Last Updated on March 28, 2022 by admin
अल्जाइमर रोग क्या है ? Smruti Bhransh / Alzheimer’s Disease in Hindi
अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का एक प्रकार है जिसके होने पर व्यक्ति की याददाश्त कम होने लगती हैं। वो सही समय पर ठीक से कोई निर्णय लेने में, बोलने में और चीज़ों को समझने में भी दिक्कतें होने लगती हैं। 2015 में हुए एक सर्वे के आधार पर ऐसा अनुमान है। की पूरे विश्व में लगभग 30 मिलियन लोग इससे पीड़ित है। यह रोग रोगी के शारीरिक व मानसिक रूप से काम करने पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है।
अल्जाइमर का पता कैसे चलता है :
- शुरुआत में इसके मरीजों को कई बातें भूलने की बीमारी होती है। धीरे-धीरे यह बीमारी इतनी प्रबल हो जाती है कि व्यक्ति रोजमर्रा की छोटी-छोटी बातें भी भूलने लगता है।
- कुछ समय बीतने पर वह लोगों के नाम, अपने घर का पता या नंबर, खाना,बैंक संबंधी काम, नित्य क्रिया, दैनिक कार्य तक भूलने लगते है।
- अलजाइमर से पीड़ित इंसान के लिए किसी नयी जानकारी या घटना को याद करना और याद रख पाना मुश्किल हो जाता है।
- धीरे धीरे पुरानी यादें भी मिटती रहती हैं।
अल्जाइमर (स्मृतिभ्रंश) के क्या लक्षण है : Alzheimer (Smruti Bhransh) ke Lakshan
- अपना घर का पता भूलना, अपने आसपास के माहौल तक को व्यक्ति भूल जाता है।
- भूलने की बीमारी होने पर पीड़ित व्यक्ति को कोई सामान्य दिनचर्या , खाना पकाने में कठिनाई होने लगते हैं।
- अल्जाइमर रोग से पीड़ित व्यक्ति को बोलने में दिक्कतें आने लगती हैं यहां तक की साधारण वाक्य या शब्द तक नहीं बोल पाता।
- ना सिर्फ बोलने में फर्क आता है बल्कि उसकी लेखनशैली बदल जाती है।उसकी लिखावट को पहचान पाना मुश्किल होता है।
- कोई भी निर्णय लेने में उसे काफी दिक्कतें आती हैं।
- अपनी चीजों को रखकर भूल जाना भी एक बड़ी समस्या बन जाती हैं।
- अचानक मूड में बदलाव आ जाना।
- बिना वजह गुस्सा करना ।
- बिना वजह घंटों तक एक ही काम में व्यस्त रहना सभी अल्जाइमर रोग के लक्षण है ।
अल्जाइमर (स्मृतिभ्रंश) के क्या कारण है : Alzheimer (Smruti Bhransh) ke Karan
अल्जाइमर रोग होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन अधिकांश मामलों में इसके कारणों का पता नही चलता है। केवल लगभग 5 प्रतिशत रोगियों में इसके कारण ज्ञात होते है –
- कुछ मामलों में हाई ब्लड प्रेशर होना, डायबिटीज होना और लाइफस्टाइल खराब होना भी इसकी एक बड़ी वजह है।
- किसी दुर्घटना के दौरान सिर में चोट लगने से भी भूलने का रोग हो जाता है।
आयुर्वेद और अल्जाइमर (स्मृतिभ्रंश): Alzheimer (Smruti Bhransh)
आयुर्वेद के ग्रंथो में इस बीमारी का वर्णन स्मृतिभ्रंश नाम से मिलता है जो उन्माद और अपस्मार जैसे रोगों का भी एक प्रमुख लक्षण माना गया है। इसमें रोगी धीरे धीरे भूलने की बीमारी से परेशान हो जाता है। उन्माद नामक बीमारी में मन, बुधि, संज्ञा, ज्ञान ,स्मृति, भक्ति, शील, चेष्टा, और आचार यानी आदते धीरे धीरे खराब होने लगती है तथा कुछ समय के बाद जब पूरी तरह स्मृति का नाश हो जाता है तब इसे अपस्मार कहते है। इन सभी रोगों को मानस रोगों के अंतर्गत वर्णन किया गया है और विस्तार से इसकी चिकित्सा भी बताई गयी है।
अल्जाइमर (स्मृतिभ्रंश) का आयुर्वेद चिकित्सा: Alzheimer ka ilaj in Hindi
इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर आयुर्वेद चिकित्सा प्रारम्भ कर देनी चाहिए। इसकी चिकित्सा संशमन और संशोधन दोनों प्रकार से की जाती है।
1-संशमन चिकित्सा : संशमन चिकित्सा के अंतर्गत अश्वगंधा, सर्पगंधा, शंखपुष्पी, ब्राम्ही, ज्योतिष्मती, हरिद्रा, कपिकछू आदि औषधियों का चूर्ण बनाकर गाय के दूध के साथ ले सकते है। इसके अलावा पंचगव्य घृत, ब्राम्ही घृत आदि बहुत से सैकड़ो औषधियों के द्वारा योग्य वैद्य की देखरेख में इसकी सफल चिकित्सा की जा सकती है। मानस रोगों में घृत से बनी औषधियों का अत्यधिक मात्रा में प्रयोग करते है।
2-संशोधन चिकित्सा : संशोधन चिकित्सा में पंचकर्म चिकित्सा करते है जिसमे से शिरोधारा और शिरोबस्ति से बहुत लाभ मिलता है। ( और पढ़े –यादशक्ति बढ़ाने के सबसे शक्तिशाली 12 प्रयोग )
अल्जाइमर की आयुर्वेदिक दवा :Alzheimer ki Ayurvedic Dawa
अल्जाइमर (स्मृतिभ्रंश) में शीघ्र राहत देने वाली लाभदायक आयुर्वेदिक औषधियां ।
- शंखपुष्पी सिरप
- स्मृति वर्धक चूर्ण
- ब्राह्मी घृत
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)