Last Updated on July 23, 2021 by admin
लो ब्लड प्रेशर के कारण (Low BP ke Karan in Hindi)
- इस रोग के मुख्य कारणों में दुर्बलता, अधिक उपवास, पौष्टिक भोज्य पदार्थों तथा जल की कमी है ।
- शारीरिक व मानसिक परिश्रम की अधिकता, यक्ष्मा, मानसिक आघात, शरीर से अधिक रक्त बह जाना आदि हैं।
- लो ब्लड प्रेशर विटामिन बी तथा सी की कमी के कारण भी हो जाता है।
- गुर्दे तथा आंते पूरी तरह सक्षम न रहने से भी यह रोग सिर उठाने लगता है।
- यह जीवन से रूखापन तथा परिवारिक संबंधों में आत्मीयता की कमी हो जाने से भी हो जाता है।
- जो जीवन में निराश रहने लगे, अपने लक्ष्य में बार-बार असफल होता रहे, उसे भी निम्न रक्तचाप की तकलीफ हो सकती है।
लो ब्लड प्रेशर(लो बीपी) के लक्षण (Lo BP ke Lakshan in Hindi)
- इस रोग में रोगी की नब्ज धीमी और छोटी हो जाती है।
- रोगी थोड़ा सा परिश्रम करने से ही थक जाता है और उसे गश (चक्कर) आ जाता है।
- रोगी का श्वास फूलने लगता है।
- रक्त भार मापक यन्त्र द्वारा देखने पर रक्त चाप 110 से 30 तक हो जाता है। उचित चिकित्सा से जीवन आराम से कट जाता है ।
- रोग पुराना होने पर सदैव सिरदर्द बना रहता है तथा सिर चकराता रहता है।
- काम में मन नहीं लगता। सब-कुछ छोड़ देने को मन करता है।
- थोड़ी सी मेहनत से भी चिड़चिड़ा पन होना ।
- याददाश्त की कमी ।
- इस रोग के रोगी का आलस्य, अनुत्साह, शरीर का दुर्बल होना प्रमुख लक्षण होते हैं।
- मानसिक अवसाद।
लो बीपी के घरेलू उपाय और नुस्खें (Low BP ka Gharelu Upchar in Hindi)
रोग का मूल कारण दूर करें तथा कब्ज न होने दें। हृदय, जिगर, तिल्ली तथा आँतों को स्वस्थ रखें, मनोविकारों से बचें।
1). काली मिर्ची – 5-8 गुरबंदी बादाम व 3-4 काली मिर्ची को पीसकर एक चम्मच देसी घी में भूनें। जब भून कर लाल हो जाए तो ऊपर से 7-8 किशमिश भी घी में छोड़ दें। ऊपर से लगभग 400 ग्राम दूध बरतन में डाल दें। दस-पन्द्रह मिनट उबलने के बाद उतार लें। गुनगुना रह जाए तो पहले काली मिर्च, बादाम व किशमिश खूब चबाकर खाएं, ऊपर से दूध पी लें। यह प्रयोग सुबह-शाम करें। पहले दिन से ही रक्तचाप सामान्य होना शुरू हो जाएगा।
2). चुकंदर – ताजा चुकंदर का रस भी बड़ा लाभकारी रहता है। एक छोटा गिलास चुकंदर का ताजा रस प्रात: और इतना ही सायं के समय पिएं। 10 दिनों तक पीने से आप इस रोग से बच जाएंगे।
3). संतरा – संतरे का रस नमक डालकर पीने से लाभ करता है। ( और पढ़ें – निम्न रक्तचाप के लिए 25 घरेलू उपचार)
4). आंवला – आधा कप पानी में आंवले का रस तथा नमक डालकर पीने से निम्न रक्तचाप ठीक हो जाता है। ( और पढ़ें – उच्च रक्तचाप के 14 घरेलु उपचार )
5). पौष्टिक आहार – निम्न रक्तचाप को पौष्टिक आहार लेना चाहिए। दूध, दही, मट्ठा, मक्खन, घी आदि जितना आसानी से पचा सके, सेवन करें।
6). नमक – निम्न रक्तचाप में नमक की मात्रा सामान्य से बढ़ा दें। फायदा होगा। ( और पढ़ें – हाईब्लड प्रेशर के 18 घरेलु उपाय )
7). नीबू – निम्न रक्तचाप में नीबू-पानी भी लाभ देता है। दिन में तीन बार एक-एक गिलास नमक मिला नीबू-पानी पीना चाहिए। रोग काबू में रहेगा। ( और पढ़ें – नींबू खाने के 6 बड़े लाभ )
8). मट्ठा (छाछ) – मट्ठा बड़ा उपयोगी रहता है। एक भरा हुआ गिलास प्रात: और एक दोपहर बाद पीना शुरू करें। दो सप्ताह से ही इस रोग के लक्षण खत्म होने लग जाएंगे।
9). शहद – आंवलों का रस और शहद दो-दो चम्मच मिलाकर सुबह शाम चाटें। ( और पढ़ें – आँवला रस पिने के 16 फायदे )
10). तुलसी – 15-20 तुलसी की पत्तियों का रस व एक चम्मच शहद, एक कटोरी दही में मिलाकर लें।
11). पालक – टमाटर, अंगूर, पालक, गाजर, संतरा, चुकंदर का प्रयोग करें।
लो ब्लड प्रेशर की आयुर्वेदिक दवा (Low BP Ayurvedic Dawa in Hindi)
लौह भस्म, नवायस लौह, पुनर्नवा मंडूर, लोहासव, अभ्रक भस्म, हीरा भस्म आदि का प्रयोग निम्न रक्तचाप की चिकित्सा हेतू किया जा सकता है।
लो ब्लड प्रेशर में क्या खाएं (BP Low me Kya Khana Chahiye)
- हृदय की अधिक कमजोरी के लिए पौष्टिक तथा लघुपाकी आहार दें।
- कोमल शैय्या इस्तेमाल करायें तथा रोगी को पूर्ण विश्राम हेतु निर्देशित करें।
- रोग ठीक होने के बाद शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु हल्के व्यायाम, सुबह की सैर तथा महा नारायण तैल की सम्पूर्ण शरीर पर मालिश कराना अतीव गुणकारी है।
लो ब्लड प्रेशर होने पर क्या नहीं खाये (BP Low me Kya Nahi Khana Chahiye)
- अधिक तला हुआ, मसालेदार भोजन ना करे।
- ज्यादा समय तक धूप में रहना आपके लिए हानिकारक हो सकता ही इससे बचें।
- चाय या कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- एक बार में भरपेट भोजन ना करे, थोड़े-थोड़े अंतराल में भोजन करे।
- अधिक परिश्रम से बचें ।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)