Last Updated on July 24, 2019 by admin
महिलाओं का अधिकतम समय किचन में ही बीतता है। वास्तुशास्त्रियों के मुताबिक यदि वास्तु सही न हो तो उसका विपरीत प्रभाव महिला पर, घर पर भी पड़ता है। किचन बनवाते समय इन बातों पर गौर करें।
किचन की ऊँचाई 10 से 11 फीट होनी चाहिए और गर्म हवा निकलने के लिए वेंटीलेटर होना चाहिए। यदि 4-5 फीट में किचन की ऊँचाई हो तो महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कभी भी किचन से लगा हुआ कोई जल स्त्रोत नहीं होना चाहिए। किचन के बाजू में बोर, कुआँ, बाथरूम बनवाना अवाइड करें, सिर्फ वाशिंग स्पेस दे सकते हैं।
किचन में सूर्य की रोशनी सबसे ज्यादा आए। इस बात का हमेशा ध्यान रखें। किचन की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि इससे सकारात्मक व पॉजिटिव एनर्जी आती है।
– किचन हमेशा दक्षिण-पूर्व कोना जिसे अग्निकोण (आग्नेय) कहते है, में ही बनवाना चाहिए। यदि इस कोण में किचन बनाना संभव न हो तो उत्तर-पश्चिम कोण जिसे वायव्य कोण भी कहते हैं पर बनवा सकते हैं।
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– किचन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा प्लेटफार्म हमेशा पूर्व में होना चाहिए और ईशान कोण में सिंक व अग्नि कोण चूल्हा लगाना चाहिए।
– किचन के दक्षिण में कभी भी कोई दरवाजा या खिड़की नहीं होने चाहिए। खिड़की पूर्व की ओर में ही रखें।
– रंग का चयन करते समय भी विशेष ध्यान रखें। महिलाओं की कुंडली के आधार पर रंग का चयन करना चाहिए।
– किचन में कभी भी ग्रेनाइट का फ्लोर या प्लेटफार्म नहीं बनवाना चाहिए और न ही मीरर जैसी कोई चीज होनी चाहिए, क्योंकि इससे विपरित प्रभाव पड़ता है और घर में कलह की स्थिति बढ़ती है।
– किचन में लॉफ्ट, अलमारी दक्षिण या पश्चिम दीवार में ही होना चाहिए।
– पानी फिल्टर ईशान कोण में लगाएँ।