Last Updated on November 19, 2019 by admin
Sar Dard ka gharelu ilaj in hindi
सिर दर्द में कपाल (ललाट) के दोनों ओर की कनपटियों में तेज दर्द होता है जिसे सिर दर्द कहते हैं। सिर दर्द 11 तरह के होते हैं- वातज, शंखक, अर्द्धविभेदक, सन्निपातज, रक्तज, क्षयज, पित्तज, कफज, कृमिज, सूर्यावर्त और अनन्तवात। सिर दर्द अपने आप में कोई रोग नहीं है और यदि सिर दर्द बिना किसी कारण के उत्पन्न होता है तो यह 2 या 3 दिन में अपने आप ठीक हो जाता है।
सिर दर्द का कारण : sir dard ka karan
- सिर की नसों से अधिक खून बहने के कारण सिर दर्द हो सकता है।
- रक्तचाप (ब्लडप्रैशर) बढ़ जाने या कम होने पर भी सिर दर्द होता है।
- बुखार में मस्तिकावरणगत धमनियों में फैल जाने के कारण सिर दर्द होता है।
- अधिक गुस्सा करने से दिमाग पर जोर पड़ता है जिससे सिर दर्द होता है।
- अधिक चिन्ता करने से दिमाग की मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाने के कारण सिर दर्द होता है।
- नींद कम आने और नींद न आने से सिर दर्द होता है।
- खून में जहरीले द्रव्य बनना, मूत्र रोग, कब्ज और अपच आदि पैदा होने के कारण सिर दर्द होता है।
- सिर में फोड़ा, सूजन और पानी भरने से सिर दर्द होता है।
- आंखों की कमजोरी एवं आंख, कान, नाक, गले और दांतों के रोग होने पर भी सिर दर्द होता है।
- बुखार, सर्दी-जुकाम, गर्मी की अधिकता, खून की कमी, दिमाग की कमजोरी, खून में खराबी, शरीर के किसी अंग का रोगग्रस्त होना, मधुमेह आदि रोगों के कारण भी सिर दर्द होता है।
- अधिक काम करने, एक ही काम को लगातार करने तथा एक ही वातावरण में लम्बे समय तक रहने के कारण भी सिर दर्द होता है।
- अधिक देर तक किताब पढ़ने, बिस्तर पर लेट कर टेलीविजन देखने और धूप में अधिक देर तक घूमने से सिर दर्द होता है।
सिरदर्द के घरेलू उपचार : sar dard ke gharelu upay in hindi
पहला प्रयोगः घोड़ावज या वायसर (ईश्वर बेल की जड़) का लेप सिर पर लगाने से अथवा नाक में सरसों के तेल की बूँदे टपकाने से सिरदर्द में लाभ होता है।
दूसरा प्रयोगः लहसुन की 1 से 5 कलियों को 1 ग्राम नमक के साथ पीसकर भोजन के साथ सेवन करने से वात्तिक सिरदर्द में लाभ होता है।
तीसरा प्रयोगः जब सिरदर्द सता रहा हो तब ध्यानमुद्रा में शांत होकर बैठ जायें अथवा दोनों हाथों की कोहनियों के 1-1 सेन्टीमीटर ऊपर केवल सात मिनट के लिए कसकर रूमाल बाँध दें। इससे सिरदर्द में आराम मिलेगा।
चौथा प्रयोगः गर्मी के कारण सिरदर्द होता हो तो धनिया पीसकर सिर पर लगायें।
पाँचवाँ प्रयोगः जिसका सिर बहुत दुःखता हो वह दाँतों से जीभ को थोड़ा बाहर निकाल कर तर्जनी उँगली(अँगूठे के पास वाली) को अँगूठे से दबाकर ‘0’ बनाये। ऐसा दिन में तीन बार 2-2 मिनट तक करें। इससे अनेक प्रकार के दर्द मिट जाते हैं।
छठा प्रयोगः प्रतिदिन भोजन करने के बाद सिर में कंघी करने से सिर की पीड़ा दूर हो जाती है।
सिरदर्द के तीन मुख्य कारण होते हैं- जुकाम, कब्जियत और पित्तप्रकोप। इन्हें दूर किये बिना सिरदर्द नहीं मिटता।
सातवाँ प्रयोगः सिर तथा नाक में कफ भर जाने पर काली मिर्च के बारीक पाउडर को नास की तरह लेने से कफ निकलकर छींक आकर सिर हल्का हो जायेगा।
आठवा प्रयोगः आधा तोला नौसादर तथा दो आनी भार (1.5 ग्राम) कपूर को पीसकर सूँघने से सिर की तीव्र पीड़ा मिटती है।
विशेष : ” अच्युताय हरिओम अमृत द्रव्य ‘सभी प्रकार के सरदर्द में तुरंत राहत देता है
सर्दी का विभिन्न औषधियों से उपचार-
पोदीना :
- सिर पर हरे पोदीने का रस निकालकर लगाने से सिर दर्द दूर होता है।
- पोदीने के पत्ते को पानी में पीसकर माथे पर लेप करने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
कालीमिर्च :
- लगभग 4 कालीमिर्च, 3 ग्राम अदरक और 7-8 तुलसी के पत्तों को हल्का सा कूटकर पानी में उबालकर चाय बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाला सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- कालीमिर्च और धनिये को पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द तुरन्त ही खत्म हो जाता है।
- कालीमिर्च, लौंग और तुलसी के पत्तों को पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- कालीमिर्च और चूल्हे की जली हुई मिट्टी को बारीक पीसकर सूंघने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।
घी :
- सुबह नाक के नथुनों में गाय के घी 3-4 बूंद डालने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- घी और दूध को अधिक मात्रा में लेने से पित्तजन्य (गर्मी) के कारण होने वाला सिर दर्द ठीक हो जाता है।
- सिर पर घी को मलने और सूंघने से सिर का दर्द मिट जाता है।
- पैरों के तलवों पर रात को सोते समय घी की मालिश करने से अकारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- नियमित रूप से भोजन के रूप में शुद्ध देशी घी खाने से सिर के सभी रोग दूर हो जाते हैं।
भृंगराज (भांगरा) :
- भांगरे के तेल को ठंड़ा करके सिर पर लगाने और तेल की मालिश करके ठंड़े पानी की पटि्टयों को सिर पर रखने से गर्मी के दिनों में धूप में घूमने के कारण होने वाला सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- भांगरे के रस और बकरी का दूध बराबर मात्रा में मिलाकर धूप में रखकर गर्म करें और सूंघने से सिर का दर्द और आधासीसी का दर्द ठीक हो जाता है।
- भांगरे का रस और गाय का दूध बराबर मात्रा में लेकर पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- दशमूल की जड़ों से निकाले तेल और भांगरे के तेल को मिलाकर लगाने से तेज सिर दर्द दूर हो जाता है।
चंदन :
- लाल चंदन, मुलहठी, खस, खिरैंटी, नील-कमल और नखी को बराबर मात्रा में लेकर गाय के दूध के साथ पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से पित्तज के कारण होने वाला सिर दर्द ठीक हो जाता है।
- लगभग 10-10 ग्राम सफेद चंदन का चूर्ण, छोटी इलायची, देशी कपूर व शर्करा और 5 ग्राम नीम की छाल और 50 ग्राम नौसादर को मिलाकर बारीक चूर्ण बनाकर सूंघने अथवा थोड़े से पानी के साथ सिर पर लगाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है। इसके अलावा बिच्छू के विष और बर्र का विष और चोट में भी यह लाभकारी होता है।
- लाल चंदन को जल में घिसकर माथे पर लगाने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
- शुद्ध सन्दल (चंदन) के इत्र को माथे पर लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।