Last Updated on August 25, 2020 by admin
मलेरिया क्या होता है ? : Malaria kya Hota Hai
इस ज्वर को विषम ज्वर, मौसमी या ऋतु ज्वर, मच्छरों से पैदा होने वाला ज्वर, जाड़े का बुखार, बरसाती ज्वर, फसली ज्वर, जूड़ीताप या जूड़ीज्वर अथवा जडैया ज्वर आदि के नामों से भी जाना जाता है। मलेरिया एक प्रकार का संक्रामक रोग है। यह रोग कई प्रकार के परजीवियों के द्वारा होता है। ये परजीवी मादा मच्छर के शरीर में होते हैं। इन परजीवियों को एनोफलीज कहते हैं।
मलेरिया के लक्षण : malaria ke lakshan in hindi
Malaria Symptoms in Hindi
मलेरिया हुआ है, यह निम्नलिखित मोटे-मोटे लक्षणों से पता चलता है:
1. इस ज्वर में ठंड बहुत लगती है। कंपकंपी लगी रहती है।
2. अत्यधिक ठंड के साथ तेज बुखार भी हो जाता है।
3. शरीर का हर अंग दर्द करता है। सिर दर्द तो काफी बढ़ जाता है।
4. यह लगातार भी रह सकता है। एक या दो दिन के अंतराल से भी होता रहता है, मगर जब होता है, तो ठिठुरन बनी रहती है।
5. इस रोग से पीड़ित रोगी के सिर में दर्द भी होता रहता है।
6. मलेरिया रोग के कारण रोगी के शरीर मे खून की कमी भी हो जाती है।
7. जिस व्यक्ति को मलेरिया रोग होता है उसके पैरों में दर्द होता है।
मलेरिया के कारण : malaria ke karan
Malaria Causes in Hindi
1- इस रोग में मादा मच्छर के शरीर में एक प्रकार का कीटाणु (एनोफलीज)होता है। जब मादा मच्छर किसी व्यक्ति को काटती है तो यह कीटाणु उस व्यक्ति के खून में चला जाता है, जिसके कारण व्यक्ति को मलेरिया रोग हो जाता है।
2- इस रोग के उत्पन्न होने का मुख्य कारण घर के आसपास कूडा जमा होना, पानी एकत्रित होना आदि है। यह मच्छर पानी या सड़ने वाले पदार्थ में पैदा होता है। मलेरिया रोग अधिकतर बारिश के मौसम में होता है। इस मौसम में नाले आदि में जमा पानी धूप पड़ने से सड़ने लगता है ।
3- गलत खान-पान तथा दोषपूर्ण जीवन शैली भी इस रोग की जन्मदाता हो सकती है।
मलेरिया का परीक्षण :
Diagnosis of Malaria in Hindi
मलेरिया बुखार है या नहीं, यह खून की जांच से पता चल जाता है। कुनैन की गोली खाने से मलेरिया पर काबू पाया जा सकता है। सरकार ने ‘मलेरिया उम्मूलन अभियान चलाया था, फिर भी यह कहीं-न कहीं सिर उठा लेता है। सहीं इलाज मिलने से मलेरिया जल्दी खत्म हो सकता है।
मलेरिया का घरेलू इलाज और नुस्खे : Malaria ka Gharelu ilaj
Malaria Home Remedies in Hindi
मलेरिया बुखार के लक्षण सामने आते ही, इसके कारणों को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। इसी से यह रोग खत्म हो सकता है। स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
1. आलू बुखारा के बीज आधा तोला लें। मलेरिया ज्वर होने के दो घंटे बाद इसका सेवन कर पानी पिएं। इसे दिन में एक बार फिर दोहराएं। जब तक ठीक समझें, लेते रहें।
2. आधा चम्मच भुनी फिटकरी का चूर्ण दो चम्मच देसी खांड़ के साथ दिन में चार बार लें। जब एक-दो-तीन दिन छोड़कर बुखार के आसार बनें, तो उसे खिलाएं। फिर हर दो घंटे बाद इसी मात्रा की खुराक दोहराकर दिन में चार बार लें। ( और पढ़े –फिटकरी के 33 जबरदस्त फायदे )
3. तुलसी के ताजा बारह पत्ते और पांच काली मिर्च के दानों को पीसे तथा पानी में डालकर एक सप्ताह तक लगातार पिलाएं।
4. तीन माशे पान में खाया जाने वाला चूना, पांच तोला पानी में घोलें और इसमें एक नीबू पूरा निचोड़कर मिलाएं। कुछ देर यों ही रखने के बाद पानी निथारकर पिलाएं। जैसे-जैसे बुखार आने के कारण ठिठुरन होने लगे, इसे पिलाना चाहिए। चार दिनों तक रोजाना दोहराएं।
5. 60 ग्रा. नीम के ताजे पत्तों, काली मिर्च के चार दानों के साथ पीसकर आधा पाव पानी में मिलाकर पिलाएं। मलेरिया का प्रभाव खत्म हो जाएगा। ( और पढ़े – नीम के 51 कमाल के फायदे)
6. एक भाग सेंधा नमक में चार भाग बूरा (चीनी) पीसकर आधा चम्मच की एक खुराक के हिसाब से दिन में तीन खुराकें गरम पानी के साथ दे। मलेरिया खत्म हो जाएगा।
7. तुलसी के 22 पत्ते और काली मिर्च के 20 दानों को पीसकर एक बॅडे कप पानी में चाय की तरह उबालें। जब आधे से कम पानी रह जाए, तो इसमें पिसी मिसरी मिलाकर ठंडा होने दें । मलेरिया का ज्वर उतरने के बाद इसे पिलाएं।
8. तुलसी के पत्ते और काली मिर्च-दोनों की बराबर मात्रा लेकर चबा चंबाकर खाने से फायदा मिलेगा। ( और पढ़े – तुलसी के 71 लाजवाब फायदे )
9. 3 रत्ती पीपल का चूर्ण और 3 रत्ती जवाखार को 6 माशे गुड़ में मिलाकर आधा सुबह, आधा शाम को खाने से मलेरिया बुखारें नहीं रहता।
10. नीम की छाल, धनिया और सोंठ के काढे से मलेरिया ज्वर ठीक हो जाता है।
11. पीपल के चूर्ण को शहद में मिला दिनों तक खाते रहने से | रोग जड़ से उखड़ जाता है।
12. आक के पत्ते में नमक मिलाकर सुखा ले, फिर जलाकर राख बना ले। इस राख में शहद मिलाकर खाएं।
13. काली मिर्च, करंजवे की गिरी और सम्हालू के हरे पत्ते-तीनों को 3-3 माशा लेकर पीसें। फिर इसकी 12 गोलियां बनाएं। जब ज्वर होने का आभास हो, तो हर एक घंटे बाद एक गोली खिलाएं। मलेरिया रुक जाएगा।
14. काला जीरा, सोंठ काली मिर्च, एलूआ, करंजवे की मींगी तथा वकायन की निबौली को एक साथ पीस लें। पिसे हए में पानी के छींटे लगाकर चने के बराबर गोलियां बना लें। हर तीन घंटे के बाद गरम पानी से एक गोली के हिसाब से दिन में तीन बार ले। मलेरिया रोग नहीं रहेगा।
15. दस ग्राम काली तुलसी के पत्ते के रस में तीन ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर दिन में दो बार, प्रातः तथा सायं खिलाएं। मलेरिया खत्म हो जाएगा।
मलेरिया से बचाव और सावधानियां : Malaria se Bachne ke Upay
Prevention of Malaria in Hindi
1. यदि मलेरिया रोग से पीड़ित रोगी को ठंड लग रही हो तो रात को सोते समय उसके पास गर्म पानी की बोतल रखकर उसे कम्बल औढ़ा देना चाहिए। इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
2. लौकी लेकर पैर के तलवों तथा हथेलियों पर रगड़ने से ठंडक मिलेगी तथा बुखार कम हो जाएगा।
3. बार-बार पानी पीना भी लाभदायक होता है।
4. प्याज और पुदीना की चटनी बनाकर खिलाएं।
5. ताजा फलों में अंगूर, अनार, संतरा आदि खिलाएं।
6. आलू बुखारा, चकोतरा, चीकू भी खिलाने से बुखार घटता है तथा सहनशीलता बढ़ती है।
7. घर-आंगन में सफाई रखें। मच्छर न होने दें। पानी भरा रहना मच्छर पैदा करता है।
8. घास-फूस, कूड़ा या तो दूर फेंके या जला दें।
9. अपने घर में गंधक और गूगल की धूनी देकर मच्छरों को भगाएं।
10.नीम की सूखी पत्तियां जलाएं।
मलेरिया की दवा : Malaria ki dawa
Medicines for Malaria in Hindi
मलेरिया में शीघ्र राहत देने वाली लाभदायक आयुर्वेदिक औषधियां |
1) तुलसी अर्क (Tulsi Ark)
2) नीम अर्क (Neem Ark)
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)