Last Updated on April 6, 2023 by admin
बच्चों के रोने के कारण :
- जब कोई बच्चा किसी बीमारी से पीड़ित रहता है तो वह अधिक रोता है। बच्चे में रोग के कारण गुस्से के साथ रोने का स्वभाव पैदा हो जाता है। ऐसे में बच्चे के रोने का कारण जान लेना चाहिए कि बच्चा क्यों रो रहा है। बच्चे के रोने के कारणों का पता लगाने के कुछ लक्षण है जैसे- यदि बच्चा रोते समय अपने कान को बार-बार पकड़ता है तो समझना चाहिए कि बच्चे को कान का रोग है।
- यदि बच्चा रोते हुए बार-बार अपनी अंगुली मुंह में रखता है तो इसका अर्थ है कि बच्चे का दांत निकल रहा है। बच्चे को दांत निकलते समय मसूढ़ों में गुदगुदी व दर्द होने के कारण वह बार-बार मिट्टी को मुंह में डालता रहता है।
- बच्चा बार-बार रोता है और अपने पैर को सीधा नहीं रखता है। वह बार-बार पैर को मोड़कर पेट में लगाता रहता है इस तरह की हरकते बच्चा अधिकतर तब करता है जब उसके पेट में ऐंठन सा दर्द होता है।
- यदि बच्चा कर्कश आवाज में रोता हो तो समझना चाहिए कि बच्चे को सांसनली में परेशानी है।
- बच्चे को खांसी आती है और वह खांसते-खांसते रोता रहता है तो ऐसे लक्षणों का अर्थ है कि बच्चे को छाती की बीमारी है।
- यदि बच्चा कड़े आवाज में फूट-फूटकर रोता है तो वह बच्चा फेफड़ों के रोग से पीड़ित है।
- कभी-कभी चींटी आदि के काट लेने पर भी बच्चा व्याकुल होकर रोता रहता है।
बच्चे के अधिक रोने पर होम्योपैथिक इलाज (Bacche ke Adhik Rone par Homeopathic Ilaj)
रोग और उसमें प्रयोग की जाने वाली औषधियां –
1. ऐकोनाइट- यदि बच्चे का शरीर गर्म हो, त्वचा सूखी हो, बच्चा बेचैन रहता हो और उसे ठीक से नींद न आने के कारण अधिक रोता हो तो ऐसे लक्षणों में बच्चे को ऐकोनाइट औषधि की 3x का सेवन कराना चाहिए।
2. बेलेडोना- यदि बच्चे का सिर गर्म रहता है और आंख व चेहरे लाल रहते हो तथा बच्चे सोने पर अचानक चौंककर नींद से उठ जाता हो ऐसे लक्षणों में बच्चे को बेलेडोना औषधि की 6 शक्ति देनी चाहिए।
3. कैमोमिला- बच्चे का स्वभाव अधिक चिड़चिड़ा हो जाता है, वह हमेशा रोता रहता है और वह हमेशा गोद में बैठकर ही रहना चाहता है एवं नीचे उतारते ही रोने लगता है। बच्चे को बुखार होने के साथ पेट में ऐंठन सा दर्द होता है जिसके कारण वह अपने दोनों पैरों को सिकोड़कर पेट में लगाकर लेटा रहता है। इस तरह के लक्षणों से पीड़ित बच्चे को कैमोमिला औषधि की 3 शक्ति की मात्रा सेवन कराना हितकारी होता है। इस औषधि का प्रयोग बच्चे के दांत निकलते समय उत्पन्न विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक करने में भी लाभकारी होती है। यदि ऐसे लक्षणों में कैमोमिलाल से यदि लाभ न हो तो रुबिनिका कैम्फर औषधि की 2 बूंदें देने से अवश्य लाभ होता है।
4. काफिया- यदि बच्चे को स्नायविक उत्तेजना के कारण नींद न आती हो तो उसे काफिया औषधि की 6 शक्ति का सेवन कराना उचित है।
5. नक्स–वोमिका- कभी-कभी बच्चे के पेट में कब्ज बनने के कारण या पेट फूल जाने के कारण भी रोता रहता है। पेट फूलने या कब्ज के कारण रोने वाले बच्चे को नक्स-वोमिका औषधि देनी चाहिए।
6. मैग्नेशिया-फास- पेट में दर्द होने के कारण बच्चा अधिक रोता है और बेचैन रहने लगता है। ऐसे लक्षणों में बच्चे को मैग्नेशिया-फास औषधि की 6x का चूर्ण को गर्म पानी में मिलाकर सेवन कराने से लाभ होता है।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)