Last Updated on July 27, 2020 by admin
त्वचा पर दाद(daad) हो जाये तो कई बार इसके साथ फुंसियां भी हो जाती है और उनमें पस भरने लगती है। खुजली खारिश के उपचार के लिए जरुरी है की साफ़ सफाई का ध्यान रखे। शरीर को साफ़ रखे और साफ़ सुथरे कपड़े पहने। अगर सही तरीके से और सही समय पर इचिंग का इलाज किया जाये तो इस समस्या को बढ़ने से रोक सकते है।
दाद खाज खुजली के कारण :
- गर्मी के मौसम में शरीर में बहुत ज्यादा पसीना आता है और जब यह पसीना त्वचा पर सूख जाता है तो खुजली पैदा हो जाती है।
- बाहर निकलने पर जब धूल-मिट्टी शरीर पर लगती है तो भी खुजली पैदा हो जाती है।
- रोजाना न नहाना भी खुजली होने का बहुत बड़ा कारण है।
- सर्दी के मौसम में ठंड़ी हवा जब शरीर में लगती है तो शरीर की त्वचा सूखकर खुरदरी सी हो जाती है और उसमें तेज खुजली होने लगती है
ज्यादा जोर से खुजालने पर त्वचा में निशान से पड़ जाते हैं और उनमें तेज जलन होती है। खुजली एक फैलने वाला रोग है। घर के अन्दर अगर किसी एक व्यक्ति को खुजली हो जाती है तो उसके साथ वाले सारे लोग भी खुजली के शिकार हो जाते हैं।
दाद खाज खुजली का घरेलू इलाज और घरेलू नुस्खे : khujli ka ilaj in hindi
1. इमली :
- इमली के बीजों को सिरके के साथ पीसकर दाद पर लगाने से लाभ होता है।
- इमली के बीज को नींबू के रस के साथ पीसकर लगाने से दाद कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
- 40 ग्राम माजूफल का चूर्ण, 5 ग्राम इमली की छाल की राख और लगभग 3 ग्राम कपूर को नारियल के तेल में मिलाकर दाद वाली जगह पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- दाद होने पर इमली के पत्तों का रस पीने से भी लाभ मिलता है।
- इमली के बीजों की मींगी और बावची को बराबर मात्रा में एक साथ पीसकर लकड़ी से दाद वाले स्थान पर लगाने से सफेद दाग में लाभ होता है।
2. मूली :
- शरीफे के फलों के रस में मूली के बीज को पीसकर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- मूली के बीजों को नींबू के रस में पीसकर गर्म करके दाद वाले भाग पर लगाएं। इसको पहले दिन लगाने पर दाद में जलन व दर्द होगा लेकिन दूसरे दिन यह दर्द कम होगा। यह प्रयोग हर प्रकार के दाद में लाभदायक है।
3. लहसुन : अगर दूध पीने वाले बच्चे को दाद हो जाये तो एक लहसुन की कली को जलाकर उसकी राख को शहद में मिलाकर दाद पर लगाने से लाभ होता है। दाद होने पर लहसुन को खाने के साथ दाद पर लगाना भी अच्छा रहता है।
4. गुलकन्द : गुलकन्द को दूध के साथ सेवन करने से दाद कुछ ही दिनों में मिट जाता है।
5. सुहागा :
- सुहागा को पीसकर नींबू के रस के साथ मिलाकर लगाने से दाद जल्दी ही ठीक हो जाता है।
- सुहागे को भूनकर लोहे के बर्तन में डालकर इसमें देसी घी मिलाकर लेप बना लें। इसे दाद में लगाने से जल्द आराम आ जाता है।
- राल, गंधक और सुहागा को बराबर मात्रा में मिलाकर नींबू के रस के साथ पीसकर लगाने से 7 दिन में ही दाद जड़ से खत्म हो जाता है।
6. नारंगी : नारंगी की पोटली बनाकर दाद पर बांधने से दाद ठीक हो जाता है।
7. तिल : 2 चम्मच तिल के तेल को गर्म करके उसमें तारमीरा का तेल मिला लें। फिर उसके अन्दर 2 चम्मच पिसी हुई राल और 1 चम्मच पीला मोम मिलाकर इसका लेप बना लें। इस लेप को दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
8. प्याज :
- प्याज के बीज को नींबू के रस के साथ पीसकर लगभग 2 महीने तक रोजाना 2 बार दाद पर लगाने से दाद बिल्कुल ठीक हो जाता है।
- प्याज को पीसकर सिरके में मिलाकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
9. नींबू :
- दाद को साफ करके उस पर नींबू को रगड़ दें। फिर तुलसी की पत्तियों को पीसकर 15 दिन तक रोजाना 2 बार दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- नींबू के रस को दिन में 2 बार दाद को खुजला कर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- दाद को खुजलाकर दिन में 4 बार नींबू का रस लगाने से दाद ठीक हो जाता हैं।
- नींबू के रस में इमली का बीज पीसकर लगाने से दाद मिट जाता हैं।
- दाद को खुजलाकर उस पर दिन में 4 बार नींबू का रस लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
10. बथुआ : बथुए को उबालकर निचोड़कर इसका रस पी लें और इसकी सब्जी खा लें। बथुए के कच्चे पत्तों को पीसकर, निचोड़कर उसका रस निकाल लें। इस 2 कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाकर हल्की-हल्की आग पर पका लें। जब रस जल जाये और बस तेल बाकी रह जाये तो तेल को छानकर शीशी में भर लें। इस तेल को दाद पर लम्बे समय तक लगाते रहने से लाभ होता है।
11. नीम :
- दाद होने पर 12 ग्राम नीम के पत्तों का रस रोजाना पीने से दाद ठीक हो जाता है।
- नीम के पत्तों को दही के साथ पीसकर दाद पर लगाने से दाद बिल्कुल खत्म हो जाता है।
- दाद को खुजालकर उस पर नीम का तेल लगाने से दाद में लाभ होता है।
- अप्रैल के पहले हफ्ते में 30 ग्राम नीम की कोंपलों (नये मुलायम पत्ते) को पीसकर पानी में मिलाकर रोजाना पीने से दाद ठीक हो जाता है।
- नीम की लकड़ी को गीला करके आग में जला लें। जलने पर इसके आस-पास से पानी निकलता है। इस पानी को दाद पर लगाने से दाद कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाता है।
- नीम के पेड़ के 8 से 10 पत्तों को दही में पीसकर लेप करने से दाद समाप्त हो जाता है।
- नीम के पत्तों के रस में कत्था, गंधक, सुहागा, पित्त पापड़ा, नीला थोथा व कलौंजी को बराबर मात्रा में पीसकर गोली बनाकर पानी में घिसकर दाद पर लगाने से दाद मिट जाता है।
12. गाजर :
- गाजर के टुकड़े करके उसे बारीक पीस लें। फिर इसमें सेंधानमक डालकर सेंक लें और फिर गर्म-गर्म ही दाद पर बांध ले। इसको बांधने से कुछ ही समय में दाद दूर हो जाता है।
- लगभग 185 मिलीलीटर गाजर का रस, 250 मिलीलीटर चुकन्दर का रस और 125 मिलीलीटर खीरा या ककड़ी के रस को मिलाकर पीने से दाद में लाभ होता है।
- गाजर का बुरादा करके इस पर सेंधानमक डालकर सेंके। इसे गर्म-गर्म ही दाद पर बांधने से लाभ मिलता है।
13. आलू : रोजाना कच्चे आलू का रस पीने से दाद जल्दी ही ठीक हो जाता है।
14. तुलसी :
- दाद होने पर रोजाना 12 ग्राम तुलसी के पत्तों का रस पीने से लाभ होता है।
- तुलसी के पत्तों का रस लगाने से दाद और त्वचा के दूसरे रोग ठीक हो जाते हैं।
- तुलसी के लगभग 100 पत्ते और चौथाई चम्मच नमक को पीसकर इसमें आधा नींबू निचोड़कर रोजाना 2 बार लगाने से दाद साफ हो जाता है।
- तुलसी के 100 पत्ते और लहसुन की 5 कलियों को पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- तुलसी के पत्तों का रस और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- तुलसी के पत्तों का रस बराबर मात्रा में नींबू के रस के साथ मिलाकर 2-3 बार नियमित रूप से लगाने से दाद, खाज-खुजली, मुंहासे, काले धब्बे, झाईयां आदि त्वचा के रोग धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं।
- दाद को साफ करके पहले नींबू का रस लगाते हैं या तुलसी की पत्तियों की चटनी का लेप तैयार कर लेते हैं। इसमें से किसी एक प्रयोग को कम से कम 15 दिनों तक करने से दाद ठीक हो जाता है।
- खुजली, दाद या त्वचा के दूसरे रोगों में तुलसी का तेल दिन में रोजाना 3 बार लेना चाहिए। जड़ सहित पूरा तुलसी का पौधा लेते हैं। फिर इसे धोकर इसकी मिट्टी आदि साफ कर लेते हैं। फिर इसे कूटकर आधा लीटर पानी और आधा लीटर तिल का तेल के साथ मिलाकर धीमी-धीमी आंच पर पकाते हैं। पानी जल जाने और तेल शेष रहने पर इसे मलकर छानकर सुरक्षित रख लेते हैं। यही तुलसी का तेल होता है जो त्वचा के रोगों में काफी लाभकारी रहता है।
15. अजवाइन :
- गर्म पानी के साथ अजवाइन को पीसकर दाद पर लेप करने से लाभ होता है। अजवाइन के पानी में उबालकर उस पानी से दाद को धोने से भी लाभ होता है।
- दाद को नाखून से खुजालकर फिर जंगली अजवायन को पीसकर दाद पर लेप करने से दाद के कीटाणु समाप्त हो जाते हैं और दाद ठीक हो जाता है।
- अजवायन को जलाकर उसमें थोड़े से नीलाथोथा और घी को मिलाकर लगाने से बीछी-दाद समाप्त हो जाता है।
16. मजीठ : मजीठ को शहद में घिसकर लगाने से दाद कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।
17. मिर्च : 125 ग्राम लालमिर्च को लगभग 175 ग्राम सरसों के तेल में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। इसके उबलने के बाद इसे छान लें। लाल मिर्च का यह तेल लगाने से दाद जल्दी ही ठीक हो जाता है।
18. नमक : नमक को पानी में घोल कर लेप बनाकर हर 1 घंटे के बाद दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
19. बायविडंग : बायविडंग को पीसकर दाद पर लेप करने से दाद ठीक हो जाता है।
20. बांस : बांस की जड़ को घिसकर दाद पर लगाने से बहुत जल्दी लाभ होता है।
21. कबीला : कबीला (कमीला) को तेल में मिलाकर लगाने से दाद मिट जाता है।
22. हींग : दाद को खुजालकर उस पर हींग का लेप करने से दाद ठीक हो जाता है।
23. आक :
- आक (मदार) के दूध को हल्दी के साथ तिल के तेल में उबालकर दाद में या एक्जिमा में लेप करने से लाभ होता है।
- आक (मदार) के फूल और पंवाड़ के बीजों को एकसाथ पीसकर खट्टे दही में मिलाकर लेप करने से दाद दूर हो जाता है।
- दाद को खुजालकर उस पर आक (मदार) की जड़ की छाल को पीसकर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- आक (मदार) पुराने दाद को ठीक करने के लिए पहले दाद को किसी कपड़े से रगड़ लें। फिर दाद पर आक (मदार) का दूध लगा दें। इसे लगाने से बहुत जलन होती है, लेकिन एक बार ही लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- आक का दूध और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर नियमित रूप से दिन में 3 बार लगाने से दाद दूर हो जाता है।
- 2 ग्राम आक की जड़ के चूर्ण को 2 चम्मच दही में पीसकर लगाते रहने से भी दाद में लाभ होता है।
24. चना : 64 दिन तक लगातार बिना नमक के चने के आटे की रोटी खाने से दाद, खुजली और खून की खराबी दूर हो जाती है। इसके साथ घी भी ले सकते है।
25. हल्दी :
- 3 बार दिन में और 1 बार रात में सोते समय दाद पर हल्दी का लेप लगाते रहने से लाभ होता है।
- हल्दी, सोना गेरू, शीतल चीनी और बावची को पानी में बराबर मात्रा में मिलाकर छान लें। फिर इसे 3 चम्मच की मात्रा में कांच के आधा गिलास पानी में मिलायें। इस पानी को छानकर इसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर प्रयोग करने से दाद कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
26. कासमर्द : कासमर्द के पत्तों का रस दाद पर लगाने से या पत्तों को पीसकर दाद पर बांधने से दाद ठीक हो जाता है।
27. बघण्डी : दाद के ऊपर बघण्डी का दूध लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
28. चकबड : चकबड़ के बीजों को मूली के पत्तों के साथ या नींबू के रस के साथ पीसकर दाद पर लगाने से लाभ होता है। जिन रोगों में त्वचा सूज जाती है उनमें ये लेप बहुत ही लाभकारी असर करता है।
29. कनेर :
- लाल या सफेद फूलों वाली कनेर (कनैल) जाति की जड़ को गाय के पेशाब में घिसकर लगाने से दाद, बवासीर, कुष्ठ (कोढ़) रोग ठीक हो जाते हैं।
- कनेर के पत्ते, आवंलासार, गंधक, सरसों का तेल और मिट्टी के तेल को मिलाकर मरहम सा बनाकर लगाने से दाद खत्म हो जाता है।
- कनेर की जड़ को सिरके में पीसकर दाद पर 2 से 3 बार नियमित रूप से लगाने से दाद दूर हो जाता है।
30. वनतुलसी : वनतुलसी के पत्तों का रस लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
31. लिसोड़ा : लिसोड़ा के बीजों की मज्जा को पीसकर दाद पर लगाने से दाद मिट जाता है।
32. करंज : दाद को नाखून से खुजालकर करंज के बीज के तेल में नींबू का रस मिलाकर रोजाना 2 से 3 बार लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
33. पारीष पीपल :
- पारीष पीपल के फल का रस दाद पर लगाने से दाद दूर हो जाता है।
- पारीष पीपल की फलों की राख तेल में मिलाकर दाद पर लगाने से दाद समाप्त हो जाता है। इसके साथ ही 30 से 50 मिलीलीटर इसके पेड़ की छाल का काढ़ा पीने से भी लाभ होता है।
34. दही : दही में बेर के पत्तों को पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
35. विसानी : विसानी के पत्तों को बारीक पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
36. चूना : पुराना चूना और तिली के तेल को एकसाथ मिलाकर लगाने से दाद साफ हो जाता है।
38. बेर : बेर की कोंपलों (मुलायम पत्ते) और लहसुन की कली को जलाकर घी में मिलाकर लगाने से दाद मिट जाता है।
39. सोंठ : चंदन, सोंठ, सुहागा को बराबर मात्रा में पीसकर लगाने से दाद जल्दी ठीक हो जाता है।
40. अनार :
- अनार के पत्तों को पीसकर दिन में 2 बार दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- अनार के पत्तों को छाया में सुखाकर चूर्ण बनाकर रोजाना 6 ग्राम ताजे पानी के साथ सेवन करने से दाद और खून के रोग ठीक हो जाते हैं।
41. अंजीर : अंजीर का दूध लगाने से गुठली-दाद जल्दी ही ठीक हो जाता है।
42. गुलबच : गुलबंच की मींगी (बीज) को घिसकर लगाने से गुठली-दाद ठीक हो जाता है।
43. अमलतास :
- अमलतास के पत्तों को मट्ठे में पीसकर दाद पर लगाने से दाद मिट जाता है।
- दाद को खुजालकर अमलतास के पत्तों का रस लगाने से दाद दूर हो जाता है।
- अमलतास की 10-15 ग्राम जड़ या जड़ के चूर्ण को दूध में उबालकर पीसकर लेप करने से दाह (जलन) और दाद में लाभ होता है।
- अमलतास के पत्तों को पीसें और उसमें लपसी मिलाकर लेप करें अथवा अमलतास के अंकुरों के रस का लेप करने से कुष्ठ (कोढ़), खुजली और विचर्चिका के चकत्तों में लाभ होता है।
- अमलतास के पंचाग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) को पानी के साथ पीसकर दाद-खुजली और दूसरे त्वचा के रोगों पर बहुत लाभ होता है।
44. सिंघाड़ा :
- सिंघाड़ा, सिंगी की जड़, हाऊबेर और भारंगी की जड़ को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से दाद मिट जाता है।
- नींबू के रस में सूखे सिंघाड़े को घिसकर लगाने से पहले तो दाद में जलन होगी औश्र फिर ठंड़क पड़ जायेगी। इसे कुछ दिन तक लगातार प्रयोग करने से दाद ठीक हो जाता है।
45. सेंधानमक : मिट्टी के तेल में सेंधानमक को चंदन की तरह पीसकर दाद पर लगाने से दाद बिल्कुल साफ हो जाता है।
46. कपूर : गंधक, कपूर और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ पीसकर लगाने से दाद मिट जाता है।
47. गेंदा :
- गेंदें के पत्तों को पीसकर दाद पर लगाने से दाद जल्दी ही ठीक हो जाता है।
- शरीर में जहां दाद हो वहां पर गेंदें के फूलों का रस निकालकर 2-3 बार रोजाना लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
48. नारियल : 100 मिलीलीटर नारियल के तेल में 20 ग्राम कपूर को मिलाकर लगाने से दाद दूर हो जाता है।
49. सरसों :
- 250 मिलीलीटर सरसों के तेल को आग पर चढ़ा लें। जब तेल उबलने लगे तब उसमें 50 ग्राम नीम की कोंपले (नयी मुलायम पत्तियां) डाल दें। जब कोंपलें जल कर काली पड़ने लगे, तब उसे उतारकर छान लें। इसको लगाने से थोड़े ही दिनों में एक्जिमा ठीक हो जाता है।
- पोस्टकार्ड को जलाकर उसकी राख बना लें। इस राख को सरसों के तेल में मिलाकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- दाद के रोग में सरसों के पत्ते के रस या तेल को लगाने से शान्ति मिलती है।
50. कटहल : कटहल के गर्म पत्तों को पीसकर लगाने से एक्जिमा ठीक हो जाता है।
51. जमीकन्द : जमीकन्द की सब्जी को लगातार काफी समय तक खाने से दाद ठीक हो जाता है।
52. चमेली : पैर के दाद में या किसी भी प्रकार के त्वचा के रोगों में चमेंली के पत्तों को पीसकर लेप करने से लाभ होता है।
53. सतौना : सतौना (सतवन) के दूध को पैर के दाद में लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
54. पपीता : पपीते का दूध दाद पर लगाने से दाद कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
55. केला : केले के गूदे को नींबू के रस में पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है। इसको लगाने से पहले तो दाद सूजा हुआ लगेगा, लेकिन डरे नहीं इसे लगाते रहने से दाद जल्दी ही ठीक हो जायेगा।
56. करेला : त्वचा रोग से पीड़ित रोगी के लिए कड़वे करेले की सब्जी खाना बहुत ही लाभकारी है। इसके साथ ही इसके पत्तों को पीसकर जिस स्थान पर दाद हो वहां पर लेप करने से लाभ होता है।
57. गंधक : 1 लीटर मिट्टी के तेल में लगभग 4 ग्राम आंवलासार-गंधक डालकर बोतल को 1 महीने तक धूप में रखे रहने दें। फिर ध्यान रखें की बोतल पर चंद्रमा की रोशनी न पड़े और फिर रूई से यह तेल दाद पर लगाने से दाद बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
58. शहद : शहद के साथ मजीठ को पीसकर लगाने से हर प्रकार के दाद और त्वचा के रोग ठीक हो जाते है।
59. तूम्बी : तूम्बी के कोयले को घी के साथ पीसकर लगाने से गुठली-दाद समाप्त हो जाता है।
60. हरड़ : हरड़ और चकबड़ को कांजी के साथ पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
61. विजयसार : विजयसार के पत्तों को पीसकर लेप करने से पैर का दाद ठीक हो जाता है।
62. कदम : जहां पर दाद हो उस स्थान को दाद से खुजालकर वहां पर कदम के पत्तों को पीसकर बांधने से आराम आ जाता है।
63. अंकोल : लगभग 0.6 ग्राम से 0.12 ग्राम अंकोल (अकोट) की जड़ की छाल को रोजाना 3 बार खाने से या इसके बीज का तेल या जड़ को पीसकर पैर के दाद और हर तरह के त्वचा के रोगों में लगाने से आराम होता है।
64. चालमोंगरा : दाद के ऊपर चालमोंगरा के तेल की मालिश या नीम के तेल की मालिश करने से 1 महीने में दाद ठीक हो जाता है। इसके 10 ग्राम तेल को 50 ग्राम वैसलीन में मिलाकर रख लेते हैं और काफी समय तक इसका प्रयोग करते रहते हैं।
65. ढाक :
- ढाक के बीजों को नींबू के रस के साथ पीसकर लगाने से दाद और खुजली में लाभ होता है।
- ढाक के बीजों को नींबू के रस में पीसकर बने लेप को 2-3 बार रोजाना लगाने से दाद नष्ट हो जाता है।
- ढाक (पलास) के बीज और कत्था बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ पीसकर दाद पर लगाने से दाद पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
- दाद पर ढाक (पलास) के बीज को नींबू के रस के साथ घिसकर लगाने से लाभ होता है।
66. मालकांगनी : मालकांगनी को कालीमिर्च के बारीक चूर्ण के साथ पीसकर दाद पर मलने से कुछ ही दिनों में दाद ठीक हो जाता हैं।
67. ग्वारपाठा : गाय की छाछ में ग्वारपाठे के बीजों को दाद पर लगाने से लाभ मिलता है।
68. छोंकर : छोंकर के पत्तों को गाय के दही में पीसकर लेप करने से लाभ मिलता है ।
69. दूब हरी : हल्दी के साथ बराबर मात्रा में दूब को पीसकर बने लेप को रोजाना 3 बार लगाने से दाद, खाज-खुजली और फुंसियों में आराम मिलता है।
70. मूंग : मूंग की दाल को छिलके के साथ इतने पानी में डालकर भिगों लें कि दाल उस पानी को सोख लें। 2 घंटे के भीगने के बाद दाल को पीसकर दाद और खाज पर लगाने से आराम आता है।
71. काली राई : काली राई को सिरके के साथ पीसकर लेप करने से दाद मिट जाता है।
72. ग्वारफली : ग्वारफली के पत्तों के रस और लहसुन के रस को साथ मिलाकर दाद (रिंगवर्म) पर लगाने से लाभ होता है।
73. गुलाब :
- नींबू के रस में बराबर की मात्रा में गुलाब का रस मिलाकर रोजाना लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- 50 मिलीलीटर गुलाबजल में 1 नींबू का रस मिलाकर रोजाना 3 बार दाद पर लगाएं। दाद और मुंहासों पर गुलाब का रस लगाने तथा 1-1 चम्मच दिन में 3 बार पीने से भी दाद ठीक हो जाता है।
74. अखरोट : सुबह-सुबह बिना मंजन-कुल्ला किये अखरोट की 5 से 10 ग्राम गिरी को मुंह में चबाकर लेप करने से कुछ ही दिनों में दाद मिट जाता है।
75. निर्मली : निर्मली के बीजों को पानी में घिसकर लगाने से दाद, छाजन, आंख का फूला और दर्द आदि रोग समाप्त हो जाते हैं।
76. पोदीना :
- पोदीने का रस दाद पर बार-बार लगाते रहने से दाद ठीक हो जाता है।
- शरीर के किसी भाग में दाद होने पर उस भाग पर पोदीने का रस लगाने से बहुत लाभ होता हैं। इस रस को 1 दिन में 2-3 बार जरूर लगाएं।
77. शहतूत : शहतूत के पत्तों को पीसकर लेप करने से दाद ठीक हो जाता है।
78. भटकटैया : भटकटैया के 7 से 14 मिलीलीटर पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) के रस को शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से दाद में लाभ मिलता है अथवा भटकटैया के 1 से 3 ग्राम पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) का चूर्ण शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से दाद ठीक हो जाता है।
79. पवांड़ (चक्रमर्द) :-
- पवांड (चक्रमर्द) की 200 ग्राम जड़ को अच्छी तरह पीसकर, 400 ग्राम मक्खन वाली दही में मिलाकर 3-4 दिनों तक मिट्टी के बर्तन में रख दें। 4-5 दिन में 2 बार इस लेप को दाद के स्थान पर मले और एक घंटे के बाद पानी से धो डालें। इससे 4-5 दिनों में ही दाद समाप्त हो जाता है।
- चक्रमर्द के पत्तों की सब्जी बनाकर सेवन करने से त्वचा के रोगों में लाभ मिलता है।
- त्वचा के रोग में चक्रमर्द के पत्तों की चटनी में गुड़, खटाई को मिलाकर (राई नहीं मिलानी चाहिये) खाने से लाभ होता है।
- चक्रमर्द की जड़ के काढ़े से दाद को धोते रहने या नहाने से त्वचा की बीमारी दूर होती है।
- 10 से 20 ग्राम चक्रमर्द (पवांड़) के बीजों को छाछ में भिगो दें। जब ये फूल जाये तो इन्हें पीसकर लेप (उबटन) बना लें, फिर इसे दाद पर लगा लें, 1 घंटे के बाद फिटकरी को मल दें और गर्म पानी से धो दें। 7 दिनों तक प्रयोग करने से दाद ठीक हो जाता है।
- 200 ग्राम चक्रमर्द के बीजों के चूर्ण को 450 मिलीलीटर दूध, 1 लीटर सरसों के तेल तथा 6 ग्राम गंधक को मिलाकर हल्की आग पर पका लें और तेल को बनाकर दाद पर दिन में 3-4 बार इस्तेमाल करने से दाद ठीक हो जाता है।
- चक्रमर्द के बीज, जीरा और थोड़ी सी सुदर्शन की जड़ को बराबर मात्रा में पीसकर जहां पर दाद हो वहां पर लेप करने से दाद समाप्त हो जाता है।
- 100 ग्राम चक्रमर्द के बीजों के चूर्ण को करंज के तेल में मिलाकर लगाने से त्वचा के रोग में लाभ होता है।
- 1 ग्राम चक्रमर्द के बीज, 1 ग्राम आंवला, 1 ग्राम राल, 1 ग्राम सेहुण्ड के दूध को कांजी के साथ मिलाकर पीसकर लेप तैयार कर लें। इस लेप को दाद पर लगाने से दाद दूर हो जाता है।
- 100 ग्राम चक्रमर्द के ताजे पत्ते, 100 ग्राम गंधक, 100 ग्राम राल, 100 ग्राम फिटकरी चौकिया, 100 ग्राम सुहागा और 100 ग्राम रस कपूर को थोड़े से पानी में पीसकर बेर जैसी छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इन गोलियों को पानी में घिसकर दाद पर लगाने से थोडे़ से समय में दाद में आराम मिल जाता हैं।
80. बबूल : सांप की केंचुली में बबूल का गोंद मिलाकर दाद के स्थान पर पट्टी बांधने से लाभ होता है।
(दवा,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
Achyutaya Hariom Pharma की मलहम के अच्छे परिणाम है ~ हरिओम
Hariom dad khaj khujli ki koi badhiya dawayi bataiye
Sir mere 3 saal se daad h aur beta hi ja rha h ..uske khujli bhut hoti h… Me ek saal se regular homiopathic medicine bhi le rhi hu fir bhi koi aram nhi mil rha… Plz koi acha suggestion dijiye jisse mujhe relax mile aur ye thik ho jaye….
सरजी मुझे काछ बार बार लग जाता….. और काछ मे मैल का परत जम जाता है…..बहुत सारे मलहम लगा लिए लेकिन कुछ. दिन राहत मिलने के बाद फिर से वही दिक्कत हो जाती है……कुछ अच्छा सा और सटीक उपाय बताए
मनीष जी ,
नारियल के तेल को दाग वाली जगह पर कुछ दिनों तक लगायें |काली त्वचा कुदरती सामान्य हो जायेगी |
~ हरिओम
Sir mera dinay thik ho gya hai lekin uska daag avi v hai mai iss daag ko kaise khatm karu
Maine dinay thik karne k liye Derobin medicine ka use kiya hua hai
HARIOM , BHAI BAHUT DHANYAWAD APKA