होती है।
3) आईना(दर्पण) को मनमाने आकार में कटवाकर उपयोग में न लाएं ।
3) मकान का कोई हिस्सा असामान्य शेप का या अंधकारयुक्त हो वहां गोल आईना रखें।
4) यदि मकान के बाहर इलेक्ट्रिकल पोल, ऊंची इमारतें, अवांछित पेड़ या नुकीले उभार हैं और आप उनका दबाव महसूस कर रहे हैं तो उनकी तरफ उत्तल दर्पण रखें।
5) यदि बेडरूम में ठीक बिस्तर के सामने दर्पण(आईना) लगा रखा हो उसे फौरन हटा दें। यहां दर्पण की उपस्थिति वैवाहिक और पारस्परिक प्रेम को तबाह कर सकती है।
6) मकान के ईशान कोण में उत्तर या पूर्व की दीवार पर स्थित वॉशबेसिन के ऊपर दर्पण भी लगाएं। यह शुभ फलदायक है।
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7) यदि आपके घर के दरवाजे तक सीधी सड़क आने के कारण द्वार वेध हो रहा है और दरवाजा हटाना संभव नहीं है तो दरवाजे पर ‘बागुआ’ दर्पण लगा दें। यह शक्ति-संचय का प्रतीक है। इसे लगाने में सावधानी रखना चाहिए। इसे किसी पड़ोसी के घर की ओर केंद्रित करके न लगाएं।
8) किसी भी दीवार में आईना लगाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि वह न एकदम नीचे हो और न अधिक ऊपर। अन्यथा परिवार के सदस्यों को सिरदर्द हो सकता है।
9) भवन में छोटी और संकुचित जगह पर दर्पण रखना चमत्कारी अदभुत प्रभाव पैदा करता है।
10) दर्पण भवन में कहीं भी लगा हो, उसमें शुभ वस्तुओं का प्रतिबिंब होना चाहिए।
11) कभी भी दर्पण को खिड़की या दरवाजे की ओर देखता हुआ न लगाएं।