Last Updated on August 1, 2021 by admin
हमारे पुराने ग्रंथों में पहले से ही भोजन के बारे में तथ्य दिया जा रहा है कि भोजन आधा पेट करना चाहिए, चौथाई पेट पानी पीना चाहिए और पेट की बाकी बची हुई जगह हवा के लिए रखनी चाहिए। लेकिन बहुत ही कम संख्या में लोग इस बात पर गौर करते हैं।
बहुत से लोगों का मानना है कि कम भोजन करने से शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता इससे शरीर कमजोर हो जाता है। यह बात बिल्कुल गलत है। शरीर के लिए वही भोजन उपयोगी होता है जो शरीर में अच्छी तरह से पच जाए।
यह बात आपको हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि आप जितना अधिक भोजन करेंगे उतने ही ज्यादा रोग शरीर को घेरेंगे। आप अपने ऊपर इसका प्रयोग करके देख सकते हैं। 3-4 दिनों तक कम मात्रा में भोजन करने से आपको भूखे पेट होने का अहसास होगा। लेकिन एक हफ्ते बाद पेट उसी के अनुकूल हो जायेगा। इसके बाद ध्यान से अपने शरीर और व्यवहार को देखें। आप देखेंगे कि आपके शरीर में चेतना अधिक होती है। फिर अपने कम खाने के महत्व को समझकर आप अपने जीवन में इसका उपयोग करते रहेंगे। जिन लोगों की उम्र संसार में बहुत ज्यादा है वह लोग हमेशा कम भोजन ही खाते आए हैं।
(इसे भी पढ़े : भोजन करते समय कही आप भी तो नही करते यह गलती )
स्वस्थ निरोगी शरीर के लिये भोजन करने के नियम (Bhojan Karne ka Niyam)
कैसे करें भोजन ?
- भूख अच्छी तरह लगने के बाद ही खाना खायें।
- भोजन उतना ही खाना चाहिए जितने से भूख शांत हो जाये।
- भोजन के पहले निवाले को अच्छी तरह चबाने के बाद ही दूसरा निवाला लें।
- भोजन में कई तरह के खाद्य पदार्थ न लेकर कम और सादा भोजन करना चाहिए ताकि पाचन क्रिया पर बेकार का बोझ न पड़े।
- भोजन ध्यान लगाकर और शांति के साथ करना चाहिए।
- रात के समय सोने से तीन घंटे पहले भोजन करना चाहिए।
- दुबारा भोजन करने के बीच में कम से कम 5 से 6 घंटे का फासला होना चाहिए।
- सोने के बाद उठकर तुरंत ही खाना नहीं खाना चाहिए।
- चिंता, शोक, थकान और जल्दबाजी में खाना नहीं खाना चाहिए।
- भोजन करते समय बिजनेस, समाज आदि से जुड़ी समस्याओं पर बात नहीं करनी चाहिए।
- भोजन में मिर्च-मसाले जैसे तेज पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- गले में जलन और गंदी वायु बनने पर भोजन न करें।
- बिना पचने वाला और वजनदार भोजन भूलकर भी न करें।
- जहां तक संभव हो सके अधपका भोजन ही करना चाहिए (फल और सलाद अंकुरित आदि)।
- बासी भोजन करने से कई तरह के रोग हो जाते हैं।
- भोजन करते समय बीच-बीच में पानी न पिये या तो भोजन से 30 मिनट पहले पानी पिये या भोजन के 40 से 60 मिनट बाद पानी पिये।
- मैदा, सफेद चीनी, पॉलिश किया हुआ चावल आदि पदार्थों के सेवन से बचें।
- भोजन में नमक, मिठाइयां, मसाला, घी आदि की मात्रा घटायें।
- चाय, कॉफी, तली हुई चीज धूम्रपान, शराब, और खाने के तंबाकू आदि के सेवन से बचें।
- सप्ताह में एक दिन रस और पानी पीकर रहना चाहिए।
- चोकर मिलाकर आटे की रोटी खायें।
- फल और सब्जियां धोकर प्रयोग करें।
- भोजन करने से पहले और बाद में हाथ धोयें कुल्ला करें और भोजन करने के बाद दान्त अच्छी तरह से साफ करें।
- खाना खाते समय बातें नहीं करनी चाहिए।
- भोजन करते हुए चलचित्र या टेलीविजन नहीं देखना चाहिए।
- भोजन करने के बाद मूत्र त्यागने की आदत डालनी चाहिए।
- दूध हमेशा सुबह नाश्ते के समय पीना चाहिए।
- बहुत ज्यादा गर्म व बहुत ज्यादा ठंड़ी वस्तुएं खाने से हमारी पाचनक्रिया पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
- भोजन के बाद मट्ठा पीना बहुत ही लाभदायक होता है।
- एक बार खाने के बाद दूसरी बार खाने से पहले शरीर स्वस्थ न रहे तो दूसरी बार का खाना नहीं लेना चाहिए।
- दूध के मुकाबले दही आसानी से पचता है।
- भोजन करने के बाद 3 घंटे तक पति पत्नी को संसार व्यवहार नहीं करना चाहिए।
- मूत्र त्यागने के बाद 10 मिनट तक खाना या पीना सेहत के लिए हानिकारक होता है।