Last Updated on January 6, 2024 by admin
पाचन तंत्र कमजोर होना पीलिया का प्रमुख कारण है। पीलिया(Jaundice) के रोग का प्रभाव शरीर में खून बनने पर पड़ता है जिससे शरीर में ब्लड की कमी होने लगती है। इस रोग में अगर लापरवाही की जाये तो ये काला पीलिया बन जाता है जो जानलेवा रोग हो सकता है। पीलिया पुराना हो या नया घरेलू देसी नुस्खे और आयुर्वेदिक दवा से आप इसका उपचार कर सकते है। इस बीमारी से छुटकारा पाने में इलाज के साथ परहेज करना भी जरुरी है और जैसे ही पीलिये के लक्षण आपको दिखने लगे इसका उपचार शुरू करे। पीलिया तीन तरह का होता है, हेपेटाइटिस सी (काला पीलिया), हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस ए। इस लेख में हम जानेंगे home remedies for jaundice treatment in hindi.
पीलिया (Piliya) के लक्षण :
इसके लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते पर ये रोग जब बढ़ जाता है तब मरीज की आँखे और नाख़ून पीले पड़ जाते है, इसके इलावा पेशाब पीले रंग का आने लगता है और खाना ठीक से नहीं पचता। इसके इलावा कुछ और लक्षण भी है जिनसे पीलिया की पहचान कर सकते है।
- बुखार आना
- सिर दर्द होना
- आँखे दर्द होना
- भूख कम लगना
- उल्टी आना और जी मचलना
- कमज़ोरी आना और जल्दी थकान आना
पीलिया (Jaundice) के कारण :
- इंफेक्शन होने से
- लिवर कमज़ोर होने से
- शरीर में ब्लड की कमी होने से
- सड़क किनारे कटी, खुली और दूषित चीज़े खाने से
पीलिया के घरेलू उपाय :
पहला प्रयोगः एक केले का छिलका जरा-सा हटाकर उसमें 1 चने जितना भीगा हुआ चूना लगायें एवं रात भर ओस में रखें। सुबह उस केले का सेवन करने से पीलिया में लाभ होता है।
दूसरा प्रयोगः आकड़े की 1 ग्राम जड़ को शहद में मिलाकर खाने अथवा चावल की धोवन में घिसकर नाक में उसकी बूँद डालने से पीलिया में लाभ होता है।
तीसरा प्रयोगः 5-5 ग्राम कलमी शोरा एवं मिश्री को नींबू के रस में लेने से केवल छः दिन में पीलिया में बहुत लाभ होता है। साथ में गिलोय का 20 से 50 मि.ली. काढ़ा पीना चाहिए।
चौथा प्रयोगः आँवला, सोंठ, काली मिर्च, पीपर (पाखर), हल्दी और उत्तम लोहभस्म इन सबको बराबर मात्रा में लेकर मिला लें। दो आनी भार (करीब 1.5 ग्राम) जितना चूर्ण दिन में तीन बार शहद के साथ लेने से पीलिया का उग्र हमला भी 3 से 7 दिन में शांत हो जाता है।
पाँचवाँ प्रयोगः पीलिया में गौमूत्र या शहद के साथ 2 से 4 ग्राम त्रिफला देने से एक माह में यह रोग मिट जाता है।
छठा प्रयोगः दही में मीठा सोडा डालकर खाने से भी लाभ होता है।
सातवाँ प्रयोगः जामुन में लौहतत्त्व पर्याप्त मात्रा में होता है अतः पीलिया के रोगियों के लिए जामुन का सेवन हितकारी है।
पथ्यः पीलिया में केवल मूँग एवं चने ही आहार में लें। गन्ने को छीलकर एवं काटकर उसके टुकड़ों को ओस में रखकर सुबह खाने से पीलिया में लाभ होता है।
पीलिया दूर करने का मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु का… श्रीराम सर साधा… लक्ष्मण साधा बाण… काला-पीला-रीता…. नीला थोथा पीला…. पीला चारों झड़े तो रामचंद्रजी रहै नाम…. मेरी भक्ति…. गुरु की शक्ति…. फुरे मंत्र ईश्वरोवाचा।
काँसे के पात्र में जल भरकर, नीम के पत्तों को सरसों के तेल में भीगोकर इस मंत्र का जाप करते हुए रोगी को सात बार झाड़े। शीघ्र लाभ होगा।
पीलिया के उपचार हेतु कुछ देसी नुस्खे :
1. प्याज का प्रयोग पीलिया के उपचार में बेहद उपयोगी है। प्याज छील कर इसे बारीक़ काटे फिर पीसी हुई काली मिर्च, थोड़ा काला नमक और नींबू का रस इसमें मिलाकर हर रोज दिन में सुबह शाम सेवन करे।
2. ताजा मुल्ली के हरे पत्ते पीस कर रस निकाले और इसे छान कर पिए। इस उपाय से मरीज के जिगर की कमजोरी दूर होती है, पेट की आंते साफ़ होती है और भूख लगने लगती है।
3. जॉन्डिस के मरीज को प्रतिदिन ताज़ा गन्ने का जूस पीना चाहिए इससे पीलिया से जल्दी राहत मिलती है।
4. लहसुन की तीन से चार कलियाँ पीस कर इसे दूध के साथ ले, इससे पीलिया का जड़ से इलाज होता है और लिवर को ताकत मिलती है।
5. चने की दाल रात को पानी में भिगो कर रखे। सुबह इसमें से पानी निकाल ले और गुड़ मिलाकर खाए। लगातार कुछ दिन इस नुस्खे को करने पर जॉन्डिस में राहत मिलती है।
6. पीलिया के मरीज को गाजर और गोभी का रस बराबर बराबर मिलाकर एक गिलास पिए। इस जूस को कुछ दिन लगातार पीने पर पीलिया से जल्दी आराम मिलता है।
7. निम्बू का रस पीलिया में काफी फायदेमंद है। पीलिये से ग्रस्त मरीज को प्रतिदिन नींबू का रस पंद्रह से बीस एम एल दो से तीन बार पीना चाहिए। नींबू की शिकंजी बना कर पीना भी अच्छा है।
8. जॉन्डिस ठीक करने में टमाटर का प्रयोग भी अच्छा उपाय है। एक गिलास टमाटर जूस में नमक और थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर सुबह खाली पेट पीने से चमत्कारी तरीके से फायदा मिलता है।
9. गुड़ और पीसी हुई सौंठ मिला ले और ठंडे पानी के साथ लेने से इस रोग में आराम मिलता है।
10. ताजे आँवले का रस दस ग्राम एक चम्मच शहद में मिला कर हर रोज पिए इससे दो से तीन हफ्ते में पीलिया ठीक हो जायेगा।
रोगी को दिन में कम से कम 2 हरे नारियल का पानी पिलायें, नारियल तुरंत खोल कर तुरंत ही पानी पिलाना है, इसको ज्यादा देर तक रखना नहीं है. एक दिन के बाद ही पेशाब का कलर बदलना शुरू हो जायेगा. ऐसा निरंतर ४-५ दिन करने के बाद आप बिलकुल स्वस्थ अनुभव करेंगे. ऐसे में रोगी को जो भी इंग्लिश दवा दी जा रही हो उसको एक बार बंद कर दी जाए.. और अगर रोगी कि हालत बहुत सीरियस हो तो उसको इसके साथ में ग्लूकोस दिया जा सकता है. और बाकी पूरा दिन सिर्फ नारियल पानी पर ही रखें. ये प्रयोग अनेक लोगों पर पूर्ण रूप से सफल रहा है. लीवर में होने वाले किसी भी रोग के लिए भी इस प्रयोग को निसंकोच अपनाया जा सकता है.
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।
Nice Article