Last Updated on November 15, 2019 by admin
लीची पेयः यह कमजोरी दूर कर शरीर को पुष्ट करता है। हृदय के लिए हितकर है व पाचनक्रिया को मजबूत बनाता है। उत्त्म स्वास्थ्य हेतु यह स्वादिष्ट व शीतलता प्रद मिश्रण है।
संतरा पेय व संतरा शरबत- संतरे के स्वाद व किन्नु रस से युक्त। यह खून की कमी व कब्ज में लाभदायक है। पाचनतंत्र को मजबूत बनाता है तथा हृदय एवं आँखों के लिए हितकर है। शक्ति व स्फूर्ति प्रदायक है तथा त्वचा चमकदार व कोमल बनती है। यह कोलेस्ट्रोल को कम करने की क्षमता रखता है। कैल्शियम और विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग दूर करने में यह बहुत उपयोगी है।
सेब पेयः उत्त्म सेवफलों का चयन करके आपके उत्तम स्वास्थ्य हेतु पोषण और स्वाद से भरपूर अनोखा मिश्रण। कहा गया है- “प्रतिदिन एक सेवफल खाओ और डॉक्टर को दूर ही रखो।”
आँवला अदरक पेयः यह आँवला अदरक पेय मानव शरीर के लिए अत्यंत गुणकारी है। यह रसायन का कार्य करता है, साथ ही रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके निरंतर सेवन से कब्ज में राहत मिलती है, आँखों की रोशनी बढ़ती है, शरीर का अम्लीय और क्षारीय स्तर संतुलित रहता है।
मैंगो ओज- आम के रस से सातों धातुओं की वृद्धि होती है। यह उत्तम हृदयपोषक है। वीर्य की शुद्धि व वृद्धि करता है तथा आलस्य को दूर करता है। मूत्र साफ लाता है। गुर्दे व मूत्राशय के लिए शक्तिदायक है। दुबले-पतले एवं वृद्ध लोगों को पुष्ट बनाने हेतु यह उत्तम पेय है।
अनानास पेय- यह पित्त विकारों, पीलिया, गले एवं मूत्र संस्थान के रोगों में लाभदायक है। इससे रोगप्रतिरोधक क्षमता, पाचनशक्ति बढ़ती है। यह हड्डियों को मजबूती तथा शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
पलाश शरबत- इसके सेवन से तुरंत शीतलता व स्फूर्ति आती है। पित्तजन्य रोग (जलन, तृष्णा आदि) शांत हो जाते हैं। गर्मी सहन करने की शक्ति मिलती है तथा कई प्रकार के चर्मरोगों में लाभ होता है। यह मूत्रसंबंधी विकारों में भी लाभदायी है। पलाश रसायन अर्थात् बुढ़ापा एवं उससे उत्पन्न रोगों को दूर रखने वाला तथा नेत्रज्योति व बुद्धि वर्धक है।
ब्राह्मी शरबत- बुद्धिवर्धक तथा स्फूर्तिदायक इस शरबत के सेवन से ज्ञानतंतु व मस्तिष्क पुष्ट होते हैं, दिमाग शांत व ठंडा होता है। बौद्धिक थकावट, स्मरणशक्ति की कमी, मानसिक रोग, क्रोध, चिड़चिड़ापन दूर होकर मन बुद्धि को विश्रांति मिलती है। ब्राह्मी जैसे गंध वाले कृत्रिम फ्लेवर नहीं, शुद्ध ब्राह्मी का शरबत हो तब ये लाभ मिलते हैं।
आँवला रस- यह गर्मीनाशक, वीर्यवर्धक व त्रिदोषशामक है। यह दीर्घायु तथा यौवन प्रदान करता है। कांति तथा नेत्रज्योति वर्धक व पाचनतंत्र को मजबूती देने वाला है। इसके सेवन से स्फूर्ति, शीतलता व ताजगी आती है। हृदय व मस्तिष्क को शक्ति मिलती है। आँखों व पेशाब की जलन, अम्लपित्त, श्वेतप्रदर, बवासीर आदि पित्तजन्य अनेक विकारों में लाभ होता है। हड्डियाँ, दाँत व बालों की जड़ें मजबूत बनती हैं एवं बाल काले होते हैं।
प्राप्ति स्थान- सभी संत श्री आशाराम जी आश्रम व समितियों के सेवाकेन्द्र।
पलाश शरबत, आवला अद्रक शरबत, ब्राम्ही शरबत कैसे बनाते हैं। क्रुपया इसकी और मुद्रा के संबंधित सविस्तर मार्गदर्शन करनेकी क्रुपा करें।