Last Updated on July 24, 2019 by admin
गाय के दूध की जितनी मात्रा हो उससे आधी मात्रा में पानी मिलाकर उसमे सोने की वस्तु (शुद्ध सोने का साफ़ सुथरा गहना चलेगा) डालकर धीमी आंच पर पानी जल जाने तक उबालें l देशी नस्ल की गाय के दुःख में प्राकृतिक रूप से स्वर्णक्षार पाए जाते हैं l स्वर्ण के साथ दुःख उबालने से स्वर्ण में स्थित स्वर्णक्षार भी दूध में मिल जाते हैं l यह स्वर्णसिद्ध गौदुग्ध रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है l इसका सेवन कर वृद्ध लोग भी तंदुरुस्त रह सकते हैं l सोना न हो तो चांदी का भी उपयोग किया जा सकता है l