एडिसन रोग के लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार

Last Updated on November 22, 2022 by admin

एडिसन रोग क्या है ? (Addison’s disease in Hindi)

एड्रिनल ग्रन्थि (Adrenal Glands) को ‘उपवृक्क ग्रन्थि ‘ भी कहते हैं क्योंकि यह ग्रन्थि दोनों गुर्दों के ऊपर स्थित होती है। इस ग्रन्थि से एड्रिनलीन नामक स्राव निकलता है। इसके अभाव में एडिसन रोग हो जाता है । शरीर दुर्बल, रोग से लड़ने की क्षमता कम तथा यौन क्रिया में शिथिलता आ जाती है। व्यक्ति चिड़चिड़ा तथा संवेगात्मक तनाव रहता है।

एडिसन रोग के लक्षण (Addison’s disease ke Lakshan in Hindi)

रोग के लक्षण तब प्रकट होते हैं, जब एड्रिनल ग्रंथि का 90 प्रतिशत से अधिक भाग काम करना बंद कर देता है।

  • एडिसन रोग से पीड़ित रोगी में कमजोरी आ जाती है,
  • उल्टी के लक्षण उत्पन्न होते हैं ,
  • रोगी की नाड़ी कमजोरी पड़ जाती है।
  • इस रोग के होने से शरीर की त्वचा पर काले-काले दाग-धब्बे बन जाते हैं।
  • इस रोग में रोगी का रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बहुत कम हो जाता है।
  • इस बीमारी से मासिकधर्म बंद हो जाने एवं बंध्यापन की शिकायत हो जाती है।

विभिन्न औषधियों से एडिसन रोग का इलाज (Addison’s disease ka Ilaj in Hindi)

1. गोरखमुण्डी : गोरखमुण्डी का रस 25 से 50 मिलीलीटर की मात्रा में 2-2 घंटे के अन्तर पर लेने से एडिसन रोग में लाभ होता है, रक्तचाप सामान्य अवस्था में आ जाता है और त्वचा के काले धब्बे खत्म हो जाते हैं। इसका उपयोग कुछ दिनों तक करने से लाभ मिलता है।

2. कपूर :

  • कपूर लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से एडिसन रोग में लाभ हो रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) सामान्य होता है।
  • कपूर का रस 5 से 20 बूंद बतासे पर डालकर प्रतिदिन 2 से 3 बार लेने से रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) में लाभ होता है।

3. मंजीठ (मंजिष्ठ) : मंजीठ का काढ़ा 20 से 40 मिलीलीटर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से एडिसन रोग के कारण त्वचा पर उभरे दाग-धब्बे खत्म हो जाते हैं।

4. तुम्बरू (तेजफल) : तुम्बरू का चूर्ण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से एडिसन रोग में लाभ मिलता है और क्षय हो रहे छोटे गुर्दे ठीक होते हैं।

5. चनसुर : उपवृक्क (एड्रिनल ग्रन्थि) क्षय तथा अन्य ग्रंथि रोगों में चनसुर 5 से 10 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से रोग खत्म होता है और शरीर की कमजोरी भी दूर होती है।

6. लहसुन : लहसुन का टिंचर 3.50 से 7 मिलीलीटर को सुबह-शाम सेवन करने से एडिसन रोग या किसी भी प्रकार के टी.वी रोगों में लाभ मिलता है।
नोट – टिंचर कुछ हफ्तों के लिए ऐल्कोहॉल में विशिष्ट औषधि को भिगोकर बनाया गया एक हर्बल अर्क है ।

7. लाल चीता (चित्रक) : लाल चीता (चित्रक) आधा से दो ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से एडिसन रोग (उपवृक्क क्षय) के रोगियों का रोग ठीक होता है। इसके प्रयोग करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और शरीर स्वस्थ होता है

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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