सौ साल जीने की आयुर्वेदिक सरल विधियाँ | 100 Saal Jeene ke Tips

Last Updated on February 10, 2020 by admin

मनुष्य अपने भाग्य का विधाता स्वयं होता है और उसके काम, रहन-सहन, दिनचर्या और खानपान पर ही उसका भविष्य तथा स्वास्थ्य निर्भर करता है।

भगवान ने मनुष्य को कम-से-कम 100 साल की आयु दी है परन्तु यह मनुष्य विशेष पर निर्भर करता है कि वह अपने को कितने दिनों तक स्वस्थ रखता है। इसके लिए कुछ नियम हैं जो कि हमारे पूज्य ऋषि-मुनियों तथा आयुर्वेदाचार्यों द्वारा बनाये गये हैं। इन नियमों का पालन करने वाला पूरी क्षमता और नीरोग रहकर 100 साल तक जीवित रहता है।

सौ साल जीने के उपाय :

  1. सुबह करीब 4 बजे सोकर उठे सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों को देखें। फिर ईश्वर का स्मरण या प्रणाम करें। उसके बाद यह देखने की कौन सी नाक छिद्र से श्वास चल रही है। फिर जिस छिद्र से श्वास चल रही है उसके उल्टे पैर को धरती पर रखें तथा धरती माता को प्रणाम करें।
  2. रात में सोने से पहले ताँबे के साफ-सुथरे बर्तन में शुद्ध जल भरकर रख दीजिए। सुबह नित्य क्रिया के बाद ताँबे के बर्तन में रखे पानी को मुँह में पूरा भर लीजिए और दोनों आँखें खोलकर धीरे-धीरे उसी पानी से छीटें मारिये। इससे आँखों की ज्योति बढ़ती है।
  3. आँवला का रस और घृतकुमारी का रस दोनों एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह खाली पेट और रात में खाना खाने के आधा घण्टे बाद सेवन करने वाला व्यक्ति तो निस्सन्देह 100 साल तक स्वस्थ जीवन जी सकता है।
  4. शाम में तीन-चार गिलास शुद्ध पानी ताँबे के बर्तन में रख लें। सुबह उसे गुनगुना कर लें और पैरों के पंजों के बल बैठकर पानी को पी जायें। इससे अगर ठेहुना में दर्द है तो वह ठीक हो जाएगा। अगर नहीं है तो जिन्दगी भर होने की सम्भावना नहीं रहती है।
  5. स्नान करते समय सबसे पहले पानी माथे पर डाले। सिर से होते हुए पानी पैरों से बहेगा। इससे मस्तिष्क ठंडा रहता है। इसके बाद पैरों के तलवे को पत्थर के टुकड़ें या ईंट के टुकड़ें से रगड़-रगड़ कर साफ करना चाहिए। इससे चेहरा आकर्षक होकर सारा दिन खिला रहता है।
  6. इसके बाद साफ खादी या मोटिया कपडा के तौलिया से सारा शरीर को पोंछे। तौलिया से पीठ और गरदन का पिछला भाग रगड़-रगड़ कर साफ करें। इसके बाद साफ-सुथरा मोटा वस्त्र पहनें। इससे सारा दिन मन प्रसन्न रहता है।
  7. सुबह का नाश्ता हल्का, सुपाच्य तथा फलों का सेवन जरूर करना चाहिए। नाश्ता या खाना खाने के बाद सौ कदम चलकर 5 से 10 मिनट व्रजासन में अवश्य बैठें।
  8. पूर्व दिशा की ओर मुँह कर खाना चबा-चबा कर खाना चाहिए। इससे आयु बढ़ती है और उत्तर दिशा में मुँह कर खाना खाने से दुश्मन पर विजय मिलती है।
  9. भोजन करने से पहले हाथ और पैरों को ठण्डे पानी से धोकर पाँच-दस मिनट तक हँसना चाहिए। इससे अमृत के समान सभी तरह का लाभ मिलता है। भोजन के बाद कुछ मिनटों तक अग्नि का ध्यान करना चाहिए।
  10. रात्रि में थोड़ा हल्का भोजन करना चाहिए। निद्रा में बाधा पड़ती है।
  11. रोज-रोज जो कार्य करते हैं, सप्ताह में कम-से-कम एक दिन उससे मुक्त रहकर आराम कीजिए। प्रतिदिन एक ही कार्य करने से शरीर थक जाता है और आयु भी कम हो जाती है।
  12. सूर्यास्त के समय सोना, नहाना, पढ़ना और भोजन नहीं करना चाहिए। इस समय जप, ध्यान और प्राणायाम करना चाहिए।
  13. आयुर्वेद के तीन उपस्तम्भ हैं-आहार, निन्द्रा और ब्रह्मचर्य। इनका पालन अवश्य करें।
  14. मानव को स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद, श्रम, व्यायाम और संतुलित आहार अत्यन्त ही आवश्यक है।
  15. आहार की गलतियाँ अत्यन्त हानिकारक होती हैं।
  16. गर्मी में गुनगुना तथा ठण्ड में ठण्डे पानी से स्नान करना चाहिए। यह आयुर्वेद का सिद्धान्त एलोपैथ से बिलकुल उल्टा है।
  17. दूध का झाग बहुत लाभदायक होता है इसलिए दूध को गुनगुना कर खूब उलट-पुलट कर झाग पैदा कर ही पीना चाहिए।
  18. कम-से-कम 15-20 मिनट तक भोजन चबा-चबा कर प्रसन्नचित होकर करना चाहिए। इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि जल्दी-जल्दी भोजन करना अत्यन्त ही हानिकारक होता है।
  19. रात में दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
  20. अगर किसी प्रकार का रोग शरीर में हो गया है तो शान्त तथा चुप रहना अत्यन्त ही लाभकारी होता है।
  21. सोने की थाली में खाना खाने से आयु बढ़ती है और आँखों की ज्योति भी बढ़ती है।
  22. चाँदी की थाली में खाना खाने से आँखों का तेज बढ़ता है। कफ, पित्त तथा वायु सन्तुलित रहता है।
  23. काँसे की थाली में खाना खाने से बुद्धि बढ़ती है, रक्त शुद्ध होता है।
  24. पत्थर या मिट्टी की थाली में कभी भी खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि धन तथा लक्ष्मी का नाश होता है।
  25. लोहे की थाली में खाना कभी भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि बुद्धि का नाश होता है।
  26. कफ, खाँसी और सर्दी तथा बुखार में शिवलिंग मुद्रा करनी चाहिए। इसके लिए दोनों हथेलियों की अंगुलियों को एक-दूसरे के साथ इस तरह मिलायें कि दायें हाथ का अंगूठा ऊपर की ओर रहे।
  27. सोना, चाँदी, ताँबा और लोहा का पानी अत्यन्त ही पौष्टिक और शरीर के विकास के लिए जेनरल Tonic है।
  28. ताँबा के पात्र में पानी पीना उच्च रक्त चाप, आर्थराइटिस, पोलियो, मानसिक तथा कुष्ठ रोग में अतीव लाभकारी है।
  29. चाँदी के बरतन में पानी पीने से पाचन क्रिया तथा मूत्राशय सम्बन्धी सभी रोगों का नाश होता है।
  30. सोने के पात्र में पानी पीने से श्वास क्रिया, फेफड़ा के रोग, हृदय और मस्तिष्क सम्बन्धी सभी रोगों में अत्यन्त लाभ री होता है।
  31. एक ग्राम सोना, 2 ग्राम चाँदी , 4 ग्राम ताँबा और 4 ग्राम लोहा का सिक्के बना कर 4 गिलास पानी में चारों को डाल कर उबालें जिससे की एक गिलास पानी जल जाए तो उसे छानकर गुनगुना ही सुबह में खाली पेट पंजे के बल बैठकर पी जाइए। यह सभी प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए, जेनरल टॉनिक का अद्वितीय कार्य करता है। इस पानी को पीते समय नींबू, छाछ आदि खट्टे पदार्थों का सेवन निषिद्ध है।
  32. इसके साथ ही प्रतिदिन भस्रिका, कपालभाति, बाह्य, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत, नाड़ी शोधन पूरे आठ प्राणायाम और सात सूक्ष्म व्यायाम तथा सात योगासन प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए जिससे कि शरीर सदा स्वस्थ रहे।
  33. प्रकृति ने मानव शरीर में जितने भी अंग (Machine) बनाये हैं ठीक उन्हीं के आकार से मिलता-जुलता उसने हमें फल भी प्रदान किया है। जिनका सही तरीके से सेवन करने पर उन अंगों के रोग दूर हो जाते हैं। जैसे-अखरोट का आकार मस्तिष्क से, बादाम का आकार आँख से, सेव का आकार हृदय से, अंगूर का आकार फेफड़े से, काजू का आकार किडनी से, आम / पपीता का आकार जठर से, अमरूद / नाशपाती का आकार अंडपिंड और केला-यौन शक्ति के आकार का होता है।

इन बातों पर ध्यान देने और अपनाने से निस्संदेह व्यक्ति 100 साल तक नीरोग तथा स्वस्थ रह सकता है।

1 thought on “सौ साल जीने की आयुर्वेदिक सरल विधियाँ | 100 Saal Jeene ke Tips”

  1. *🌹सुबह उठो तो थोड़ी देर विश्रांति पाकर प्रार्थना करके बाद में “अपना जिस नथुने से श्वास चलता है वही हाथ मुंह को उसी तरफ घुमाकर वही पैर धरती पे रखोगे “तो आपको कार्यों में भी सफलता की मदद मिलेगी…. विघ्न बाधाएँ आराम से टलेंगे । लेकिन ईश्वर केवल विघ्न बाधा टालने के लिए नहीं है ! ईश्वर तो पाने के लिये है ! आप सम्राट से चपरासी का काम ज्यादा दिन मत लेना।*

    *🌹- पूज्य बापूजी*🌹

Leave a Comment

Share to...