Last Updated on May 25, 2020 by admin
पेट दर्द क्यों होता है इसके कारण | pet dard kyo hota hai iske karn
उदर शूल परिचय का मोहताज नहीं है हाँ उदर में शूल कई कारणों से विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं जैसे—आन्त्रशूल, गुर्दे का दर्द, गैस, अफरा का दर्द तथा अन्य किसी कारण से उत्पन्न कई प्रकार के शूल जिसके कारण ऐंठन, तनाव खिंचाव, मरोड़ तथा आँतों की पेशी तन्तुओं में आक्षेप इत्यादि विकार उत्पन्न हो जाया करते हैं।
पेट दर्द का घरेलू इलाज : pet dard ka gharelu ilaj
1- पेट में जहाँ तीव्र दर्द होता हो उस स्थान पर आक के पत्ते पर पुराना घी चुपड़कर गर्म करके रखें तथा ऊपर से गरम किया हुआ फुलालैन (कपड़ा) या नामे (रुई) द्वारा पत्ते के ऊपरी भाग को कसकर व दवाकर कुछ समय तक सेकने से शीघ्र लाभ होता है। ( और पढ़े – पेट दर्द के 10 सफल देसी नुस्खे)
2- राई का चूर्ण 1-2 ग्राम की मात्रा में थोड़ी शक्कर के साथ खिलाकर ऊपर से 50-100 ग्राम जल पिलाने से उदर शूल में लाभ होता है।
3- अजवायन का चूर्ण खाकर ऊपर से गरम जल पीने से उदर-शूल में लाभ होता है । ( और पढ़े – अजवाइन के 129 चमत्कारी फायदे )
4- वच, कालानमक, हींग, कूठ व इन्द्रजौ, समभाग का चूर्ण कर 8 से 12 रत्ती की मात्रा में उष्ण जल से सेवन करना उदर शूल में लाभप्रद है।
5- पाचन क्रिया ठीक न होने वाले उदरशूल में भोजनोपरान्त कुछ दिनों निरन्तर थोड़ी मात्रा में सोया चबाने से उदर का अफरा, भारीपन तथा पीड़ा दूर होकर दस्त साफ आता है ।
6- अपच के कारण उदरशूल हो तो इमली के चीया(बिज) की राख 3-4 ग्राम, अजवायन 4 रत्ती में थोड़ा-सा शहद मिलाकर चटाने से लाभ होता है ।
7- अदरक का रस, नीबू का रस तथा कालीमिर्च का चूर्ण 1 ग्राम मिलाकर पिलाने से उदरशूल में लाभ होता है। ( और पढ़े – गुणकारी अदरक के 111 फायदे)
8- नीलगिरी के तेल की 5-6 बूंदों को 1-2 ग्राम शक्कर के साथ मिलाकर खिलाने से उदरशूल में तत्काल लाभ होता है।
9- उत्तम तारपीन का तेल 5 बूंद अर्क सौंफ तथा अर्क अजवायन के साथ देने से आवशूल तथा दूसरे शूलों में विशेष लाभ होता है।
10- नौसादर 15 ग्राम, टाटरी 10 ग्राम, सोड़ा बाईकार्ब 20 ग्राम, तीनों को पीसकर एक में मिलाकर रख लें । इसे 3 ग्राम की मात्रा में लेकर 150 ग्राम जल में डालें । जब झाग उठने लगे, तब तत्काल ही रोगी को पिला दें। औषधि पिलाते ही उदरशूल में शान्ति मिलेगी।
11- अश्वगन्धा चूर्ण 6 ग्राम को गुनगुने जल के साथ सेवन कराने से उदरशूल शान्त हो जाता है। यह योग विशेषत: गर्भवती स्त्रियों को अधिक लाभ देता है। इसमें यदि एक ग्राम इलायची-बीज चूर्ण तथा 2 रत्ती शंख भस्म भी मिला ली जाये तो कैसा भी दर्द हो 1 घण्टे के अन्दर शान्त हो जाता है । यह योग 6 माह के गर्भ के बाद से प्रसव काल तक होने वाले शंकास्पद उदरशूल में विशेष लाभप्रद है। ( और पढ़े – अश्वगंधा के 11 जबरदस्त फायदे )
12- अफीम आधी रत्ती, कपूर आधी रत्ती, खाने का सूखा चूना 4 रत्ती लें और खरल में मिलाकर गोली बना लें या कैपसूल में भर लें । इसकी एक मात्रा से ही रोगी का शूल शान्त हो जाता है। यदि 1 घण्टे बाद भी पुन: दर्द मालूम हो तो दूसरी बार पुनः सेवन करवा दें । तत्काल लाभ मिलेगा।
13- नीबू सत्व 3 ग्राम, कलमी शोरा 6 ग्राम, दोनों को बारीक पीस लें और 25 ग्राम मिश्री के शर्बत में मिलाकर पिलायें। मात्र 1-2 खुराक से ही उदर शूल में पूर्ण लाभ हो जाता है ।
14-अनार (Pomegranate) पेट दर्द मे बहुत फायदेमंद माना गया है। पेटदर्द में अनार के बीज थोडी मात्रा में नमक और काली मिर्च के साथ दिन में दो तीन बार लें।
15- मूली(Radish) की चटनी, सब्जी ,अचार, या मूली पर नमक, काली मिर्च डालकर खाने से पेटदर्द दूर होता हैं।
16- चौलाई(Amaranth) की सब्जी बनाकर खाने से पेट की लगभग सभी बीमारियां खत्म होती है।
17- सौंठ का आधा चम्मच चूर्ण और सेंधा नमक को एक गिलास पानी में गर्मकरके पीने से पेट दर्द खत्म हो जाता है।
18- इसबगोल(Isabgol) को दूध के साथ रात को सोते समय लेते रहने से पेट के दर्द में आराम मिलता है। ( और पढ़े – ईसबगोल के 41 चमत्कारिक औषधिय प्रयोग व फायदे )
19- नीबू के रस में काला नमक, जीरा, अजवायन चूर्ण मिलाकर दिन में तीन चार बार लेने से पेट दर्द से आराम मिलता है।
20- दो चम्मच ग्राम सौंफ रात भर एक गिलास पानी में गलाएं इसे सुबह खाली पेट छानकर पीयें पेट दर्द में आराम मिलता है।
21- 5 ग्राम हींग थोडे पानी में पीसकर पेस्ट बनाएं। इसे नाभी पर और उसके आस पास लगायें फिर कुछ देर लेटे रहें। इससे पेट की गैस निकल जायेगी और दर्द में राहत मिलेगी।
22- जीरा पेट दर्द में बहुत हि लाभदायक है। जीरा को तवे पर भून ले। 2-3 ग्राम की मात्रा गरम पानी के साथ दिन में 3-4 बार लें या वैसे ही चबाकर खाये शीघ्र लाभ प्राप्त होता है।
23- 10 ग्राम तुलसी का रस पीने से पेट की मरोड व दर्द जल्दी ही ठीक होता है।
24- त्रिफला के 100 ग्राम चूर्ण में 75 ग्राम चीनी मिलाले इस चूर्ण का 5 ग्राम की मात्रा में दिन में 2-3 बार पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट की सभी बीमारियां समाप्त होती हैं।
25- सूखा अदरक को मुहं मे चूसने से पेट दर्द में तुरंत राहत मिलती है। पेट दर्द में पानी में थोड़ा सा मीठा सोडा डालकर पीने से फायदा होता है। बिना दूध की चाय पीने से भी पेट दर्द में आराम महसूस होता हैं।
26- अजवाइन(celery) तवे पर भून लें। इसको काला नमक(Black Salt) के साथ मिलाकर 2-3 ग्राम गरम पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से पेट के दर्द में शीघ्र आराम मिलता है।
27- एक चम्मच अदरक(Ginger) के रस में 2 चम्मच नीबू(lemon) का रस और थोड़ी सी चीनी मिलाकर दिन में 3 बार लेने से भी पेट दर्द में आराम मिलता है।
पेट दर्द की आयुर्वेदिक दवा : pet dard ki ayurvedic dawa
अच्युताय हरिओम फार्मा द्वारा निर्मित पेट दर्द में शीघ्र राहत देने वाली लाभदायक आयुर्वेदिक औषधियां ।
1) हिंगादि हरड़ चूर्ण(Hingadi Harad Churna)
2) संत कृपा चूर्ण(Santkripa Churan)
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
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पेहला वर्षन में हम आसानी से शरीर के सभी रोगो का जानकारी मिलता था, जैसे पेट का रोग, मुंह का रोग,कान का रोग,,,, लेकिन इस वर्षन में ऐसा नहीं होता, किसी एक रोग को ढूंढने में बहुत परेषाणी हो रही है, कृपया इस का हल शीघ्र निकालीये।