आंखों के तारामंडल में जलन की होम्योपैथिक दवा और इलाज – Aankhon mein Jalan ki Homeopathic Dawa aur Upchar

Last Updated on February 6, 2023 by admin

आंखों के तारामंडल में जलन रोग क्या है ? : 

       आंखों की पुतली के चारों ओर जो रंगीन मण्डल दिखाई देता है उसे तारामंडल कहते हैं। इस तारामंडल में जब जलन होती है तब इसका ठीक प्रकार से उपचार करना चाहिए नहीं तो आंखों में जाला पड़कर या मोतियाबिन्द होकर बिल्कुल ही दिखाई देना बंद हो सकता है। वात दोष के कारण उत्पन्न सूजाक रोग एवं किसी प्रकार से आंखों पर चोट लगना आदि कारणों से आंखों के तारामंडल में जलन होती है।

आंखों के तारामंडल में जलन होने पर लक्षण :

       आंखों से कम दिखाई देना, एकदम न दिखाई देना। दिये या सूर्य की रोशनी में परेशानी होती है, आंखें बंद करने पर दर्द होता है तथा दोनों कनपटी में सुई गड़ने की तरह दर्द होता है।

आंखों के तारामंडल में जलन का होम्योपैथिक इलाज ( Aankhon mein Jalan ka Homeopathic Ilaj)

तारामंडल में जलन होने पर विभिन्न औषधियों के द्वारा उपचार:-

1. आर्निका:- किसी प्रकार से चोट लगने के कारण तारामंडल में जलन होने पर आर्निका औषधि की 3 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। उपचार करने के लिए आर्निका- मदर टिंचर औषधि की 10 बूंदें आधा पाव पानी में मिलाकर दिन में तीन-चार बार आंखों को धोने से रोग ठीक होता है।

2. ऐकोनाइट:- यदि तारामंडल में जलन होने के साथ ही बुखार हो तो ऐकोनाइट औषधि की 3X की मात्रा का उपयोग करना चाहिए।

3. बेलेडोना:- इस रोग को ठीक करने के लिए इसकी 3 शक्ति की मात्रा का उपयोग करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।

4. आर्सेनिक:- ग्रन्थिवात के कारण यदि तारामंडल में जलन हो रही हो तो इस औषधि का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए कोलोसिन्थ, काक्युलस या सल्फर औषधि का भी उपयोग कर सकते हैं। इन औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।

5. एसिड-फास:- सुजाक रोग के कारण उत्पन्न इस प्रकार के रोग को ठीक करने के लिए एसिड-फास औषधि का उपयोग कर सकते हैं। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए मर्क-सोल तथा आर्जेण्टम नाइट्रिकम औषधि का उपयोग कर सकते हैं। रोग को ठीक करने के लिए इन सभी औषधियों की 6 शक्ति का उपयोग करना चाहिए।

6. रस टॉक्स:- ठंड लगने से आंखों में सूजन, उपतारा की सूजन हो जाए तो रस टॉक्स उपयोगी है। वात-व्याधि के रोगी के इस रोग में रस टॉक्स देना चाहिए। मोतियाबिन्द के ऑपरेशन के बाद अगर उपतारा की सूजन हो जाए, पलकें सूज जाए, आंख खोलते ही झर-झर पानी बहने लगे तो इस औषधि की 30 शक्ति का सेवन करना चाहिए।

(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)

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